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2-डीऑक्सी-डी-ग्लूकोज दवा को आपात इस्तेमाल की मंजूरी
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पानी में घोल कर ली जाती है यह दवा
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यह दवा संक्रमित कोशिका में जमा होकर वायरस की वृद्धि को रोकती है
कोरोना संक्रमण की दूसरी लहर से पूरा देश जूझ रहा है. नये संक्रमितों का आंकड़ा हर दिन 4 लाख पार कर रहा है. और नये मौतों का आंकड़ा भी बढ़ रहा है. कोरोना से दो चार हो देश के लिए एक राहत भरी खबर है. ड्रग्स कंट्रोलर ने डीआरडीओ की बनाई कोरोना की दवा को इमरजेंसी इस्तेमाल की मंजूरी दे दी है. इस दवा को मुंह के जरिए लिया जाता है. कोरोना के हल्के और गंभीर मरीजों को इसकी खुराक दिए जाने की अनुमति मिल गई है.
डीआरडीओ की इस दवा का नाम 2-डीऑक्सी-डी-ग्लूकोज (2-DG) नाम रखा गया है. इसे डॉ. रेड्डी लैबोरेटरी की मदद से तैयार किया गया है. सबसे बड़ी बात की दवा के सभी क्लीनिकल ट्रायल्स बेहद सफल रहे हैं, जिसके बाद इसे आपातकाल में इस्तेमाल की मंजूरी दे दी गई है. यह दवा कोरोना के गंभीर मरीजों को जल्द रिकवरी में मदद करती है. इससे मरीजों का ऑक्सीजन पर निर्भरता भी कम होती है.
मरीजों में ऑक्सीजन लेवल बढ़ाती है यह दवाः 2-डीऑक्सी-डी-ग्लूकोज कोरोना के गंभीर मरीजो में आजमाया गया. इसका नतीजा यह हुआ की उनकी हालत में तेजी से सुधार देखा गया. और ऑक्सीजन पर भी उनकी डिपेनडेंसी कम हो गयी. यानी यह दवा सेहत में तेजी से सुधार करने के साथ शरीर में ऑक्सीजन लेवल को भी बढ़ाता है.
क्लिनिकल ट्रायल्स में प्रभावी रहे नतीजेः 2-DG दवा के फेज-2 के ट्रायल्स पिछले साल मई से अक्टूबर में किए गए थे. शुरूआत में इस दवा की डोज को 110 मरीजो को दी गई. इस दवा का मरीजों में गजब का प्भाव देखा गया. दवा लेने वाले मरीज, बाकी मरीजों की तुलना में 2 दिन पहले ठीक होने लगे थे. वहीं फेज-3 के ट्रायल्स में भी दिल्ली, उत्तर प्रदेश, पश्चिम बंगाल, गुजरात, राजस्थान, महाराष्ट्र, आंध्र प्रदेश समेत कई और राज्यों के 27 कोरोना अस्पतालों में किया गया. इस दवा को लेने वाले मरीजों में तेजी से सुधार और ऑक्सीजन पर निर्भरता कम देखी गई.
कैसे काम करती है यह दवाः 2-डीजी दवा पाउडर के रूप में होती है. मरीजों को इसे पानी में घोलकर दिया जाता है. यह दवा संक्रमित कोशिकाओं में जमा हो जाती है और वायरस के खिलाफ एनर्जी प्रोडक्शन करती है. इससे शरीर को कोरोना वायरस से लड़ने में मदद मिलती है. यह वायरस को भी बढ़ने से रोकती है.
Posted by: Pritish Sahay