New Rules:देश में समाचारपत्रों और पत्रिकाओं का पंजीकरण अब बेहद आसान हो गया है. दरअसल अब पंजीकरण के नए कानून ने 1867 के औपनिवेशिक युग के प्रेस और पुस्तक पंजीकरण अधिनियम की जगह ले ली है. एक आधिकारिक आदेश के मुताबिक सरकार ने ऐतिहासिक प्रेस और पत्रिकाओं का पंजीकरण (पीआरपी) अधिनियम, 2023 और इसके नियमों को अपने राजपत्र में अधिसूचित कर दिया है और इसके परिणामस्वरूप यह अधिनियम एक मार्च, 2024 से लागू हो गया है. जाहिर है अब से पत्रिकाओं का पंजीकरण प्रेस और पत्रिकाओं के पंजीकरण अधिनियम 2023 और प्रेस और पत्रिकाओं के पंजीकरण नियमों के प्रावधानों के अनुसार होगा.
समाचारपत्रों और अन्य पत्रिकाओं के पंजीकरण के लिए ऑनलाइन प्रणाली
सरकार की अधिसूचना के मुताबिक भारत के प्रेस रजिस्ट्रार जनरल का कार्यालय जिसे पहले रजिस्ट्रार ऑफ न्यूजपेपर्स फॉर इंडिया के नाम से जाना जाता था, नए अधिनियम के उद्देश्यों को पूरा करेगा. नया अधिनियम देश में समाचारपत्रों और अन्य पत्रिकाओं के पंजीकरण की सुविधा के लिए एक ऑनलाइन प्रणाली प्रदान करेगा. नयी प्रणाली मौजूदा मैनुअल, बोझिल प्रक्रियाओं को बदल देगी. पुरानी प्रक्रिया में कई चरणों में अनुमोदन शामिल होते हैं जो प्रकाशकों के लिए अनावश्यक कठिनाइयों का कारण बन रहे थे. इससे पहले, केंद्रीय सूचना और प्रसारण मंत्री अनुराग सिंह ठाकुर ने नए अधिनियम के अनुसार विभिन्न आवेदन प्राप्त करने के लिए प्रेस रजिस्ट्रार जनरल का ऑनलाइन पोर्टल, प्रेस सेवा पोर्टल शुरू किया था.
गौरतलब है कि नया अधिनियम देश में समाचार पत्रों और अन्य पत्रिकाओं के पंजीकरण की सुविधा के लिए एक ऑनलाइन प्रणाली प्रदान करता है. आधिकारिक बयानों की माने तो नई प्रणाली मौजूदा मैनुअल, बोझिल प्रक्रियाओं को प्रतिस्थापित करती है. साथ ही इसमें विभिन्न चरणों में अनुमोदन शामिल होते हैं, जो प्रकाशकों के लिए अनावश्यक कठिनाइयों का कारण बन रहे थे. इससे पहले, सूचना और प्रसारण मंत्री श्री अनुराग सिंह ठाकुर ने नए अधिनियम के अनुसार विभिन्न आवेदन प्राप्त करने के लिए प्रेस रजिस्ट्रार जनरल का ऑनलाइन पोर्टल, प्रेस सेवा पोर्टल (presssewa.prgi.gov.in) लॉन्च किया था.
प्रेस सेवा पोर्टल पेपरलेस प्रोसेसिंग सुनिश्चित करता है और ई-साइन सुविधा, डिजिटल भुगतान गेटवे, तत्काल डाउनलोड के लिए क्यूआर कोड-आधारित डिजिटल प्रमाणपत्र, प्रिंटिंग प्रेस द्वारा सूचना प्रदान करने के लिए ऑनलाइन प्रणाली, टाइटल उपलब्धता के लिए संभावना का प्रतिशत, पंजीकरण तक ऑनलाइन पहुंच , सभी प्रकाशकों के लिए डेटा, वार्षिक विवरण दाखिल करना आदि सेवाएं प्रदान करता है. इसका इरादा एक चैटबॉट-आधारित इंटरैक्टिव शिकायत समाधान सिस्टम स्थापित करने का भी है. प्रेस सेवा पोर्टल के साथ एक नई वेबसाइट (prgi.gov.in) भी है जिसमें सभी संबंधित जानकारी और उपयोगकर्ता के अनुकूल इंटरफेस है.