Loading election data...

कोरोना महामारी से अभी राहत की उम्मीद नहीं : ओमिक्रॉन के बाद पैदा हो सकते हैं अभी वायरस के कई और वेरिएंट

वैज्ञानिकों का कहना है कि ओमिक्रॉन का तेजी से फैलना इस बात का संकेत देता है कि भविष्य में भी कोरोना के नए वैरिएंट सामने आ सकते हैं.

By Prabhat Khabar Digital Desk | January 16, 2022 9:11 AM

नई दिल्ली : दुनिया भर के वैज्ञानिक भले ही नए वेरिएंट ओमिक्रॉन को कम गंभीर और कोरोना को दुनिया से बाहर धकेलने वाला मान रहे हों, लेकिन कुछ वैज्ञानिकों की तो यहां तक राय है कि लोगों को फिलहाल कोरोना महामारी से किसी प्रकार की राहत मिलने की उम्मीद नहीं है. उनका कहना है कि कोरोना वायरस के नए वेरिएंट के बाद दुनिया में इस वायरस के दूसरे नए वेरिएंट भी पैदा हो सकते हैं.

वैज्ञानिकों का कहना है कि ओमिक्रॉन का तेजी से फैलना इस बात का संकेत देता है कि भविष्य में भी कोरोना के नए वैरिएंट सामने आ सकते हैं. विशेषज्ञों ने इस बात को स्पष्ट किया है कि तेजी से फैलता संक्रमण हर बार वायरस को म्यूटेंट कर खुद में बदलाव करने का मौका प्रदान करता है. कोरोना के अन्य स्वरूप की तुलना में ओमिक्रॉन ऐसे समय तेजी से फैल रहा है, जब दुनियाभर में कोरोना संक्रमण और कोरोनारोधी टीका लगने के बाद प्रतिरक्षा प्रणाली मजबूत हुई है. इससे यह स्पष्ट हो जाता है कि कोरोना का वायरस भविष्य में भी अपना स्वरूप बदलता रहेगा.

हालांकि, विशेषज्ञों को भी अभी इस बात का अनुमान नहीं है कि भविष्य में कोरोना का मुख्य वायरस अपना स्वरूप बदलकर कौन सा आकार ग्रहण करेगा इसका कोई पता नहीं है और इस बारे में कुछ भी नहीं कहा जा सकता. इतना नहीं, विशेषज्ञों का यह भी कहना है कि इस बात की भी कोई गारंटी नहीं है कि ओमिक्रॉन से संक्रमित लोग मामूली तौर पर बीमार होंगे और मौजूदा टीका इस नए वेरिएंट पर कितना कारगर साबित होगा.

ज्यादा संक्रमण फैलाता है ओमिक्रॉन

बोस्टन विश्वविद्यालय के संक्रामक रोग महामारी विज्ञानी लियोनार्डो मार्टिनेज का कहना है कि ओमिक्रॉन ज्यादा तेजी से संक्रमण फैलाता है. उन्होंने कहा कि कोरोना वायरस का यह नया वेरिएंट नवंबर 2021 में सामने आया है और तेजी से दुनिया में फैल गया. रिसर्च इस बात के गवाह हैं कि कोरोना के डेल्टा वैरिएंट से कोरोना का ये नया स्वरूप ज्यादा संक्रामक है. इससे उन लोगों के भी संक्रमित होने की संभावना है, जो पहले से ही कोरोना संक्रमित हो चुके हैं और ऐसे लोग जो कोरोना टीके की खुराक ले चुके हैं.

ओमिक्रॉन डेल्टा से कमजोर

जॉन्स हॉपकिन्स यूनिवर्सिटी के संक्रामक रोग विशेषज्ञ डॉ स्टुअर्ट कैंपबेल रे का कहना है कि ऐसे स्वस्थ लोग जो घर या स्कूल से दूर हैं, उनमें भी ओमिक्रॉन आसानी से फैल सकता है. खासकर जिन लोगों की रोग प्रतिरोधक क्षमता कमजोर है, ये उनमें रहकर वायरस के और शक्तिशाली म्यूटेशन विकसित कर सकता है. हालांकि, ओमिक्रॉन से संक्रमित लोग डेल्टा की तुलना में कम गंभीर बीमार होते हैं.

टीका ही संक्रमण का एकमात्र बचाव

विशेषज्ञों का कहना है कि जब तक विश्व में टीकाकरण की दर कम है, तो इसपर रोक लगाना संभव नहीं है. हाल ही में एक प्रेस कॉन्फ्रेंस के दौरान विश्व स्वास्थ्य संगठन के महानिदेशक टेड्रोस एडनॉम घेबियस ने कहा कि भविष्य के वेरिएंट से लोगों की रक्षा करना इस बात पर निर्भर करता है कि दुनियाभर की 70 फीसदी आबादी को टीका लगा दिया जाए.

Also Read: ‘ओमिक्रॉन’ का संक्रमण झेल चुके लोग फिर हो सकते हैं संक्रमित, विशेषज्ञों ने बताए बचने के उपाय
अमेरिका में टीका का विरोध

जॉन्स हॉपकिन्स विश्वविद्यालय के आंकड़ों के अनुसार, वर्तमान में ऐसे दर्जनों देश हैं, जहां एक चौथाई से भी कम आबादी को पूरी तरह से टीका लगाया गया है. संयुक्त राज्य अमेरिका में लोग टीके का विरोध कर रहे हैं. टोरंटो के सेंट माइकल अस्पताल में सेंटर फॉर ग्लोबल हेल्थ रिसर्च के डॉ प्रभात झा ने कहा कि अमेरिका, अफ्रीका, एशिया, लैटिन अमेरिका और अन्य जगहों पर टीकाकरण की दर कम है, जो बड़ी विफलता है.

Next Article

Exit mobile version