नयी दिल्ली : ब्रिटेन में कोरोना वायरस के नये स्ट्रेन को लेकर भारत सजग हो गया है. नीति आयोग के स्वास्थ्य सदस्य डॉ वीके पॉल ने मंगलवार को कहा कि भारत में इसका प्रभाव नहीं देखा गया है. इस म्यूटेशन से बीमारी गंभीर नहीं हुई है. साथ ही मृत्युदर भी प्रभावित नहीं हुआ है. हालांकि, ट्रांसमिसिबिलिटी बढ़ गयी है.
The new strain or mutation of Coronavirus seen in the United Kingdom has not been seen in India, so far: Dr VK Paul, Member (Health), NITI Aayog pic.twitter.com/MADa6lCuhx
— ANI (@ANI) December 22, 2020
इस म्यूटेशन से बीमारी गंभीर नहीं हुई है और इसका मृत्यु दर पर असर नहीं हुआ है: डॉ.वी.के.पॉल, नीति आयोग के सदस्य(स्वास्थ्य) #COVID19 https://t.co/GbPQ6hL6eC
— ANI_HindiNews (@AHindinews) December 22, 2020
जानकारी के मुताबिक, ब्रिटेन में कोरोना वायरस के नये स्ट्रेन से पूरी दुनिया में दहशत है. इसे पहले से ज्यादा घातक बताया जा रहा है. नीति आयोग के स्वास्थ्य सदस्य डॉ वीके पॉल ने मंगलवार को बताया कि इस म्यूटेशन से बीमारी गंभीर नहीं हुई है और इसका मृत्यु दर पर असर नहीं हुआ है.
यूके में कोरोना वायरस के नये रूप पर उन्होंने कहा कि इस म्यूटेशन से कोरोना वायरस के एक व्यक्ति से दूसरे व्यक्ति में जाने की ट्रांसमिसिबिलिटी बढ़ गयी है. ऐसा भी कहा जा रहा है कि ट्रांसमिसिबिलिटी 70 फीसदी तक बढ़ गयी है.
साथ ही उन्होंने कहा है कि कोरोना वायरस को लेकर बहुत सारे देशों में परेशानी बढ़ रही है. यूरोप में मामलों में बढ़ोतरी हुई है. बहुत सारे देशों ने अपने यहां लॉकडाउन लगा दिया है. इस तरह हम अपने आपको बहुत अच्छी स्थिति में पाते हैं.
इधर, स्वास्थ्य मंत्रालय के सचिव राजेश भूषण ने भारत में कोरोना की स्थिति को लेकर बताया कि पिछले 24 घंटे में केरल, महाराष्ट्र, पश्चिम बंगाल, छत्तीसगढ़, तमिलनाडु, मध्य प्रदेश में कोरोना वायरस के 57 फीसदी नये मामले दर्ज हुए हैं.
साथ ही कहा कि भारत में सितंबर महीने के मध्य से अब तक लगातार मामलों की संख्या में कमी आ रही है. करीब 163 दिनों बाद देश में सक्रिय मामलों की संख्या तीन लाख से भी कम हो गयी है. यह एक बहुत बड़ी उपलब्धि है और ये हमारे फ्रंटलाइन वर्कर्स की वजह से हो पाया है.
Disclaimer: हमारी खबरें जनसामान्य के लिए हितकारी हैं. लेकिन दवा या किसी मेडिकल सलाह को डॉक्टर से परामर्श के बाद ही लें.