मणिपुर जबरन वसूली : NIA ने म्यांमार के नागरिक और आतंकी संगठनों के दो सदस्यों के खिलाफ दायर किया आरोप पत्र

एनआईए के अनुसार, आरोपी खिनमाउंग, मणिपुर के सूरज जायसवाल और मणिपुर के ही शेखोम ब्रेस मीतेई मणिपुर में प्रतिबंधित आतंकवादी संगठनों की गतिविधियों को संचालित करने और उसे मजबूत बढ़ाने के लिए धन जुटा रहे थे. इस मामले में एनआईए ने संज्ञान लेते हुए पिछले साल नौ मार्च 2022 को मामला दर्ज किया था.

By Prabhat Khabar Digital Desk | July 13, 2023 10:55 AM

नई दिल्ली : राष्ट्रीय जांच एजेंसी (एनआईए) ने बुधवार को मणिपुर में प्रतिबंधित आतंकी संगठनों के सदस्यों की ओर से जबरन वसूली के एक मामले में म्यांमार के एक नागरिक समेत तीन लोगों के खिलाफ आरोप पत्र दायर किया है. समाचार एजेंसी एएनआई की एक रिपोर्ट के अनुसार, इंफाल में प्रतिबंधित संगठनों के तीन कैडरों पीपुल्स रिवॉल्यूशनरी आर्मी, कांगलेइपाक कम्युनिस्ट पार्टी पीपुल्स रिवॉल्यूशनरी पार्टी ऑफ कांगलेइपाक और यूनाइटेड नेशनल लिबरेशन फ्रंट के खिलाफ इंफाल में एनआई की विशेष अदालत के समक्ष आरोप पत्र दायर किया गया है.

आरोप पत्र में तीन आरोपियों के नाम शामिल

रिपोर्ट के अनुसार, इंफाल की विशेष अदालत में एनआईए की ओर से दायर आरोप पत्र में भारतीय दंड संहिता (आईपीसी) की धाराओं और गैर-कानूनी गतिविधियां रोकथाम अधिनियम-1967 के तहत दायर किए गए आरोप पत्र में म्यांमार के दीपक शर्मा उर्फ खिनमाउंग (38), मणिपुर के सूरज जायसवाल (33) और मणिपुर के ही शेखोम ब्रेस मीतेई (38) के नाम शामिल किए गए हैं. रिपोर्ट में कहा गया है कि दीपक शर्मा उर्फ खिनमाउंग के खिलाफ 1946 के विदेशी अधिनियम के तहत अतिरिक्त आरोप लगाए गए हैं.

जबरन वसूली के लिए करते थे कॉल

एनआईए के अनुसार, आरोपी खिनमाउंग, मणिपुर के सूरज जायसवाल और मणिपुर के ही शेखोम ब्रेस मीतेई मणिपुर में प्रतिबंधित आतंकवादी संगठनों की गतिविधियों को संचालित करने और उसे मजबूत बढ़ाने के लिए धन जुटा रहे थे. एनआईए की जांच से पता चला है कि प्रतिबंधित संगठनों के कैडर धन जुटाने के लिए इंफाल और पहाड़ी इलाकों में लोगों को जबरन वसूली के लिए कॉल करते थे.

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एनआईए ने नौ मार्च 2022 को दर्ज किया था केस

एनआईए की ओर से जारी बयान में कहा गया है कि इन कैडरों ने पीड़ितों के साथ अपने सहयोगी बैंक खाते का विवरण साझा किया और उन्हें उसमें वसूली की रकम जमा करने का निर्देश दिया. इस मामले में एनआईए ने स्वत: संज्ञान लेते हुए पिछले साल नौ मार्च 2022 को मामला दर्ज किया था. मामले में शामिल अन्य लोगों को गिरफ्तार के लिए एजेंसी की ओर से जांच की जा रही है.

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