Nep 2020: केंद्र सरकार ने नई शिक्षा नीति (New Education Policy) को मंजूरी दे दी है. केंद्र सरकार के इस फ़ैसले के बाद देश में अब शिक्षा क्षेत्र में सिर्फ एक रेगुलेटर होगा. यानी एक रेगुलेटिंग बॉडी के जरिए शिक्षा व्यवस्था को संचालित किया जाएगा. आज शाम 4 बजे केंद्रीय शिक्षा मंत्री रमेश पोखरियाल निशंक और सूचना प्रसारण मंत्री प्रकाश जावड़ेकर प्रेस कांफ्रेंस किया.
समाचार एजेंसी एएनआई की रिपोर्ट के अनुसार केंद्रीय कैबिनेट ने इसके साथ ही मानव संसाधन विकास मंत्रालय का भी नाम बदल दिया है. कैबिनेट ने शिक्षा मंत्रालय के नाम को मंजूरी दे दी है. अब मानव संसाधन विकास मंत्रालय शिक्षा मंत्रालय के नाम से जाना जाएगा. ये खबरें अभी मीडिया सूत्रों के हवाले से आ रही हैं. इस सिलसिले में शिक्षा मंत्री रमेश पोखरियाल शाम 4 बजे विस्तार से जानकारी देंगे. विस्तृत खबर के लिये आप हमारे साथ बनाए रहिये…
क्या होगा बदलाव– इंडिया टुडे की रिपोर्ट के अनुसार केंद्र सरकार के नये नियम के मुताबिक सभी स्कूलों को राइट टू एजुकेशन के तहत पढ़ने वाले बच्चों के लिए कुछ सीटें रिजर्व रखनी होगी और इन छात्रों को एडमिशन देना होगा. इसके अलावा, यूजीसी और एआईसीटीई को मिलाकर एक नया रेगुलेटिंग बॉडी बनाया जाएगा.
बजट में मिला था 99 हजार करोड़- बता दें कि बजट की घोषणा के समय नई शिक्षा नीति के लिए 99 हजार करोड़ रुपए दिया गया था. केंद्रीय वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने संसद में बजट भाषण पढ़ते हुए कहा था कि इस वित्तीय वर्ष में केंद्र सरकार शिक्षा के लिए 99 हजार 300 करोड़ रुपये की बड़ी राशि खर्च करेगी. बजट में आधारभूत संरचना के विकास तथा स्किल आधारित शिक्षा में खासा जोर दिया है.
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Posted By : Avinish Kumar Mishra