कांग्रेस ने प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी द्वारा संसद के नये भवन का उद्घाटन किए जाने के बाद उन पर निशाना साधते हुए कहा कि एक ऐसे आत्ममुग्ध तानाशाह प्रधानमंत्री ने यह उद्घाटन किया है, जिन्हें संसदीय परंपराओं से नफरत है. पार्टी महासचिव जयराम रमेश ने यह भी आरोप लगाया कि राष्ट्रपति पद पर आसीन होने वाली पहली आदिवासी द्रौपदी मुर्मू को उनके संवैधानिक कर्तव्य का निर्वहन नहीं करने दिया जा रहा है. प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने आज सुबह नये संसद भवन का उद्घाटन किया. मोदी ने नए संसद भवन के उद्घाटन के मौके पर ईश्वर का आशीर्वाद लेने के लिए कर्नाटक के श्रृंगेरी मठ के पुजारियों द्वारा वैदिक मंत्रोच्चारण के बीच गणपति होमम् अनुष्ठान किया.
कांग्रेस के सीनियर नेता जयराम रमेश ने ट्वीट किया, 28 मई को आज के दिन नेहरू, जिन्होंने भारत में संसदीय लोकतंत्र को मज़बूत करने के लिए सबसे अधिक काम किया, उनका 1964 में अंतिम संस्कार किया गया था. रमेश ने कहा, सावरकर, जिनकी विचारधारा ने ऐसा माहौल बनाया जो महात्मा गांधी की हत्या का कारण बना, उनका जन्म आज ही के दिन 1883 में हुआ था. उन्होंने कहा कि राष्ट्रपति, जो इस पद पर बैठने वाली पहली आदिवासी हैं, उन्हें अपने संवैधानिक कर्तव्यों को निभाने नहीं दिया जा रहा है. उन्होंने कहा- उन्हें राष्ट्रपति को 2023 में नये संसद भवन के उद्घाटन की इजाज़त नहीं दी गई.
जयराम रमेश ने आरोप लगाया, एक आत्ममुग्ध तानाशाह प्रधानमंत्री, जिन्हें संसदीय प्रक्रियाओं से नफ़रत है, जो संसद में कम ही उपस्थित रहते हैं या कार्यवाहियों में कम ही भाग लेते हैं, वे 2023 में नए संसद भवन का उद्घाटन कर रहे हैं. उन्होंने कहा कि तथ्यों को तोड़ मरोड़ कर पेश किया जा रहा है. उल्लेखनीय है कि कांग्रेस समेत करीब 20 विपक्षी दलों ने संसद के नए भवन के उद्घाटन समारोह का बहिष्कार किया है. उनका कहना है कि संसद के नये भवन का उद्घाटन प्रधानमंत्री को नहीं, बल्कि राष्ट्रपति को करना चाहिए.
कांग्रेस नेता जयराम रमेश के ट्वीट पर केंद्रीय मंत्री अर्जुन मुंडा ने कटाक्ष करते हुए कहा कि- कांग्रेस को अपने गिरेबान में झांकना चाहिए. आज इस तरह की बातें कहकर ये कोशिश कर रहे हैं कि हम आदिवासियों के नुमाइंदे हैं. उन्हें पहले अपनी करनी का मूल्यांकन करना चाहिए. (भाषा इनपुट के साथ)