नयी दिल्ली: भारत और चीन के बीच जारी विवाद का शांतिपूर्ण समाधान के लिए अगले हफ्ते दोनों देशों के बीच सैन्य कमांडर स्तर की वार्ता होगी. इसमें मुख्य तौर पर पैंगोंग त्सो झील के उत्तरी और दक्षिणी किनारे पर सैन्यबल कम करने को लेकर सहमति पर बातचीत हो सकती है. भारत और चीन के बीच सैन्य कमांडर स्तर की वार्ता सात बार हो चुकी है.
सेना के वरिष्ठ अधिकारी करेंगे वार्ता की अगुआई
भारत और चीन के बीच सैन्य कमांडर स्तर की 7वीं वार्ता 12 अक्टूबर को हुई थी. बैठक बेनतीजा रही. हालांकि, दोनों पक्षों ने कहा था कि बैठक में रचनात्मक बातचीत हुई है. अब अगले हफ्ते सैन्य कमांडर स्तर की 8वीं वार्ता होगी. भारत की ओर से लेफ्टिनेंट जनरल पीजीके मेनन वार्ता की अगुआई करेंगे.
इनके साथ विदेश मंत्रालय के संयुक्त सचिव नवीन श्रीवास्तव भी मौजूद रहेंगे. ये वार्ता इसलिए भी अहम है क्योंकि सर्दियां आ गई हैं. लद्दाख में सेना के जवान शून्य से 30 डिग्री नीचे तापमान में रह रहे हैं.
भारत और चीन के बीच होगी 8वीं दौर की वार्ता
अगले हफ्ते होने वाली वार्ता का मुख्य बिंदु पूर्वी लद्दाख में पैंगोंग त्सो झील के उत्तरी और दक्षिणी किनारे से सैनिकों की संख्या घटाने और वास्तविक नियंत्रण रेखा के विवादित हिस्सों से पीछे हटने पर केंद्रित होगा.
बता दें कि भारत और चीन के बीच वास्तविक नियंत्रण रेखा पर मई के पहले सप्ताह से ही तनाव है. इस बीच दोनों पक्ष के सैनिकों के बीच झड़पें भी हो चुकी हैं. भारत ने इस विवाद में अपने 20 जवान खोए जबकि चीन ने 43. हालांकि चीन ने अपने जवानों पर कोई आधिकारिक बयान जारी नहीं किया.
बीते 5 मई को हुई थी भारत-चीन विवाद की शुरुआत
विवाद की शुरुआत 5 मई को हुई थी. भारत नॉर्थ सिक्किम में पैंगोंग त्सो लेक के दक्षिणी हिस्से में सड़क बना रहा था. चीन ने इसका विरोध किया. चीनी सैनिकों ने पूर्वी लद्दाख के फिंगर फोर और गलवान वैली के पास टेंट लगा लिया. भारत ने कहा कि चीनी सैनिक वहां से अपने टेंट हटा लें.
लेकिन चीनी सैनिक नहीं माने. इस बात पर 15 जून की रात गलवान वैली में भारत और चीन के सैनिकों में हिंसक झड़प हो गई. झड़प में भारत के 20 जवान शहीद हो गए. चीन के भी 43 सैनिक मारे गए लेकिन चीन ने आधिकारिक पुष्टि नहीं की.
इसके बाद भारत और चीन के सैनिकों के बीच कई झड़पें और हुईं लेकिन ये ज्यादा हिंसक नहीं रहा. 30 अगस्त को भारत ने पैंगोंग झील के दक्षिणी किनारे में मौजूद पहाड़ियों रेचन ला, रेजांग ला, मुकर्पी और टेबोप पर कब्जा कर लिया. ये मानवरहित चोटियां थीं.
Posted By- Suraj Thakur