नयी दिल्ली / पटना : केंद्रीय गृह मंत्रालय ने बिहार, झारखंड और पश्चिम बंगाल के माओवादियों के बीच के संबंधों की जांच राष्ट्रीय जांच एजेंसी से करने को कहा है. मालूम हो कि मार्च, 2021 में बिहार में भारी मात्रा में हथियार और गोला-बारूद की बरामदगी की गयी थी. गृह मंत्रालय आदेश पर एनआईए ने जांच शुरू कर दी है.
एनआईए ने पटना और जहानाबाद में नक्सलियों से बरामद हथियार और विस्फोटक बरामद किये जाने के मामले में आर्म्स एक्ट, विस्फोट अधिनियम, यूएपीए एक्ट समेत कई धाराओं में प्राथमिकी दर्ज की है. एनआईए ने जहानाबाद के नक्सली परशुराम सिंह उर्फ नंदलाल जी, गया के गौतम कुमार व संजय सिंह और उमेश यादव उर्फ राधेश्याम सिंह को नामजद अभियुक्त बनाया है.
बताया जाता है कि बिहार की राजधानी पटना के दानापुर और जहानाबाद के करौना क्षेत्र से डेटोनेटर, हथगोले, रॉकेट लॉन्चर मैप, सेफ्टी पिन, फ्यूज, कोडेक्स वायर समेत अन्य स्पेयर पार्ट्स की बड़ी खेप जब्त की गयी थी. बड़े पैमाने पर इन सामानों की जब्ती बड़ी साजिश की ओर इशारा कर रही हैं.
नामजद अभियुक्तों में से नक्सली परशुराम सिंह उर्फ नंदलाल जी और सहयोगी सिंह सिंह समेत पांच माओवादियों को उनके गांव जहानाबाद के बिस्तौल से बिहार के स्पेशल टास्क फोर्स (एसटीएफ) ने गिरफ्तार किया था. बाद में परशुराम के दो बेटों राकेश सिंह और गौतम सिंह को मैकेनिक मोहम्मद बदरुद्दीन के साथ गिरफ्तार किया गया था.
गृह मंत्रालय के अनुसार, गिरफ्तार लोगों पर गैरकानूनी गतिविधि रोकथाम अधिनियम (यूएपीए) की धाराओं के तहत मामला दर्ज किया गया है. साथ ही अंतरराज्यीय प्रभाव के कारण मामले की जांच की एनआईए द्वारा की जायेगी. मामले की जांच को लेकर एनआईए की टीम झारखंड और अन्य राज्यों का दौरा कर सकती है.