नई दिल्ली : राष्ट्रीय जांच एजेंसी (एनआईए) ने तेलंगाना में प्रतिबंधित पॉपुलर फ्रंट ऑफ इंडिया (पीएफआई) के लिए आतंकी प्रशिक्षण शिविर चलाने और आतंकवादी गतिविधियों के लिए युवाओं की भर्ती में शामिल होने के आरोप में 11 लोगों के खिलाफ आरोपपत्र दायर किया है. केंद्रीय जांच एजेंसी के एक प्रवक्ता ने मीडिया को बताया कि आरोपियों के खिलाफ आरोपपत्र गुरुवार को हैदराबाद में एनआईए की एक विशेष अदालत में दायर किया गया है. प्रवक्ता ने बताया कि इन आरोपियों में 10 तेलंगाना और एक आंध्र प्रदेश से है. यह मामला शुरू में 4 जुलाई को तेलंगाना के निजामाबाद जिले के छह-टाउन पुलिस थाने में दर्ज किया गया था. बाद में 26 अगस्त को एनआईए द्वारा फिर से दर्ज किया गया था.
मीडिया को जानकारी देते हुए एनआईए के प्रवक्ता ने कहा, ‘जांच से पता चला है कि आरोपी सीधे-सादे मुस्लिम युवाओं को कट्टरपंथी बना रहे थे और उन्हें भारत सरकार के साथ-साथ अन्य संगठनों और व्यक्तियों के खिलाफ नफरत तथा उकसावे वाले भाषणों के जरिए पीएफआई में भर्ती कर रहे थे.’ एनआईए अधिकारी ने कहा कि पीएफआई (पॉपुलर फ्रंट ऑफ इंडिया) में भर्ती होने केबाद, मुस्लिम युवाओं को योग कक्षाओं और शारीरिक शिक्षा की आड़ में पीएफआई द्वारा आयोजित प्रशिक्षण शिविरों में भेजा जाता था.
प्रवक्ता ने कहा कि शुरुआती पाठ्यक्रम में उन्हें हथियारों (चाकू, दरांती और लोहे की छड़) के इस्तेमाल करने के लिए प्रशिक्षित किया जाता था, ताकि किसी व्यक्ति को गले, पेट और सिर जैसे शरीर के नाजुक अंगों पर हमला करके उसे मारा जा सके तथा आतंकवादी कृत्यों को अंजाम दिया जा सके.
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अधिकारी ने कहा कि तेलंगाना के अब्दुल खादर, अब्दुल अहद, अब्दुल सलीम, शेख शादुल्ला, फिरोज खान, मोहम्मद उस्मान, सैयद याहिया समीर, शेख इमरान उर्फ इमरान कुरैशी, मोहम्मद अब्दुल मुबीन और मोहम्मद इरफान और आंध्र प्रदेश के शेख इलियास अहमद के खिलाफ भारतीय दंड संहिता और गैरकानूनी गतिविधियां (रोकथाम) अधिनियम की विभिन्न धाराओं के तहत आरोपपत्र दाखिल किया गया है.