एनआईए की जांच में खुलासा, ऑनलाइन दुष्प्रचार के जरिए भारत में अपनी जड़ें जमाने की कोशिश में जुटा इस्लामिक स्टेट
NIA ने आतंकी हमलों, साजिश और फंडिंग के 37 मामलों की जांच की है. ये सभी मामले आईएस (इस्लामिक स्टेट) की विचारधारा से प्रेरित हैं. न्यूज एजेंसी एएनआई की रिपोर्ट के मुताबिक, एनआईए की जांच में खुलासा हुआ है कि आईएस लगातार ऑनलाइन दुष्प्रचार के जरिए भारत में अपनी जड़ें जमाने की कोशिश कर रहा है.
Terror Attacks NIA Investigation एनआईए (NIA) ने आतंकी हमलों, साजिश और फंडिंग के 37 मामलों की जांच की है. ये सभी मामले आईएस (इस्लामिक स्टेट) की विचारधारा से प्रेरित हैं. न्यूज एजेंसी एएनआई की रिपोर्ट के मुताबिक, एनआईए की जांच में खुलासा हुआ है कि आईएस लगातार ऑनलाइन दुष्प्रचार के जरिए भारत में अपनी जड़ें जमाने की कोशिश कर रहा है. एनआईए ने कहा है कि ऐसी किसी भी गतिविधि की सूचना जरूर दी जानी चाहिए.
बता दें कि दुनियाभर की सुरक्षा एजेंसियों और आतंकियों की बीच डिजिटल लड़ाई जारी है. सुरक्षा एजेंसियों की नजर से बचने के लिए आतंकी नए-नए सुरक्षित डिजिटल प्लेटफार्म अपनाते रहते हैं. मीडिया रिपोर्ट के मुताबिक, पिछले तीन साल से राकेट चैट नाम का डिजिटल प्लेटफार्म आतंकियों का पसंदीदा बना हुआ है और तमाम कोशिशों के बावजूद सुरक्षा एजेंसियां इस पर उनकी गतिविधियों को रोकने में सफल नहीं हो पाई हैं.
NIA has investigated 37 cases of terror attacks, conspiracy&funding which have been inspired by IS (Islamic State) ideology. The probe has revealed that IS is trying to spread its tentacles in India through continuous propaganda online. Any such activity should be reported: NIA pic.twitter.com/OugCN9Xp8s
— ANI (@ANI) September 17, 2021
मीडिया रिपोर्ट में सुरक्षा एजेंसी से जुड़े एक वरिष्ठ अधिकारी ने हवाले से बताया गया है कि इस्लामिक स्टेट (आइएस) के दुनियाभर में फैले आतंकी आपसी संवाद और गतिविधियों में तालमेल के लिए मुख्य तौर पर राकेट चैट का इस्तेमाल कर रहे हैं. उनके अनुसार 2018 के बाद आइएस की तमाम आनलाइन गतिविधियां राकेट चैट पर ही देखी गई हैं और भारत में आइएस के गिरफ्तार आतंकियों से पूछताछ में इसकी पुष्टि भी हुई है. इसी तरह अलकायदा के आतंकी भी राकेट चैट का ही इस्तेमाल कर रहे हैं.
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