राष्ट्रीय जांच एजेंसी ( NIA) ने आज सोमवार को जम्मू कश्मीर के कई स्थानों पर छापेमारी की है. आतंकवाद से जुड़े एक मामले में जम्मू कश्मीर में कुछ स्थानों की तलाशी भी ली गई है. बता दें कि टारगेट किलिंग के बाद जम्मू कश्मीर के कई जिलों में आतंकी गतिविधि के खिलाफ अभियान तेज हैं. लगातार तलाशी की जा रही है और छापेमारी भी हो रही है.
ANI न्यूज एंजेसी को राष्ट्रीय जांच एजेंसी यानी NIA ने जानकारी दी है कि सोमवार को आतंकवाद से जुड़े एक मामले में जम्मू-कश्मीर में कुछ स्थानों की तलाशी ली. श्रीनगर और कुछ अन्य जगहों पर छापेमारी की गई.
NIA conducted searches at a few locations in Jammu and Kashmir in connection with a case linked to terrorism. The raids were conducted in Srinagar and some other places: National Investigation Agency (NIA)
— ANI (@ANI) November 22, 2021
लगातार हो रही तलाशी
बता दें कि जम्मू कश्मीर के कई जिलों के कई जगहों पर एनआईए और सीआरपीएफ साथ मिलकर तलाशी कर रहे है. एंजेसी के सूत्रों की मानें तो आतंकवाद रोधी जांच एजेंसी प्रतिबंधित आतंकी संगठन जमात-ए-इस्लामी के वरिष्ठ सदस्यों से जुड़े परिसरों की तलाशी ले रही है. हालांकि सुरक्षा को देखते हुए गुप्त जानकारी साझा नहीं की गई है. कम से कम 40 स्थानों पर तलाशी चल रही है.
बता दें कि इसी महीने अभी तक दो स्थानीय नागरिकों को आतंकियों ने मौत के घाट उतारा है. आतंकवादियों ने एक पुलिसकर्मी और एक सेल्समैन को निशाना बनाया है. इसके अलावा अक्टूबर में भी पूरे 13 स्थानीय नागरिक मारे गे जिसमें से 8 को श्रीनगर में मारा गया है. टारगेट किलिंग की घटनाओं को देखते हुए सुरक्षा एजेंसियों ने आतंकियों की मोडस ऑपरेंडी को नाकाम करने के लिए पूरे क्षेत्र और खासकर घाटी में रणनीति में बदलाव किया है. 90 के दशक में चरम आतंकियों से लड़ने की रणनीति को अभी अपनाया जा रहा है.
टारगेट किलिंग क्यों?
जम्मू-कश्मीर में सुरक्षाबलों के ऑपरेशन से आतंकी बौखला कर आम नागरिकों को निशाना बनाते रहे हैं. टारगेट किलिंग में ज्यादातर अल्पसंख्यकों और गैर कश्मीरियों को निशाना बनाया जाता है. आम लोगों पर टारगेट करना उनके लिए सबसे आसान होता है. हालांकि टारगेट किलिंग की घटनाओं के बाद उनके खिलाफ अभियान तेज हो गई है. सुरक्षाबलों ने आतंकियों को खदेड़ने के लिए कई ऑपरेशन चलाए हैं.