NH: टोल कलेक्शन को पारदर्शी बनाने के लिए होगा एआई तकनीक का उपयोग
टोल प्लाजा के कारण ट्रैफिक जाम की समस्या को दूर के लिए कई कदम उठाए गए हैं, लेकिन समस्या दूर नहीं हो पायी है. ऐसे में सरकार टोल प्लाजा की समस्या को दूर करने के लिए आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस(एआई) का इस्तेमाल करने का निर्णय लिया है. अब सरकार टोल प्लाजा के ऑडिट करने के लिए एआई से लैस ऑडिट कैमरा लगाने पर विचार कर रही है.
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NH: देश में टोल प्लाजा से होने वाली आय को लेकर अक्सर सवाल उठते रहे हैं. ऐसी शिकायत है कि टोल प्लाजा पूरा पैसा वसूलने के बाद भी वसूली कर रहे हैं. इन शिकायतों को दूर करने के लिए केंद्रीय सड़क परिवहन मंत्रालय गंभीरता से विचार कर रहा है. टोल प्लाजा के कारण कई जगह ट्रैफिक जाम की समस्या का भी सामना करना पड़ता है. ट्रैफिक जाम की समस्या को दूर के लिए कई कदम उठाए गए हैं, लेकिन समस्या दूर नहीं हो पायी है. ऐसे में मंत्रालय टोल प्लाजा की समस्या को दूर करने के लिए आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस(एआई) का इस्तेमाल करने का निर्णय लिया है. अब सरकार टोल प्लाजा के ऑडिट करने के लिए एआई से लैस ऑडिट कैमरा लगाने पर विचार कर रही है.
लोकसभा में पूछे गए एक सवाल के जवाब में केंद्रीय सड़क परिवहन मंत्री नितिन गडकरी ने कहा कि टोल प्लाजा कलेक्शन की प्रक्रिया को पारदर्शी बनाने के लिए एआई तकनीक का प्रयोग करने पर काम किया जा रहा है. इस तकनीक के प्रयोग से टोल प्लाजा की अवैध कारगुजारियों पर लगाम लगेगी और यह पता चल सकेगा कि कितने वाहन टोल प्लाजा से एक दिन में गुजरे. इस तकनीक के प्रयोग से टोल प्लाजा संचालन करने वाले लोगों और फर्मों की मनमानी पर रोक लगाने में मदद मिलेगी. टोल प्लाजा कलेक्शन में होने वाली धोखाधड़ी रोकने के लिए सरकार गंभीर है.
बैरियर लेस टाेल प्लाजा बनाना है लक्ष्य
केंद्रीय मंत्री ने कहा कि सरकार टोल प्लाजा की बजाय बैरियर लेस टोल कलेक्शन के प्रोजेक्ट पर काम कर रही है. इसके लिए देश के कुछ राष्ट्रीय राजमार्ग पर पायलट प्रोजेक्ट चलाया जा रहा है. अगर सरकार का यह प्रोजेक्ट सफल रहा तो लोग बिना बाधा के राष्ट्रीय राजमार्ग पर यात्रा कर सकेंगे. इसके लिए लोगों को लाइफटाइम से लेकर सालाना टोल पास देने पर विचार कर रही है. इस बाबत राष्ट्रीय राजमार्ग मंत्रालय प्रस्ताव को अंतिम रूप देने के काम में जुटा है.
सूत्रों का कहना है कि टोल प्लाजा में एआई तकनीक का इस्तेमाल करने के अलावा लोगों को सालाना 3 हजार रुपये का टोल पास, जबकि 15 साल के लिए 30 हजार का लाइफटाइम टोल पास देने के प्रस्ताव पर विचार किया जा रहा है. सरकार टोल प्लाजा पर कंपनियों द्वारा अपनी पूरी लागत वसूले जाने के बाद भी वसूली के विकल्प पर सर्वमान्य हल ढूँढने की दिशा में काम कर रही है, जिससे सड़क की स्थिति अच्छी होने के बाद भी एनएच पर चलने वाले लोगों की जेब पर ज्यादा भार न पड़े.