राष्ट्रीय जांच एजेंसी (एनआईए) ने पॉपुलर फ्रंट ऑफ इंडिया (PFI ) के खिलाफ पहली चार्जशीट दाखिल कर दी है. जिसमें पीएफआई के दो सदस्यों पर सांप्रदायिकता को बढ़ावा देने का आरोप लगाया गया है. साथ ही हथियारों की ट्रेनिंग देने का भी आरोप लगा है. यह आरोप पत्र राजस्थान में संगठन द्वारा चलाई जा रही उग्रवादी गतिविधियों और एजेंडे से संबंधित मामले में दाखिल किया गया है. एनआईए के एक प्रवक्ता ने बताया कि सोमवार को कोटा के मोहम्मद आसिफ उर्फ ‘आसिफ’ और राजस्थान के बारां के सादिक सर्राफ पर यहां की एक विशेष अदालत में भारतीय दंड संहिता और गैरकानूनी गतिविधियां (रोकथाम) अधिनियम की विभिन्न धाराओं के तहत आरोप लगाए गए हैं.
एनआईए चार्जशीट में पीएफआई पर कट्टरपंथ को बढ़ावा देने का आरोप
अधिकारी ने कहा कि यह मामला आपराधिक साजिश की जांच के सिलसिले में दर्ज किया गया था, जिसे पीएफआई सदस्यों द्वारा भोले-भाले मुस्लिम युवाओं को कट्टर बनाकर और उन्हें हथियारों का प्रशिक्षण देकर भारत में विभिन्न समुदायों के बीच खाई पैदा करने के उद्देश्य से रचा गया था. उन्होंने कहा कि आरोपियों का मकसद आतंकी गतिविधियों के लिए धन जुटाकर भारत में 2047 तक इस्लामिक शासन कायम करना था.
आरोपी पीएफआई के प्रशिक्षित सदस्य
चार्जशीट में यह बताया गया कि मोहम्मद आसिफ उर्फ आसिफ और सादिक सर्राफ पीएफआई के प्रशिक्षित सदस्य हैं जो हिंसक कृत्यों को अंजाम देने के लिए पीएफआई के लिए प्रभावशाली मुस्लिम युवाओं की भर्ती और कट्टरता में शामिल करते थे.
The accused chargesheeted are trained PFI members who were involved in recruitment and radicalisation of impressionable Muslim youth for the PFI for committing violent acts.
— ANI (@ANI) March 14, 2023
सितंबर 2022 में एनआईए ने किया था केस दर्ज
एनआईए ने आपराधिक साजिश की जांच के लिए पीएफआई के खिलाफ सितंबर 2022 में मामला दर्ज किया गया था, जिसे पीएफआई नेताओं और कैडरों द्वारा कट्टरपंथी मुस्लिम युवाओं को कट्टरपंथ और हथियार-प्रशिक्षण के माध्यम से भारत में विभिन्न समुदायों के बीच तनाव पैदा करने के उद्देश्य से रचा गया था.
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