New Parliament Inauguration: पीएम मोदी संसद भवन के उद्घाटन को समझ रहे हैं राज्याभिषेक, राहुल गांधी का कटाक्ष
कांग्रेस के वरिष्ठ नेता रमेश ने ट्वीट किया कि 28 मई को आज के दिन: नेहरू, जिन्होंने भारत में संसदीय लोकतंत्र को मज़बूत करने के लिए सबसे अधिक काम किया, उनका 1964 में अंतिम संस्कार किया गया था. जानें राहुल गांधी ने क्या कहा
New Parliament Inauguration: प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने रविवार को संसद के नये भवन का उद्घाटन करने के बाद विश्वास जताया कि यह भव्य इमारत जन-जन के सशक्तीकरण के साथ ही, राष्ट्र की समृद्धि और सामर्थ्य को नई गति एवं शक्ति प्रदान करेगी. नये भवन के उद्घाटन को लेकर कांग्रेस ने पीएम मोदी पर निशाना साधा है. कांग्रेस के पूर्व अध्यक्ष राहुल गांधी ने अपने ट्विटर वॉल पर लिखा कि संसद लोगों की आवाज़ है! प्रधानमंत्री संसद भवन के उद्घाटन को राज्याभिषेक समझ रहे हैं.
आपको बता दें कि प्रधानमंत्री मोदी ने रविवार को नये संसद भवन का उद्घाटन किया और ऐतिहासिक राजदंड ‘सेंगोल’ को लोकसभा अध्यक्ष के आसन के समीप स्थापित किया. पारंपरिक परिधान में प्रधानमंत्री मोदी ने द्वार संख्या-एक से संसद भवन परिसर में प्रवेश किया. लोकसभा अध्यक्ष ओम बिरला ने उनका स्वागत किया. इसके बाद मोदी और बिरला ने महात्मा गांधी की प्रतिमा पर पुष्पांजलि अर्पित की.
‘आत्ममुग्ध तानाशाह प्रधानमंत्री’
इधर कांग्रेस ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी द्वारा संसद के नये भवन का उद्घाटन किये जाने के बाद रविवार को उन पर निशाना साधते हुए कहा कि एक ऐसे ‘‘आत्ममुग्ध तानाशाह प्रधानमंत्री’’ ने यह उद्घाटन किया है, जिन्हें संसदीय परंपराओं से नफरत है. पार्टी महासचिव जयराम रमेश ने यह भी आरोप लगाया कि राष्ट्रपति पद पर आसीन होने वाली पहली आदिवासी द्रौपदी मुर्मू को उनके संवैधानिक कर्तव्य का निर्वहन नहीं करने दिया जा रहा है.
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कांग्रेस के वरिष्ठ नेता रमेश ने ट्वीट किया कि 28 मई को आज के दिन: नेहरू, जिन्होंने भारत में संसदीय लोकतंत्र को मज़बूत करने के लिए सबसे अधिक काम किया, उनका 1964 में अंतिम संस्कार किया गया था. रमेश ने कहा कि सावरकर, जिनकी विचारधारा ने ऐसा माहौल बनाया जो महात्मा गांधी की हत्या का कारण बना, उनका जन्म (आज ही के दिन) 1883 में हुआ था. उन्होंने कहा कि राष्ट्रपति, जो इस पद पर बैठने वाली पहली आदिवासी हैं, उन्हें अपने संवैधानिक कर्तव्यों को निभाने नहीं दिया जा रहा है. रमेश ने आरोप लगाया कि एक आत्ममुग्ध तानाशाह प्रधानमंत्री, जिन्हें संसदीय प्रक्रियाओं से नफ़रत है, जो संसद में कम ही उपस्थित रहते हैं या कार्यवाहियों में कम ही भाग लेते हैं, वे 2023 में नए संसद भवन का उद्घाटन कर रहे हैं…
संसद लोगों की आवाज़ है!
प्रधानमंत्री संसद भवन के उद्घाटन को राज्याभिषेक समझ रहे हैं।
— Rahul Gandhi (@RahulGandhi) May 28, 2023
नये भवन के उद्घाटन समारोह का बहिष्कार
उल्लेखनीय है कि कांग्रेस समेत करीब 20 विपक्षी दलों ने संसद के नये भवन के उद्घाटन समारोह का बहिष्कार किया है. उनका कहना है कि संसद के नये भवन का उद्घाटन प्रधानमंत्री को नहीं, बल्कि राष्ट्रपति को करना चाहिए.
भाषा इनपुट के साथ