दिल्ली में शराब बेचने की नयी सोच,प्राइवेट ठेकों पर नहीं मिलेगी शराब, बड़े रेस्तरां और बार में अभी से किल्लत
लाइसेंस आवंटन की प्रक्रिया खत्म हो गयी है. इस फैसले के तहत एक ट्रांजिशन पीरियड होगा जिसमें शराब मिलने में परेशानी हो सकती है. इस सवाल पर उन्होंने उपमुख्यमंत्री कहा, सरकारी दुकानों पर बिक्री होने से दिक्कत नहीं आएगी.
दिल्ली में अब शराब बेचने की नयी नीति लागू हो रही है. अक्टूबर से दिल्ली में निजी शराब केंद्रों को बंद कर दिया जायेगा. 17 नवंबर से नयी नीति लागू होगी. इस संबंध में दिल्ली के उपमुख्यमंत्री मनीष सिसोदिया ने कहा है कि सरकार पुरानी रणनीति को बदल रही है. नयी आबकारी नीति के तहत दिल्ली को 32 जोन में बांटा गया है.
इसी जोन में लाइसेंस आवंटन की प्रक्रिया खत्म हो गयी है. इस फैसले के तहत एक ट्रांजिशन पीरियड होगा जिसमें शराब मिलने में परेशानी हो सकती है. इस सवाल पर उन्होंने उपमुख्यमंत्री कहा, सरकारी दुकानों पर बिक्री होने से दिक्कत नहीं आएगी.
17 नवंबर से नए लाइसेंसधारियों द्वारा खुदरा परिचालन फिर से शुरू करने को लेकर उत्साह है, वहीं इस समय रेस्तरां और ग्राहकों को शराब की आपूर्ति की कमी का सामना करना पड़ रहा है.कुछ हफ्तों से ब्रांड्स की सप्लाई कम हो रही है, वहीं अगले दो महीने तक रेस्त्रां में शराब के वितरण को लेकर भी रेस्तरां मालिक परेशान हैं.
कई ग्राहकों को रेस्तरां उनके पसंद की, उनकी ब्रांड नहीं परसो पा रहे. इसे लेकर दो महीनों की स्थिति चिंताजनक है और टाइम्स ऑफ इंडिया से बातचीत में कारोबारियों ने चिंता जाहिर की है. कारोबारियों ने उम्मीद जतायी है कि यह स्थिति लंबे समय तक नहीं चलेगी.
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इस वक्त दिल्ली में 260 से अधिक दुकानों का लाइसेंस निजी हाथों में है. सरकार ने भी सिर्फ 30 सितंबर तक इसे बढ़ाने का निर्देश दिया है. इस आदेश से जाहिर है कि एक अक्टूबर से निजी लाइसेंस वाली दुकानें बंद कर दी जायेंगी.
नयी आबकारी नीति के तहत लाइसेंस प्राप्त दुकानें 17 नवंबर से नई आबकारी नीतियों के तहत शराब बेच सकेंगी. उपमुख्यमंत्री मनीष सिसोदिया ने बताया कि दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल की नीतियों की वजह से अबतक 2016 के बाद नयी शराब दुकान नहीं खोली गयी है.
उपमुख्यमंत्री ने कहा, नयी नीतियों में इसका ध्यान रखा गया है कि शराब माफिया के हर रास्ते बंद हो. वह कालाबाजारी ना कर सकें. कई वार्ड ऐसे थे जहां कई शराब दुकान थे जबकि कुछ वार्ड में एक भी दुकान नहीं थे. शराब माफिया यहां कालाबाजारी करते थे. दिल्ली में 850 वैध और 2000 अवैध शराब दुकान है.
पिछले 2 साल में करीब 7 लाख 9 हजार बोतल अवैध शराब पकड़ी गई. इनके खिलाफ 1864 एफआईआर दर्ज की गयी. पिछले दो सालों में 1939 लोगों को गिरफ्तार किया गया. करीब 1000 वाहन जब्त किये गये हैं.
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मनीष सिसोदिया ने कहा, इससे अंदाजा लगाया जा सकता है कि सरकार इन पर कड़ी कार्रवाई करती रही है. अब नयी नीति के तहत इन पर पूरी तरह लगाम लगाने की कोशिश है. शराब की दुकान के लिए कम से कम 500 वर्ग फीट की दुकान होना जरूरी होगा.