केरल: थम गया निपाह का आतंक! एक सप्ताह में कोई नया मामला नहीं, फिर से शुरू हो रही हैं कक्षाएं

निपाह वायरस से कराह रहे केरल के लिए राहत भरी खबर है. कोझिकोड में निपाह संक्रमण को देखते हुए प्रशासन की ओर से जिले में सभी शिक्षण संस्थानों को 14 सितंबर से बंद कर दिया गया था. निपाह वायरस महामारी को देखते हुए ऑनलाइन कक्षाएं आयोजित की जा रही थीं.

By Pritish Sahay | September 25, 2023 1:46 PM

निपाह वायरस से कराह रहे केरल के लिए राहत भरी खबर है. केरल के कोझिकोड जिले में एक सप्ताह से भी अधिक समय तक निपाह वायरस के संक्रमण का कोई नया मामला सामने नहीं आया है. खुद केरल की स्वास्थ्य मंत्री वीना जॉर्ज भी कह चुकी है कि बीते कई दिनों से राज्य में निपाह वायरस का एक भी मामला सामने नहीं आया है. वहीं, नया मामले सामने नहीं आने के बाद कोझिकोड में शिक्षण संस्थानों में भी नियमित कक्षाएं शुरू हो गई है.गौरतलब है कि जिले में निपाह वायरस के संक्रमण से दो लोगों की जान जा चुकी है. बता दें, 16 सितंबर से इसका कोई नया मामला नहीं आया है.

बंद हो गये ते शिक्षण संस्थान
गौरतलब है कि कोझिकोड में निपाह संक्रमण को देखते हुए प्रशासन की ओर से जिले में सभी शिक्षण संस्थानों को 14 सितंबर से बंद कर दिया गया था. निपाह वायरस महामारी को देखते हुए ऑनलाइन कक्षाएं आयोजित की जा रही थीं. वहीं, राज्य में महामारी की घोषणा 12 सितंबर को की गई थी. इधर, कक्षाएं खुलने के बाद जिला प्रशासन ने छात्रों को अपने मास्क पहनने और सेनेटाइजर साथ रखने की सलाह दी है. वहीं, विद्यालय प्रशासन ने कहा है कि उन इलाकों में ऑनलाइन कक्षाएं चलती रहेंगी जहां अब भी निषिद्ध लागू है.

स्कूल खुलने पर छात्रों ने भी जताई खुशी
इधर, कक्षाओं के फिर से सुचारू रूप से चलने पर बच्चों ने कहा कि उन्हें खुशी और राहत मिली है कि हालात अब सुधर रहे हैं. और वे स्कूल जा रहे हैं. बता दें, निपाह अब तक कुल छह लोगों के वायरस से संक्रमित होने की पुष्टि हुई है और इनमें से दो की मौत हो चुकी है. इनमें से एक की मौत 30 अगस्त को हुई. वहीं जिला कलेक्टर ए गीता ने कहा है कि 24 सितंबर तक उपचाराधीन लोगों की संख्या 915 थी लेकिन इनमें से कोई उच्च जोखिम श्रेणी का मरीज नहीं था.

क्या है निपाह वायरस
बता दें, निपाह वायरस एक जूनोटिक बीमारी है जो जानवरों से इंसानों में फैलता है. यह खासकर चमगादड़ से इंसानों में फैलता है. इसके अलावा यह सूअर, बकरी, घोड़े, कुत्ते, बिल्लियों से भी फैल सकता है. वहीं, निपास से संक्रमित इंसान दूसरे इंसान को भी यह बीमारी से ग्रसित कर सकता है. सेंटर फ़ॉर डिसीज़ कंट्रोल एंड प्रिवेंशन की मानें तो निपाह वायरस के बारे में सबसे पहले 1998 में मलेशिया के कम्पंग सुंगाई निपाह से पता चला था. यहीं से इसका नाम निपाह वायरस पड़ा.

Also Read: Madhya Pradesh News: मध्य प्रदेश के उमरिया में भीषण सड़क हादसा, पेड़ से टकराई कार, पांच लोगों की मौत

निपाह वायरस  के लक्षण
निपाह वायरस के लक्षणों में बुखार, सिरदर्द, उल्टी,सांस लेने में तकलीफ समेत और कई लक्षण हैं. निपाह से ग्रसित होने पर मरीजों को न्यूरोलॉजिकल परेशानी भी होने लगती है, जैसे भ्रम की स्थिति. और अगर स्थिति ज्यादा गंभीर हो गई तो मरीज इन्सेफेलाइटिस का भी शिकार हो सकता है. 

भाषा इनपुट के साथ

Next Article

Exit mobile version