निहंग समूह ने ली सिंघू बाॅर्डर पर हुई हत्या की जिम्मेदारी, जिस ग्रंथ के अपमान पर बवाल, जानिए उसकी खासियत
सरबलोह ग्रंथ को मुख्यधारा का सिख समुदाय मान्यता नहीं देता है, हालांकि निहंग इसका बहुत सम्मान करते हैं. बताया जाता है कि इस ग्रंथ की रचना 18वीं शताब्दी में की गयी है.
संयुक्त किसान मोर्चा का कहना है कि निहंग समूह ने दिल्ली के सिंघू बाॅर्डर पर एक 35 वर्षीय व्यक्ति की हत्या की जिम्मेदारी ली है. मोर्चा ने जोर देकर कहा कि इस भीषण हत्या को इसलिए अंजाम दिया गया क्योंकि उस व्यक्ति ने पीड़िता ने सरबलोह ग्रंथ को अपवित्र करने का प्रयास किया था. इस मामले में पुलिस ने एक व्यक्ति को गिरफ्तार किया है कल कोर्ट में उसकी पेशी होगी.
इंडिया टुडे के अनुसार सरबलोह ग्रंथ को मुख्यधारा का सिख समुदाय मान्यता नहीं देता है, हालांकि निहंग इसका बहुत सम्मान करते हैं. बताया जाता है कि इस ग्रंथ की रचना 18वीं शताब्दी में की गयी है.
#WATCH | Haryana Police detains one person in connection with the Singhu border incident.
A body was found hanging with hands, legs chopped at the spot where farmers' protest is underway (Kundli, Sonipat). FIR has been lodged. pic.twitter.com/gxfXTJ4kIu
— ANI (@ANI) October 15, 2021
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गौरतलब है कि सिंघू बॉर्डर पर धार्मिक ग्रंथ की बेअदबी के आरोप में व्यक्ति की पीट-पीट कर हत्या की गयी है. उसके हाथ को काटा गया है और उसके शरीर पर धारदार हथियार से करीब 10 जख्म बने थे और उसे अवरोधक से बांधा गया था.
इस घटना के लिए कथित रूप से निहंगों के एक समूह को जिम्मेदार ठहराया जा रहा है. सोशल मीडिया पर वायरल हुई एक वीडियो क्लिप में कुछ निहंगों को जमीन पर खून से लथपथ पड़े एक व्यक्ति के पास खड़े हुए देखा गया है और उसका बायां हाथ कटा हुआ पड़ा है.
निहंगों को यह कहते हुए सुना जा सकता है कि मृतक ने सिखों की पवित्र किताब की बेअदबी की है. कृषि कानूनों के खिलाफ दिल्ली से लगती सीमाओं पर तीन स्थानों पर प्रदर्शन कर रहे किसान संगठनों के साझा मंच संयुक्त किसान मोर्चा (एसकेएम) ने बताया कि इस नृशंस हत्या की जिम्मेदारी निहंगों के समूह ने ली है.
उनका दावा है कि मृतक ने सिखों की पवित्र किताब सरबलोह ग्रंथ की बेअदबी करने की कोशिश की थी। वरिष्ठ किसान नेता अभिमन्यु कोहर ने पीटीआई को बताया कि निहंगों के समूह ने कथित तौर पर उस व्यक्ति की हत्या की है और वे एसकेएम के प्रदर्शन का हिस्सा नहीं है और दोषियों के खिलाफ सख्त कार्रवाई की जानी चाहिए. उन्होंने दावा किया कि मृतक कुछ समय से निहंगों के उसी समूह के साथ रह रहा था.
पुलिस ने बताया कि मृतक लखबीर सिंह पंजाब के तरन तारन जिले के चीमा खुर्द का रहने वाला था और पेशे से मजदूर था. उसकी आयु 35 वर्ष के आसपास थी. उसका शव केंद्र के तीन कृषि कानूनों के खिलाफ कई महीनों से आंदोलन कर रहे किसानों द्वारा बनाए एक मंच के नजदीक पुलिस द्वारा लगाए गए अवरोधक से बांधा गया था. किसानों का प्रदर्शन स्थल दिल्ली-हरियाणा सीमा के पास सिंघू बार्डर पर स्थित है.
सोनीपत पुलिस के एक अधिकारी ने बताया, कुंडली पुलिस थाने को सुबह पांच बजे सूचना मिली कि किसानों के प्रदर्शन स्थल के पास एक शव मिला है. हरियाणा पुलिस के प्रवक्ता ने चंडीगढ़ में बताया कि सोनीपत पुलिस जब घटनास्थल पर पहुंचती तबतक व्यक्ति की मौत हो गई थी.
Posted By : Rajneesh Anand