नयी दिल्ली निर्भया के दरिंदों को फांसी की सजा मिल चुकी है. चारों दोषियों को आज तड़के साढ़े पांच बजे दिल्ली की तिहाड़ जेल में फांसी दी गयी. सुप्रीम कोर्ट में रात साढ़े तीन बजे दोषियों के वकील की याचिका पर सुनवाई हुई. लेकिन कोर्ट ने फांसी पर रोक लगाने से इंकार कर दिया. सुनवाई के दौरान कोर्ट में दोषी के वकील एपी सिंह, एडिशनल सॉलिस्टर तुषार मेहता और निर्भया के वकील सीमा कुशवाहा मौजूद रही.
Nirbhaya घटना के बाद राष्ट्रपति भवन के बाहर लोगों ने जमकर प्रदर्शन किया था. एडवोकेट सीमा भी इस प्रदर्शन में शामिल हुई थीं. सीमा बताती है कि प्रदर्शन के दौरान ही उन्होंने ठान लिया था कि निर्भया के दोषियों को फांसी दिलवाकर रहेंगी. उसी के बाद वे 2014 में इस केस से जुड़ीं. सीमा कुशवाहा का यह पहला केस था और इस केस में छह सालों तक उन्होंने निर्भया के लिए इंसाफ की लड़ाई लड़ी. निर्भया का यह पूरा केस सीमा ने मुफ्त में लड़ी हैं. आइये जानते हैं उनके बारें में..
वकालत का पहला केस- दिल्ली विश्वविद्यालय से वकालत की पढ़ाई करने वाली सीमा निर्भया बलात्कार व हत्या की घटना के समय कोर्ट में वकालत की ट्रेनिंग कर रही थी. घटना के बाद सीमा ने निर्भया का केस मुफ्त में ऐलान किया था. वे निर्भया के पूरे केस को निचली अदालत से लेकर ऊपरी अदालत तक स्वंय के पैसों से लड़ी है.
ज्योति लीगल ट्रस्ट से जुड़ी– वकील सीमा ने बलात्कार पीड़ितों के लिए बने ज्योति लीगल ट्रस्ट से 2014 में जुड़ी. यह ट्रस्ट बलात्कार पीड़ितों को मुफ्त में सलाहेती है और उनका केस लड़ती है.
आईएएस की तैयारी कर रही थीं सीमा– एक निजी समाचार चैनल से बात करते हुए सीमा ने बताया था कि उनका सपना आईएएस बनने का था और वे यूपीएससी की तैयारी भी करचुकी थीं. वर्तमान समय में सीमा सुप्रीम कोर्ट में एक प्रैक्टिस कर रही हैं. सीमा की मानें तो निर्भया का केस लड़ना उनके लिए भी एक बड़ी चुनौती था. निर्भया के परिवार के साथ उनका एक भावनात्मक संबंध है, खासतौर पर उसकी मां के साथ.
मां ने कहा शुक्रिया– फांसी के बाद निर्भया की मां ने सबसे पहले सीमा कुशवाहा को ही धन्यवाद कहा. निर्भया की मां ने कहा कि हमारे वकील (सीमा) के बिना यह केस जीतना संभव नहीं था.
दोषियों के वकील पर कोर्ट के अंदर बाहर रही हमलावर- सीमा निर्भया के दोषियों के वकील एपी सिंह पर चाहे कोर्ट के अंदर दलीलों से हो, या बाहर मीडिया में बयानों से हो. वे हमेशा हमलावर रहीं. दोषियों के वकील द्वारा केस को अंतरराष्ट्रीय अदालत ले जाने पर सीमा ने इसे भारत की संप्रभुता पर हमला बताया था.