देश के नये आईटी कानून के तहत सोशल नेटरवर्किंग साइट को नये कानूनों का पालन करना होगा. गूगल, फेसबुक, वॉट्सऐप समेत 7 सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म्स ने अपने अधिकारियों के नाम सरकार के पास भेजे हैं.
इनमें चीफ कॉम्प्लायंस अफसर, नोडल कॉन्टेक्ट पर्सन और रेजिडेंट ग्रीवांस ऑफिसर के नाम शामिल हैं. ट्विटर ने अबतक सिर्फ अपने वकील का ही नाम साझा किया है. सरकार के नये कानूनों के तहत गूगल, फेसबुक, वॉट्सऐप, कू, शेयरचैट, टेलीग्राम और लिंक्डइन ने सरकार की नई पॉलिसी के तहत पूरी जानकारी भेजी है .
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सूचना प्रौद्योगिकी मंत्रालय (IT Ministry) की ओर से जारी इंटरमीडियरी गाइडलाइंस को सोशल मीडिया कंपनियों की सहमति मिल रही है ऐसे ट्विटर इन सोशल प्लेटफार्म के साथ खड़ा नजर नहीं आ रहा है. इसने ना तो अबतक अधिकारियों की नियुक्ति की है बल्कि अपने वकील का नाम सरकार को देकर यह स्पष्ट कर दिया है कि इतनी आसानी से सोशल मीडिया को लेकर शुरु हुआ बवाल खत्म नहीं होगा.
भारत सरकार का पक्ष है कि ऐसी कई कंपनियां है जो छोटी कंपनियों के सहयोग से माध्मय से चलती है. इनमें से कुछ आईटी अधिनियम और नए नियमों के तहत महत्वपूर्ण सोशल मीडिया मध्यस्थ (SSMI) की परिभाषा के अंतर्गत आते हैं.
ऐसे में सरकार भारत में प्लेटफॉर्म का फिजिकल एड्रेस मुहैया कराने की मांग की गयी है. इन नये नियमों में स्पष्ट तौर पर कहा गया है कि अगर किसी सामग्री को लेकर आपत्ति जताई जाती है और उसे हटाने के लिए कहा जाता है तो उन्हें 36 घंटे के भीतर कदम उठाना होगा.