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राष्ट्रीय मानवाधिकार आयोग ने कलकत्ता हाईकोर्ट में बंगाल हिंसा की रिपोर्ट सौंपी
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मंगलवार को जादवपुर में आयोग की टीम पर हुआ था हमला
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बीजेपी नेताओं ने हमले को लेकर ममता सरकार पर किया जोरदार पलटवार
पश्चिम बंगाल में विधानसभा चुनाव के रिजल्ट के बाद जारी हिंसा को लेकर तनातनी बढ़ती जा रही है. हिंसा की जांच के लिए कलकत्ता हाईकोर्ट के निर्देश पर गठित राष्ट्रीय मानवाधिकार आयोग की टीम ने राज्य के कई हिस्सों का दौरा किया. इसके बाद आयोग की टीम ने बुधवार को रिपोर्ट कलकत्ता हाईकोर्ट में सौंप दी. इसके पहले मंगलवार को राष्ट्रीय मानवाधिकार आयोग की टीम पर जादवपुर में हमला करने की खबर आई थी. टीम पर दौरे के दौरान हमला हुआ था.
चुनाव के बाद जारी हिंसा से जुड़ी एक रिपोर्ट कलकत्ता हाईकोर्ट को सौंपी गई है. राष्ट्रीय मानवाधिकार आयोग के 24 सदस्य कोलकाता आए थे. टीम के सदस्यों ने अलग-अलग इलाकों का दौरा करके हिंसा से जुड़ी घटनाओं की जानकारी ली थी. इसके बाद आयोग की हिंसा पर तैयार रिपोर्ट को कलकत्ता हाईकोर्ट को सौंप दी गई है.
राष्ट्रीय मानवाधिकार आयोग के वकील
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बंगाल चुनाव के नतीजों के बाद लगातार हिंसा हो रही है. हिंसा के मुद्दे पर बीजेपी और टीएमसी आमने-सामने है. इसके पहले कलकत्ता हाईकोर्ट ने हिंसा की जांच के लिए राष्ट्रीय मानवाधिकार आयोग को जिम्मेदारी दी थी. राज्य की ममता सरकार ने कलकत्ता हाईकोर्ट के फैसले का विरोध भी किया था. लेकिन, हाईकोर्ट ने आदेश को वापस लेने से इंकार कर दिया था. कलकत्ता हाईकोर्ट के आदेश के बाद राष्ट्रीय मानवाधिकार आयोग के अध्यक्ष अरुण मिश्रा ने एक कमेटी का गठन कर दिया था. इसके बाद राष्ट्रीय मानवाधिकार आयोग की टीम ने रिपोर्ट तैयार की.
National Human Rights Commission (NHRC) team submits report over the post-poll violence in the state to the 5 judges bench of Calcutta High Court. pic.twitter.com/x1xg4b2DCq
— ANI (@ANI) June 30, 2021
पश्चिम बंगाल में राजनीतिक हिंसा का मामला नया नहीं है. इस बार विधानसभा चुनाव के प्रचार के दौरान भी हिंसा के मसले पर बीजेपी और टीएमसी के बीच तीखी बयानबाजी हुई थी. बीजेपी ने हिंसा में पार्टी के कार्यकर्ताओं की हत्या, उनके घरों में आगजनी और लूटपाट के आरोप भी लगाए थे. बीजेपी का दावा है कि हिंसा से बचने के लिए करीब एक लाख लोगों ने बंगाल से पलायन किया है. खुद राज्यपाल जगदीप धनखड़ भी हिंसा प्रभावित इलाकों का दौरा कर चुके हैं. वो असम में बंगाल से आकर रहने वालों शरणार्थियों से भी मुलाकात करके जानकारी ले चुके हैं.
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एक दिन पहले मंगलवार को बीजेपी कार्यसमिति की बैठक में भी बंगाल में जारी हिंसा का मुद्दा छाया रहा था. बीजेपी के राष्ट्रीय अध्यक्ष जेपी नड्डा ने हिंसा के मसले पर ममता बनर्जी सरकार को कठघरे में खड़ा किया था. जेपी नड्डा ने ममता बनर्जी पर हिंसा से निपटने में फेल रहने के आरोप लगाए थे. कार्यसमिति की बैठक में केंद्रीय मंत्री बाबुल सुप्रियो और पश्चिम बंगाल बीजेपी अध्यक्ष दिलीप घोष भी ममता बनर्जी सरकार पर हिंसा से निपटने में फेल होने के आरोप लगाए थे.