नई दिल्ली : वर्ष 2024 के लोकसभा चुनाव में भाजपा को पटखनी देने के लिए अभी से ही राजनीतिक गोलबंदी शुरू हो गई है. बिहार में चमत्कारिक तरीके से सत्ता परिवर्तन के बाद से विपक्षी पार्टियों में भाजपा को मात देने के लिए एक बार फिर उम्मीद का नया दीपक जला है. भारत में भाजपा के खिलाफ विपक्षी दलों को मजबूती के साथ एकजुट करने के लिए अभी हाल के राजनीतिक घटनाक्रम पर नजर डालें, तो बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार अभी तक इसके अगुआ के तौर पर उभरकर सामने आए हैं.
हाल के दिनों में बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने तेलंगाना के मुख्यमंत्री के चंद्रशेखर राव यानी केसीआर से मुलाकात की. इसके बाद उन्होंने दिल्ली यात्रा के दौरान दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल और वामदलों के नेताओं के साथ बैठक की. इसके साथ ही, उन्होंने कर्नाटक के पूर्व मुख्यमंत्री एचडी कुमारस्वामी से भी मुलाकात की. नीतीश कुमार द्वारा विपक्षी एकता को मजबूत करने और भाजपा को शिकस्त देने के लिए नए सिरे से की जा रही राजनीतिक गोलबंदी का नतीजा भी सामने आने लगा है.
नीतीश कुमार का दिल्ली से लौटने के साथ ही रविवार को तेलंगाना के मुख्यमंत्री के चंद्रशेखर राव ने राष्ट्रीय स्तर पर एक नई पार्टी के गठन का ऐलान भी किया है. इससे पहले, उन्होंने कर्नाटक के पूर्व मुख्यमंत्री एचडी कुमारस्वामी से मुलाकात की. केसीआर के द्वारा राष्ट्रीय स्तर पर पार्टी के गठन के बाद सवाल यह भी उठने लगा है कि क्या उत्तर-दक्षिण की इस जुगलबंदी से 2024 में विपक्ष भाजपा को चुनौती देकर राजनीति की नई इबारत लिखेगा या फिर पिछले दो चुनावों की तरह इस चुनाव की तरह इतिहास दोहराएगा.
रविवार को अपनी नई राष्ट्रीय पार्टी के गठन का ऐलान करने के बाद तेलंगाना के मुख्यमंत्री के चंद्रशेखर राव ने पहली बार अपनी प्रस्तावित पार्टी का सार्वजनिक मंच से जिक्र भी कर दिया है. हालांकि, इस दौरान उन्होंने भाजपा और राष्ट्रीय जनतांत्रिक गठबंधन (एनडीए) पर निशाना साधने में कोई कसर भी बाकी नहीं रखी. विधानसभा में केंद्रीय बिजली विधेयक- प्रभाव पर एक संक्षिप्त चर्चा के दौरान उन्होंने भाजपा नीत केंद्र की एनडीए सरकार पर साठगांठ वाले पूंजीवाद को बढ़ावा देने का आरोप लगाया.
भाजपा पर हमला करते हुए केसीआर ने कहा कि जैसे कि उन्होंने पूरा ठेका ले रखा है. वे पूछते हैं, ‘आप एक राष्ट्रीय पार्टी शुरू करेंगे?’ यदि हम नहीं करेंगे, तो क्या आप करेंगे? राष्ट्रीय चरित्र हमारा है या आपका? राष्ट्रीय भावना, राष्ट्रीय चरित्र और पड़ोसियों को प्यार करने वाला बड़ा दिल किसके पास है?’ केसीआर का सदन में यह बयान ऐसे समय आया है, जब उनके ऑफिस ने एक दिन पहले यह कहा था कि ‘बहुत जल्द, एक राष्ट्रीय पार्टी का गठन किया जाएगा और उसकी (राष्ट्रीय पार्टी की) नीतियां बनायी जाएंगी.’
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इसके साथ ही, तेलंगाना राष्ट्र समिति (टीआरएस) के अध्यक्ष और मुख्यमंत्री के चंद्रशेखर राव ने यह भी कहा कि समाज के विभिन्न वर्गों के साथ चर्चा करने के बाद ही नई राष्ट्रीय पार्टी का गठन किया जाएगा. केसीआर ने कहा कि वह विभिन्न हितधारकों के साथ चर्चा जारी रख कर ‘वैकल्पिक राष्ट्रीय एजेंडे’ पर आम सहमति पर पहुंचेगी. केसीआर ने यह साफ कर दिया है कि बुद्धिजीवियों, अर्थशास्त्रियों और विभिन्न क्षेत्रों के विशेषज्ञों के साथ और अधिक चर्चा के बाद पार्टी का गठन किया जाएगा और नीतियां तैयार की जाएंगी. प्रस्तावित राष्ट्रीय पार्टी के लिए जिन नामों पर चर्चा चल रही है, उनमें कथित तौर पर ‘भारत राष्ट्रीय समिति’, ‘उज्ज्वल भारत पार्टी’ और ‘नया भारत पार्टी’ शामिल हैं.