जल्द प्रकाशित होगा Covaxin के तीसरे क्लिनिकल ट्रायल का रिजल्ट, विदेशों में अप्रूवल का रास्ता होगा साफ!
नयी दिल्ली : भारत बायोटेक (Bharat Biotech) कोरोना वैक्सीन कोवैक्सीन (Covaxin) के तीसरे चरण का परीक्षण डेटा सात से आठ दिनों के अंदर प्रकाशित कर सकता है. नीति आयोग के सदस्य (स्वास्थ्य) डॉ डीके पॉल ने यह जानकारी दी. बता दें कि पिछले दिनों ही अमेरिका ने कोवैक्सीन के अमेरिका में इमरजेंसी इस्तेमाल को मंजूरी देने से मना कर दिया और कहा कि कंपनी अतिरिक्त आंकड़ों के साथ जैविक लाइसेंस आवेदन (BLA) मार्ग से आवेदन करे.
नयी दिल्ली : भारत बायोटेक (Bharat Biotech) कोरोना वैक्सीन कोवैक्सीन (Covaxin) के तीसरे चरण का परीक्षण डेटा सात से आठ दिनों के अंदर प्रकाशित कर सकता है. नीति आयोग के सदस्य (स्वास्थ्य) डॉ डीके पॉल ने यह जानकारी दी. बता दें कि पिछले दिनों ही अमेरिका ने कोवैक्सीन के अमेरिका में इमरजेंसी इस्तेमाल को मंजूरी देने से मना कर दिया और कहा कि कंपनी अतिरिक्त आंकड़ों के साथ जैविक लाइसेंस आवेदन (BLA) मार्ग से आवेदन करे.
डॉ वीके पॉल के अनुसार, भारत बायोटेक और आईसीएमआर के संयुक्त प्रयास से विकसित पूर्ण स्वदेशी टीके कोवैक्सिन के महत्वपूर्ण चरण तीन परीक्षण डेटा का प्रकाशन अगले 7-8 दिनों में किया जाएगा. डॉ पॉल देश की कोविड टास्क फोर्स के प्रमुख हैं. पॉल ने कहा कि डेटा एक पीयर-रिव्यू जर्नल में प्रकाशित किया जायेगा, जो अब तक सेंट्रल ड्रग्स स्टैंडर्ड कंट्रोल ऑर्गनाइजेशन (सीडीएससीओ) को प्रस्तुत की गयी जानकारी पर आधारित होगा.
यह घोषणा उस दिन हुई जब यूएस एफडीए ने सिफारिश की थी कि कोवैक्सिन निर्माता आपातकालीन उपयोग प्राधिकरण (ईयूए) की मांग के बजाय पूर्ण प्राधिकरण के लिए आवेदन करें, जिससे उस देश में वैक्सीन के रोलआउट में देरी हो. अब विशेषज्ञों का मानना है कि कंपनी के इस कदम से विदेशों में कोवैक्सीन की मंजूरी की राह आसान हो जायेगी. बता दें कि कोवैक्सीन को भारत के अलावा किसी और देश में मंजूरी नहीं मिली है.
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डॉ पॉल ने शुक्रवार को कहा कि अमेरिका में कोवैक्सीन को आपात इस्तेमाल मंजूरी नहीं मिलने से भारत में टीकाकरण पर कोई प्रभाव नहीं पड़ेगा. उन्होंने कहा कि अमेरिका के इस कदम से उनके देश में इस वैक्सीन के इस्तेमाल की शुरुआत होने में देरी हो सकती है, हमारे देश में इसका कोई प्रभाव नहीं पड़ेगा. हमारे देश के ड्रग कंट्रोलर ने इसे मंजूरी दे दी है और वही काफी है. उन्होंने कहा कि हर देश की अपनी नियामक प्रणाली होती है और उसका सम्मान किया जाना चाहिए.
उन्होंने कहा कि टीके की मंजूरी के कुछ मानदंड एक समान हो सकते हैं जबकि कुछ भिन्न हो सकते हैं. इधर, भारत बायोटेन ने वैक्सीन बनाने के लिए जिस अमेरिकी कंपनी ओक्यूजेन इंक से समझौता किया है. उसने कहा कि है कि अब कंपनी बीएलए मार्ग से ही आवेदन करेगी. ओक्यूजेन ने भी कहा कि इसकी वजह से अमेरिका में कोवैक्सीन की पेशकश में देरी हो सकती है.
Posted By: Amlesh Nandan.