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देश में कोरोना संक्रमण के नये वेरिएंट का खतरा, डेल्टा + के 7 नये मामले : जानें कितना है खतरनाक ?

इस नये और मजबूत प्रकार को AY.1 या डेल्टा + के नाम से पहचाना जा रहा है. यह वायरस इतना खतरनाक है जिसे कोरोना वायरस का इलाज माना जा रहा है वह इससे भी लड़ने में कारगर है. यह संक्रमण का नया प्रकार मोनोक्लोनल एंटीबॉडी कॉकटेल से भी लड़ सकता है, जो इसे अबतक का सबसे खतरनाक प्रकार बना रही है.

कोरोना संक्रमण का सबसे खतरनाक वेरिएंट डेल्टा संस्करण जिसके सबसे पहले भारत में मामले आये थे ये पहली बार भारत में ही मिला था. इस वायरस के और खतरनाक होने और रूप बदलकर और मजबूत होने की आशंका जाहिर की गयी है.

इस नये और मजबूत प्रकार को AY.1 या डेल्टा + के नाम से पहचाना जा रहा है. यह वायरस इतना खतरनाक है जिसे कोरोना वायरस का इलाज माना जा रहा है वह इससे भी लड़ने में कारगर है. यह संक्रमण का नया प्रकार मोनोक्लोनल एंटीबॉडी कॉकटेल से भी लड़ सकता है, जो इसे अबतक का सबसे खतरनाक प्रकार बना रही है.

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इंग्लैंड की एक सरकारी एजेंसी की मानें तो इस पर हुए नये शोध के अनुसार डेल्टा के 63 जीनोम की पहचान किया है, हैरान करने वाली बात यह है कि भारत ने 9 जून तक नयी वायरस यानि डेल्टा + के सात मामले दर्ज किये है.

दिल्ली के इंस्टीट्यूट ऑफ जीनोमिक्स एंड इंटीग्रेटिव बायोलॉजी और जीव विज्ञानी डॉ विनोद स्कारिया ने बताया कि K417N वेरिएंट महत्वपूर्ण बिंदू यह है कि मोनोक्लोनल एंटीबॉडी और कासिरिवमैब ओर इम्देवीमैब के प्रतिरोध का सुझाव देने वाला साक्ष्य था . इसे केंद्रीय औषध मानक संगठन से भी देश में आपातकाल इस्तेमाल का अधिकार प्राप्त है.

स्कारिया ने ट्वीट कर नये प्रकार को डेल्टा + नाम देते हुए लिखा कि इसके बहुत ज्यादा मामले भारत में नहीं है इसे और समझने की इस पर शोध करने की जरूरत है. इसका बहुत ज्यादा असर भारत में नहीं है.

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इंग्लैंड की रिपोर्ट में भी इसका जिक्र करते हुए कहा गया है कि यह साधारण जांच में पाया गया है. यह अब कई देशों में पाया जा रहा और यह AY.1 और B1.617.2 संक्रमण का ही एक प्रकार है. इस नये वेरिएंट की खबर और इसकी जटलिता पर लगातार कई देशों में शोध चल रहा है. इस नये संक्रमण का असर कैसे कम होता है या रोग प्रतिरोधक क्षमता पर इसका कितना असर होता है इसकी जानकारी अबतक स्पष्ट रूप से सामने नहीं आयी है लेकिन इतना कहा जा सकता है कि यह वायरस बेहद खतरनाक है.

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