NIA ने पाकिस्तान की जासूसी करनेवाले पूर्व भारतीय सैनिक के खिलाफ विशेष अदालत में दाखिल किया आरोपपत्र
NIA, Ex Indian soldier, Charge sheet filed : लखनऊ : राष्ट्रीय जांच एजेंसी (एनआईए) ने मंगलवार को पाकिस्तान की खुफिया एजेंसी के लिए जासूसी करनेवाले पूर्व सैनिक सौरभ शर्मा और एक अन्य व्यक्ति के खिलाफ आरोप पत्र दाखिल किया. मालूम हो कि सौरभ शर्मा भारतीय सेना में सिग्नलमैन के पद पर कार्यरत था.
लखनऊ : राष्ट्रीय जांच एजेंसी (एनआईए) ने मंगलवार को पाकिस्तान की खुफिया एजेंसी के लिए जासूसी करनेवाले पूर्व सैनिक सौरभ शर्मा और एक अन्य व्यक्ति के खिलाफ आरोप पत्र दाखिल किया. मालूम हो कि सौरभ शर्मा भारतीय सेना में सिग्नलमैन के पद पर कार्यरत था.
NIA files chargesheet in Special Court Lucknow against arrested accused persons in connection with a case relating to sharing of confidential info about Army by accused Saurabh Sharma, an erstwhile Signalman,with pseudonymous entity operated by Defence/ISI agents of Pakistan: NIA
— ANI (@ANI) July 6, 2021
उत्तर प्रदेश के हापुड़ के बहादुर गढ़ थाना क्षेत्र के बिहुनी गांव निवासी सौरभ शर्मा साल 2013 में सेना में भर्ती हुआ था. गिरफ्तारी के बाद एडीजी लॉ एंड आर्डर प्रशांत कुमार ने बताया था कि स्वास्थ्य कारणों का हवाला देते हुए पिछले साल मई माह में उसे सेना से हटा दिया गया था. सौरभ शर्मा के बैंक खाते में विदेश से बड़ी रकम आयी है.
उत्तर प्रदेश के एटीएस ने छापेमारी कर सौरभ शर्मा और उसके सहयोगी अनस गितौली को जनवरी माह में गुजरात के गोधरा से गिरफ्तार किया था. पूछताछ में सौरभ शर्मा ने एटीएस के समक्ष स्वीकार किया है कि वह साल 2016 से पाकिस्तानी खुफिया एजेंसी के संपर्क में था और उसे गोपनीय सूचनाएं साझा करने के बदले पैसे भेजे गये थे.
राष्ट्रीय जांच एजेंसी ने सौरभ शर्मा और उसके सहयोगी अनस गितौली के खिलाफ आईपीसी, आधिकारिक गोपनीयता अधिनियम की धाराओं और गैरकानूनी गतिविधियां (रोकथाम) अधिनियम में विशेष एनआईए कोर्ट में आरोपपत्र दाखिल किया है. एनआईए ने भी संवेदनशील जानकारी साझा करने के बदले पाकिस्तानी स्रोतों समेत अन्य स्रोतों से धन मिलने की बात कही है.
पूर्व सैनिक सौरभ शर्मा के मुताबिक, साल 2014 में छद्म नाम की एक लड़की से उसकी दोस्ती फेसबुक पर हुई थी. उसने खुद को डिफेन्स जर्नलिस्ट बताया था. छद्म लड़की के झांसे में आने पर सेना की कई गोपनीय सूचनाएं साझा की थी. बाद में वह पाकिस्तान की जासूसी करने लगा था. इसके बदले में उसे रकम भी मिलती थी.