कोरोना से मौत पर मुआवजे का मामला, श्रम और रोजगार मंत्रालय को एनएचआरसी ने भेजा कारण बताओ नोटिस

NHRC ने मंगलवार को केंद्रीय श्रम और रोजगार मंत्रालय को कारण बताने के लिए नोटिस जारी किया है. नोटिस में कहा है कि श्रम और रोजगार मंत्रालय ने दिल्ली में ईएसआई अस्पताल की चिकित्सा लापरवाही के कारण मरने वाले कोविड​​-19 रोगी के परिजनों को 2 लाख रुपये की मौद्रिक राहत की सिफारिश क्यों नहीं की गई है.

By Prabhat Khabar Digital Desk | October 26, 2021 5:09 PM
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NHRC Notice एराष्ट्रीय मानवाधिकार आयोग (NHRC) ने मंगलवार को केंद्रीय श्रम और रोजगार मंत्रालय को कारण बताने के लिए नोटिस जारी किया है. एनएचआरसी ने नोटिस में कहा है कि श्रम और रोजगार मंत्रालय ने दिल्ली में ईएसआई अस्पताल की चिकित्सा लापरवाही के कारण मरने वाले कोविड​​-19 रोगी के परिजनों को 2 लाख रुपये की मौद्रिक राहत की सिफारिश क्यों नहीं की गई है.

बता दें कि दिल्ली के सीएम अरविंद केजरीवाल ने ‘मुख्यमंत्री कोविड-19 परिवार आर्थिक सहायता’ योजना की शुरुआत की है. महामारी से जान गंवाने वाले लोगों के परिजनों को दिल्ली सरकार की ओर से आर्थिक सहायता दी जाएगी. कोरोना से हुई प्रत्येक मृत्यु पर परिवार को एकमुश्त 50 हजार रुपये की राशि दी जाएगी. वहीं, जिनके घर से कमाने वाला सदस्य गया है, उन्हें हर महीने ढाई हजार रुपये पेंशन दी जाएगी.

कोरोना के चलते अनाथ हुए बच्चों को 25 साल की उम्र तक ढाई हजार रुपये महीने पेंशन दी जाएगी. इस योजना की शुरुआत करते हुए मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल ने कहा कि हम लोगों के आवेदन करने का इंतजार नहीं करेंगे. बल्कि, दिल्ली सरकार के प्रतिनिधि उनके घर जाकर खुद फॉर्म भरवाएंगे. सीएम ने निर्देश देते हुए कहा कि कोरोना से जान गंवाने वाले व्यक्ति के परिवार को हर हाल में मुआवजा मिलना चाहिए और यह मदद जल्द से जल्द पहुंचाई जाए.

वहीं, सुप्रीम कोर्ट ने केंद्र सरकार की कोरोना वायरस से मौत पर पीड़ित परिजनों को 50 हजार रुपये का मुआवजा देने की योजना पर मुहर लगा दी है. देश की शीर्ष अदालत ने बीते दिनों इसको लेकर एक विस्तृत गाइडलाइन भी जारी की है. सुप्रीम कोर्ट ने कहा कि ये मुआवजा राज्यों की अनुग्रह राशि देने की अन्य योजना से अलग होगा. ये मुआवजा भविष्य में होने वाली मौतों पर भी लागू होगा. इसका भुगतान राज्य आपदा राहत कोष से होगा. अदालत ने कहा कि मृतक के परिजनों को 50 हजार रुपये की राशि का भुगतान हर हाल में किया जाएगा और यह विभिन्न परोपकारी योजनाओं के तहत केंद्र और राज्य द्वारा भुगतान की गई राशि से अलग होगा.

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