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Nirmala Sitharaman: ‘अलगाववाद का पर्याय नहीं है आत्मनिर्भर भारत’, अमेरिका में वित्त मंत्री का बयान

केंद्र सरकार की योजना 'आत्मनिर्भर भारत' के संदर्भ में ये बातें कही. सीतारमण ने कहा कि 'आत्मनिर्भर भारत' को "अलगाववाद या संरक्षणवाद के रूप में गलत समझा जाता है. यह इस बात की मान्यता है कि भारत को सकल घरेलू उत्पाद का अपना विनिर्माण हिस्सा बढ़ाना चाहिए.

Nirmala Sitharaman: ‘आत्मनिर्भर भारत’ या आत्मनिर्भरता की नीति न तो ‘अलगाववाद’ है और न ही ‘संरक्षणवाद’, बल्कि इस तथ्य की मान्यता है कि भारत को जीडीपी का अपना विनिर्माण हिस्सा बढ़ाना चाहिए. उक्त बातें वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने मंगलवार को अमेरिका के प्रतिष्ठित ब्रुकिंग्स इंस्टीट्यूट थिंक-टैंक में एक सभा को संबोधित करते हुए कही. उन्होंने सभा को संबोधित करते हुए कहा कि भारत ने पर्याप्त औद्योगीकरण नहीं किया क्योंकि बुनियादी ढांचे और संपर्क की कमी थी जो कि भीतरी इलाकों के औद्योगीकरण को सक्षम बनाता है.

भारत को GDP का अपना विनिर्माण हिस्सा बढ़ाना चाहिए

केंद्र सरकार की योजना ‘आत्मनिर्भर भारत’ के संदर्भ में ये बातें कही. सीतारमण ने कहा कि ‘आत्मनिर्भर भारत’ को “अलगाववाद या संरक्षणवाद के रूप में गलत समझा जाता है. यह इस बात की मान्यता है कि भारत को सकल घरेलू उत्पाद का अपना विनिर्माण हिस्सा बढ़ाना चाहिए क्योंकि यह कुशल और अर्धकुशल दोनों के लिए रोजगार पैदा करता है”. उन्होंने कहा कि नीति निर्माण क्षेत्र को बढ़ावा देती है जो अकुशल लोगों के लिए भी आय प्रदान करता है.

‘सड़क और हाईवे का निर्माण कार्य तेज’

वित्त मंत्री ने कहा कि सड़क और हाईवे का निर्माण कार्य तेज कर दिया गया है. बंदरगाहों और रेल नेटवर्क को मजबूत किया गया है. मंत्री ने कहा कि सरकार के पूंजीगत व्यय में वृद्धि का उद्देश्य प्राइवेट सेक्टर को वैश्विक विनिर्माण क्षमता बनाने के लिए बुनियादी ढांचा मंच प्रदान करना था. ग्लोबल सप्लाई चेन पर वीट मंत्री ने कहा कि वैश्विक विकास और व्यापार परस्पर जुड़े हुए हैं. व्यापार के लिए नई विश्व व्यवस्था में विकास का समर्थन करने के लिए हमें अनिवार्य रूप से सीमाओं के पार चलने के लिए वस्तुओं और सर्विस सप्लाई चेन की आवश्यकता है.

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भारत हमेशा वैश्विक साझा विकास के लिए आगे खड़ा

उन्होंने कहा कि एक विकासशील राष्ट्र के रूप में भारत हमेशा वैश्विक साझा विकास के लिए आगे खड़ा रहा है. उन्होंने कहा कि दुनिया में मौजूदा महत्वपूर्ण मोड़ पर, भारत ‘बहुपक्षीय कूटनीति और अंतरराष्ट्रीय सहयोग की आवश्यकता’ के प्रति अपनी प्रतिबद्धता की पुष्टि करना जारी रखे हुए है. सीतारमण अंतरराष्ट्रीय मुद्रा कोष (आईएमएफ) और विश्व बैंक की वार्षिक बैठकों में भाग लेने के लिए दिन में अमेरिका पहुंचीं. वित्त मंत्री अपनी पांच दिवसीय यात्रा के दौरान अमेरिकी ट्रेजरी सचिव जेनेट येलेन के साथ द्विपक्षीय बैठक भी करेंगी.

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