पाक संचालित गजवा-ए-हिंद मामले में NIA की बिहार, गुजरात और यूपी में छापेमारी, कई आपत्तिजनक सामग्री बरामद
जानकारी के लिए बता दें यह जो मामला है बिहार पुलिस द्वारा पटना के फुलवारीशरीफ इलाके के मरघूब अहमद दानिश उर्फ ताहिर की गिरफ्तारी के बाद सामने आया था, जिसने बाद में पिछले साल 14 जुलाई के दिन इसे दर्ज किया था.
नेशनल इन्वेस्टीगेशन एजेंसी (NIA) ने आज कट्टरपंथी मॉड्यूल गजवा-ए-हिंद मामले में बिहार, गुजरात और यूपी के पांच जगहों पर ताबड़तोड़ छापेमारी की है. छापेमारी के तहत इंवेस्टीगेशन एजेंसी ने बिहार के दरभंगा में एक, पटना में दो, गुजरात के सूरत में एक और बरेली के एक जगह पर छापेमारी की. ये छापेमारी तीनों राज्यों में संदिग्धों के परिसरों पर की गयी. एनआईए ने जानकारी देते हुए बताया कि, छापेमारी के दौरान कई डिजिटल डिवाइस, मोबाइल फोन्स, मेमोरू कार्ड, सिम कार्ड और जरुरी डॉक्युमेंट्स सहित कई और आपत्तिजनक सामग्री जब्त की गयी.
मारघूब पर चार्जशीट दायर
जानकारी के लिए बता दें यह जो मामला है बिहार पुलिस द्वारा पटना के फुलवारीशरीफ इलाके के मरघूब अहमद दानिश उर्फ ताहिर की गिरफ्तारी के बाद सामने आया था, जिसने बाद में पिछले साल 14 जुलाई के दिन इसे दर्ज किया था. एनआईए ने मामले को अपने हाथ में लिया और पिछले साल 22 जुलाई को इस मामले को फिर से दर्ज किया. जानकारी के लिए बता दें इसी साल 6 जनवरी को इंडियन पीनल कोड और गैरकानूनी गतिविधियां अधिनियम 1967 के अलग-अलग धाराओं के तहत मारघूब पर चार्जशीट दायर किया गया था.
गजवा-ए-हिंद मॉड्यूल का पाकिस्तान से कनेक्शन
जांच करने पर आरोपी को गजवा-ए-हिंद मॉड्यूल का मेंबर पाया गया, जिसे पाकिस्तान स्थित ऑपरेटिव्स संचालित करते थे. इसका उद्देश्य भारतीय क्षेत्र पर गजवा-ए-हिंद की स्थापना के लिए प्रभावशाली युवाओं को कट्टरपंथी बनाना था. आगे जांच करने पर पता चला कि, मारघूब एक एक व्हाट्सएप ग्रुप गजवा-ए-हिंद का एडमिन था. मारघूब को जैन नाम के एक पाकिस्तानी नागरिक ने बनाया था. मारघूब ने आतंकवादी गतिविधियों को अंजाम देने लिए देशभर में स्लीपर सेल स्थापित करने के उद्देश्य से कई भारतीयों, बांग्लादेशियों, पाकिस्तानियों, यमनियों को इस ग्रुप से जोड़ा था. एजेंसी के मुताबिक, आरोपी ने विभिन्न सोशल मीडिया प्लैटफॉर्म्स पर भी गजवा-ए-हिंद नाम से ग्रुप बनाया था.