उद्धव ठाकरे सरकार ने महाराष्ट्र में रविवार 28 मार्च से एक बार फिर नाइट कर्फ्यू लागू करने का ऐलान कर दिया है.गौतलब है कि लॉकडाउन खुलने के बाद यह कोरोनोवायरस संक्रमण में सबसे बड़ा उछाल है. सिर्फ गुरुवार को ही 24 घंटों के भीतर महाराष्ट्र में कोरोना के लगभग 35 हजार 952 नए मामले सामने आए थे. इसलिए ठाकरे सरकार ने महाराष्ट्र में शॉपिंग मॉल रात 8 बजे से सुबह 7 बजे तक बंद रखने का आदेश जारी कर दिया है. इसके साथ ही कर्फ्यू से जुड़े कई और नियम लागू किये गए है.
कोरोना के बढ़ते संक्रमण के मद्देनजर महाराष्ट्र सरकार ने 28 मार्च से नाइट कर्फ्यू लागू कर दिया है. यह कर्फ्यू रात 8 बजे से लेकर सुबह 7 बजे तक रहेंगे. इसके तहत भीड़-भाड़ वाले सभी स्थानों को इस दौरान बंद रखने का आदेश दिया गया है. सरकार ने कहा है कि यह कर्फ्यू 2 अप्रैल तक जारी रहेगा. इस दौरान सरकार हर उस परिस्थिति पर नजर रखेगी, जिससे कोरोना संक्रमण के मामले बढ़ सकते हैं. अगर इससे परिस्थिति पर काबू नहीं पाया गया, तो सरकार कठोर कदम उठा सकती है.
अकेले शुक्रवार को महाराष्ट्र में कोरोना के 36,902 नए मामले सामने आए और 112 लोगों की मौत हो गयी. इसलिए ठाकरे सरकार ने सबसे पहले उन संस्थानों को बंद रखने का आदेश जारी किया, जिससे संक्रमण फैलने का खतरा सबसे ज्यादा था. इसके तहत रात 8 बजे से सुबह 7 बजे तक सारे मॉल और मार्केट को बंद रखने का आदेश दिया गया है. इसके साथ ही, सिर्फ 50 फीसदी क्षमता के साथ सिनेमा हॉल को खुलने की छूट दी गयी है. नई गाइडलाइन्स के मुताबिक, प्रदेश में सभी प्रकार के सामाजिक, राजनीतिक और सांस्कृतिक कार्यक्रमों पर रोक रहेगी और शादी समारोह में 50 से ज्यादा लोगों को नहीं बुलाया जा सकेगा. अंतिम संस्कार जैसे कार्यक्रम में भी सिर्फ 20 लोग ही शामिल हो सकेंगे.
महाराष्ट्र सरकार ने 10वीं-12वीं के छात्रों के लिए बड़ी राहत की भी घोषणा की है. नाइट कर्फ्यू के मद्देनजर राज्य की शिक्षा मंत्री वर्षा गायकवाड़ ने कहा कि कोरोना की वजह से जिन छात्रों के घर या परिसर सील कर दिए गए हैं, ऐसे छात्रों को परीक्षा में बैठने का एक और मौका दिया जाएगा. उनके लिए जून में विशेष परीक्षा आयोजित की जाएगी.
महाराष्ट्र सरकार ने कहा कि जिस तरह से राज्य में कोरोना के बढ़ते मामलों को देखते हुए आगे की रणनीति तैयार किया गया है. इसके लिए एक बैठक की गई, जिसमें प्रदेश के सभी डिवीजनल कमिश्नर, कलेक्टर, एसपी और जिला अस्पतालों के सीनियर डॉक्टर्स शामिल हुए थे. इसमें यह फैसला किया गया कि सरकार के इस कदम से मरीजों की संख्या में कमी नहीं आई तो नियमों को और सख्त किया जा सकता है. अजित पवार ने कहा कि अगर लोग कोरोना नियमों का पालन ठीक से नहीं करते, तो लॉकडाउन के अलावा कोई चारा नहीं होगा.
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Posted by : Vishwat Sen