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Nirbhaya Justice : वकील एपी सिंह को जानिए, जो अंत- अंत तक दोषियों को बचाते रहे

Nirbhaya गैगरेप व हत्या मामले में चारों दरिंदों को आज सुबह साढ़े पांच बजे फांसी के फंदे पर लटकाया गया. इससे पहले, वकील एपी सिंह की याचिका पर रात साढ़े तीन बजे सुप्रीम कोर्ट में सुनवाई हुई, हालांकि कोर्ट ने फांसी पर रोक लगाने से इंकार कर दिया. एपी सिंह का यह अंतिम प्रयास विफल होते ही दोषियों को फांसी होना तय हो गया. लेकिन एपी सिंह इस तरह का प्रयास पहले भी करके कई बार दोषियों को फंदे पर चढ़ने से बचा चुके हैं. वकालत को पैशन और वसूल मानने वाले एपी सिंह इस केस को लड़ने के जी जान लगा दिये थे, आखिर वो अपने इस प्रयास में सफल नहीं हुए.

By AvinishKumar Mishra | March 20, 2020 1:38 PM

नयी दिल्ली : Nirbhaya गैगरेप व हत्या मामले में चारों दरिंदों को आज सुबह साढ़े पांच बजे फांसी के फंदे पर लटकाया गया. इससे पहले, वकील एपी सिंह की याचिका पर रात साढ़े तीन बजे सुप्रीम कोर्ट में सुनवाई हुई, हालांकि कोर्ट ने फांसी पर रोक लगाने से इंकार कर दिया. एपी सिंह का यह अंतिम प्रयास विफल होते ही दोषियों को फांसी होना तय हो गया. लेकिन एपी सिंह इस तरह का प्रयास पहले भी करके कई बार दोषियों को फंदे पर चढ़ने से बचा चुके हैं. वकालत को पैशन और वसूल मानने वाले एपी सिंह ने इस केस को लड़ने के लिए जी जान लगा दिये थे.

कई बार दे चुके हैं विवादित बयान– मुकदमा के दौरान एपी सिंह कई बार विवादित बयान दे चुके हैं, जिसके कारण उनकी आलोचना भी हुई है. फांसी की अंतिम रात भी एपी सिंह ने विवादित बयान देते हुए कहा कि 12 बजे रात में लड़की को निकलना ही नहीं चाहिये. इतना ही नहीं, एपी सिंह ने निर्भया को अपने दोस्त के साथ घुमने पर भी सवाल उठाया था. उन्होंने कहा था कि अगर मेरी बेटी इस तरह रात बारह बजे अगर किसी लड़के साथ बाहर घुमने जाती तो, मैं उसे फॉर्म हाउस में आग लगाकर मार देता.

लखनऊ के राममनोहर लोहिया यूनिवर्सिटी से लॉ ग्रैजुएट एपी सिंह के पास अपराधशास्त्र में डॉक्टरेट की भी डिग्री है. एपी सिंह 1997 में पहली बार बतौर वकील सुप्रीम कोर्ट में वकालत शुरू किया था. 2012 में वे सबसे पहले निर्भया के दोषियों का केस लड़ने के कारण चर्चा में आये थे. इसके अलावा, एपी सिंह डेरा सच्चा सौदा और हनीप्रित का केस भी लड़ चुके हैं.

जज पर उठाये थे सवाल– 2013 में निर्भया मामले में दिल्ली की साकेत कोर्ट ने सभी दोषियों को फांसी की सजा सुनायी थी, जिसके बाद एपी सिंह ने जज पर ही सवाल उठाया था. एपी सिंह ने जज पर टिप्पणी करते हुए कहा था कि यह फैसला राजनीतिक और मीडिया ट्रायल के दवाब में लिया गया है, हालांकि उनके इस बयान पर बार एसोसिएशन ने आलोचना की थी और नोटिस जारी किया था.

केस लड़ने का बताया था कारण– एपी सिंह ने निजी चैनल से बात करते हुए कहा था कि ये केस लड़ना उनके वकालत का वसूल है. यह केस मुझे मेरी मां ने लड़ने के लिए कहा था. मैं यह केस पूरी ईमानदारी से लड़ूँगा. उन्होंने अदालत पर आरोप लगाते हुए कहा था कि मुझे इस केस लड़ने के कारण अदालत भी टॉर्चर कर रही है.

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