NITI Aayog Meeting: ममता बनर्जी के दावे पर आया नीति आयोग का रिएक्शन, बताई असली बात
NITI Aayog Meeting: दिल्ली में शनिवार को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की अध्यक्षता में नीति आयोग की बैठक हुई. हालांकि बैठक पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री को लेकर विवादों में रहा.
NITI Aayog Meeting: पश्चित बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी नीति आयोग की बैठक को बीच में ही छोड़कर बाहर निकल गईं. उन्होंने आरोप लगाया कि विपक्ष की एकमात्र प्रतिनिधि होने के बावजूद उन्हें भाषण के दौरान बीच में ही रोक दिया गया. उन्हें अपनी बात रखने से रोका गया. हालांकि ममता बनर्जी के दावे का नीति आयोग ने खंडन कर दिया है.
ममता बनर्जी पर क्या है नीति आयोग का रिएक्शन
नीति आयोग की बैठक के बाद CEO बीवीआर सुब्रह्मण्यम ने कहा, बैठक में 10 अनुपस्थित और 26 प्रतिभागी थे. केरल, तमिलनाडु, कर्नाटक, तेलंगाना, बिहार, दिल्ली, पंजाब, हिमाचल प्रदेश, झारखंड और पुडुचेरी से अनुपस्थित लोग थे. पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री मौजूद थीं. पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ने लंच से पहले अपनी बारी का अनुरोध किया था. ममता बनर्जी के आरोप पर सीईओ ने कहा, हर मुख्यमंत्री को 7 मिनट आवंटित किए जाते हैं और स्क्रीन के ऊपर सिर्फ एक घड़ी होती है जो आपको शेष समय बताती है. तो यह सात से छह, पांच, चार और तीन तक जाती है. अंत में यह शून्य दिखाता है और कुछ नहीं. इसके अलावा और कुछ नहीं हुआ. फिर ममता बनर्जी ने कहा कि मैं और बोलना चाहती थी लेकिन मैं अब और नहीं बोलूंगी. सीईओ ने कहा, इसके अलावा और कुछ नहीं हुआ. हम सबने सुना. उन्होंने अपनी बातें रखीं और हमने सम्मानपूर्वक उनकी बातें सुनीं तथा नोट कीं.
माइक्रोफोन बंद करने का लगाया ओराप
पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी ने नीति आयोग की बैठक से उठकर जल्द चली गईं. उन्होंने कहा, पांच मिनट के बाद उनका माइक्रोफोन बंद कर दिया गया, जबकि आंध्र प्रदेश, गोवा, असम और छत्तीसगढ़ जैसे राज्यों के मुख्यमंत्रियों को अधिक देर तक बोलने की अनुमति दी गई. नीति आयोग की शासी परिषद की बैठक से बाहर निकलने के बाद तृणमूल कांग्रेस (टीएमसी) प्रमुख ने कहा, यह अपमानजनक है. मैं आगे से किसी भी बैठक में हिस्सा नहीं लूंगी. मुख्यमंत्री ने कहा, विपक्ष की तरफ से मैं यहां अकेली नेता हूं. मैंने बैठक में इसलिए हिस्सा लिया, क्योंकि सहकारी संघवाद को मजबूत किया जाना चाहिए. तृणमूल के कई नेताओं ने बैठक में विपक्ष की एकमात्र प्रतिनिधि के साथ अनुचित व्यवहार करने के लिए सरकार पर निशाना साधा, वहीं ‘इंडिया’ गठबंधन में शामिल अन्य दलों ने भी ममता बनर्जी का समर्थन किया.
बीजेपी ने ममता बनर्जी पर साधा निशाना, बताया सुनियोजित
भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) ने पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री पर कटाक्ष करते हुए कहा कि उनका बैठक से बीच में बाहर निकलना पूर्व नियोजित था और इसका उद्देश्य सुर्खियां बटोरना था.
कांग्रेस बोली- ममता बनर्जी के साथ किया गया व्यवहार स्वीकार नहीं
कांग्रेस ने कहा कि ममता बनर्जी के साथ किया गया व्यवहार अस्वीकार्य है और आरोप लगाया कि नीति आयोग 10 साल पहले अपनी स्थापना के बाद से ही प्रधानमंत्री मोदी के लिए ढोल पीटने वाले तंत्र के रूप में काम कर रहा है.
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‘पीआईबी फैक्टचेक’ ने भी ममता बनर्जी के दावे को बताया भ्रामक
ममता बनर्जी के दावे पर ‘पीआईबी फैक्टचेक’ ने भी पोस्ट किया. फैक्ट चेक की टीम ने ‘एक्स’ पर एक पोस्ट में कहा कि यह कहना भ्रामक है कि बनर्जी का माइक्रोफोन बंद कर दिया गया. पोस्ट में कहा गया कि घड़ी के अनुसार उनका बोलने का समय समाप्त हो गया था. वर्णानुक्रम के अनुसार, ममता बनर्जी की बोलने की बारी दोपहर के भोजन के बाद आती, लेकिन पश्चिम बंगाल सरकार के आधिकारिक अनुरोध पर उन्हें सातवें वक्ता के रूप में बोलने की अनुमति दी गई, क्योंकि उन्हें जल्दी कोलकाता लौटना था. सरकार ने भी ममता बनर्जी के दावे का खंडन किया.