Loading election data...

Nirbhaya justice : इन चार लोगों ने दरिंदों को पहुंचाया फांसी के फंदे तक

Nirbhaya Gangrape और हत्या मामले के चारों दोषियों को शुक्रवार तड़के साढ़े पांच बजे दिल्ली की तिहाड़ जेल मे फांसी दी गयी. इसस पहले, देर रात तक फांसी रोकने की याचिका पर सुप्रीम कोर्ट में सुनवाई चली. लेकिन अदालत ने फांसी पर रोक लगाने से मना कर दिया. निर्भया के दोषियों को फांसी के फंदे तक पहुंचाने में उनके माता-पिता, वकील, चश्मदीद गवाह और भारत सरकार के एएसजी का महत्वपूर्ण योगदान रहा. इन चारों की वजह से ही दोषी को आज फांसी के फंदे तक पहुंचाया गया. आइये जानते हैं इन चारों के बारे में..

By AvinishKumar Mishra | March 20, 2020 9:37 AM
an image

नयी दिल्ली : Nirbhaya Gangrape और हत्या मामले के चारों दोषियों को शुक्रवार तड़के साढ़े पांच बजे दिल्ली की तिहाड़ जेल मे फांसी दी गयी. इसस पहले, रात के साढ़े तीन बजे तक फांसी रोकने की याचिका पर सुप्रीम कोर्ट में सुनवाई चली. लेकिन अदालत ने फांसी पर रोक लगाने से मना कर दिया. फैसले के बाद चार लोग कोर्टरूम से विक्ट्री साइन दिखाते हुए बाहर निकले. ये चारों निर्भया के दोषियों को फंदे तक पहुंचाने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई. ॉ निर्भया के दोषियों को फांसी के फंदे तक पहुंचाने में उनके माता-पिता, वकील, चश्मदीद गवाह और भारत सरकार के एएसजी का महत्वपूर्ण योगदान रहा. इन चारों की वजह से ही दोषी को आज फांसी के फंदे तक पहुंचाया गया. आइये जानते हैं इन चारों के बारे में..

निर्भया के माता-पिता– निर्भया को इंसाफ दिलाने में सबसे महत्वपूर्ण भूमिका उनके माता आशा देवी और पिता बद्रीनाथ की रही है. दोनों ने सात साल तक निचली अदालत से लेकर सर्वोच्च अदालत तक न्याय के लिए लंबी लड़ाई लड़ी. फांसी के बाद दोनों ने कहा कि आखिर अपनी बेटी को हमने इंसाफ दिला ही लिया है.

Nirbhaya justice : इन चार लोगों ने दरिंदों को पहुंचाया फांसी के फंदे तक 3

दोस्त और मामले के चश्मदीद गवाह अवनींद्र– निर्भया के दरिंदों को फांसी की सजा तक पहुंचाने में चश्मदीद गवाह अवनींद्र पांडेय की भूमिका भी महत्वपूर्ण है. अवनींद्र निर्भया के दोस्त थे और इस दरिंदगी के दौरान बस में वे निर्भया के साथ ही थे.

अवनींद्र अकेले चश्मदीद गवाह थे, जिनके सामने छह दरिंदों (राम सिंह, एक नाबालिग, विनय, पवन, मुकेश और अक्षय) ने निर्भया के साथ चलती बस में सामूहिक दुष्कर्म किया था. निर्भया के दोषियों को फांसी की सजा दिलाने में अवनींद्र का अहम रोल रहा, क्योंकि उनकी गवाही पर निचली अदालत, दिल्ली हाई कोर्ट और फिर सुप्रीम कोर्ट ने सही माना और फांसी की सजा सुनायी.

वकील सीमा- निर्भया को इंसाफ दिलाने में वकील सीमा कुशवाहा की भी बड़ी भूमिका है. वह शुरू से निर्भया की माता-पिता की वकील रही हैं. सीमा कुशवाहा सुप्रीम कोर्ट की वकील है और निर्भया ज्योति ट्रस्ट में कानूनी सलाहकार भी हैं. दिल्ली विश्वविद्यालय से शिक्षा हासिल करने वालीं सीमा ने 2014 में सुप्रीम कोर्ट में वकालत शुरू की थी.

Nirbhaya justice : इन चार लोगों ने दरिंदों को पहुंचाया फांसी के फंदे तक 4

एएसजी तुषार मेहता– निर्भया के दरिंदों को फांसी दिलाने में एडिशनल सॉलिस्टर तुषार मेहता ने भ महत्ती भूमिका निभाई है. 2017 में सुप्रीम कोर्ट ने चारों दरिंदों को फांसी की सजा सुना दी थी, लेकिन दो साल तक यह मामला कोर्ट और सरकार के बीच फंसी रही.

कानून के लूपहॉल का उपयोग कर दोषियों के वकील ने दो डेथ वारंट लेप्स करवा दिया. लेकिन इसके बावजूद निचली अदालत से लेकर सर्वोच्च अदालत तक तुषार मेहता दोषियों को फांसी दिलाने के लिए कोर्ट में लड़ते रहे.

Exit mobile version