प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी नीति आयोग की संचालन परिषद की रविवार को यानी आज होने वाली सातवीं बैठक की अध्यक्षता करेंगे जिसमें फसल विविधीकरण और राष्ट्रीय शिक्षा नीति (एनईपी) को लागू करने जैसे कई मुद्दों पर चर्चा होगी. नीति आयोग की सर्वोच्च संस्था संचालन परिषद की इस बैठक में राज्यों के मुख्यमंत्री, केंद्रशासित प्रदेशों के उप राज्यपाल और कई केंद्रीय मंत्री शामिल होंगे. नीति आयोग का अध्यक्ष होने के नाते प्रधानमंत्री इस परिषद की बैठक की अध्यक्षता करने वाले हैं.
इस बीच तेलंगाना के मुख्यमंत्री के चंद्रशेखर राव ने इस बैठक का बहिष्कार करने की घोषणा करते हुए शनिवार को कहा कि राज्यों के साथ केंद्र सरकार के मौजूदा भेदभावपूर्ण रवैये के विरोध में वह इस बैठक में शामिल नहीं होंगे. राव ने प्रधानमंत्री मोदी के नाम लिखे एक पत्र में कहा कि भारत एक सशक्त देश के रूप में तभी सामने आ सकता है जब राज्यों का भी विकास हो. उन्होंने कहा कि मजबूत एवं आर्थिक रूप से गतिशील राज्य ही भारत को एक सशक्त देश बना सकते हैं.
पंजाब के मुख्यमंत्री भगवंत मान ने कहा कि वह बैठक में फसलों के लिए न्यूनतम समर्थन मूल्य (एमएसपी) समेत कई मुद्दे उठाएंगे. उन्होंने कहा कि तीन साल के अंतराल के बाद पंजाब से कोई प्रतिनिधि नीति आयोग की बैठक में शामिल होगा. एक दिन पहले शुक्रवार को जारी आधिकारिक बयान में कहा गया था कि यह बैठक स्थिर, टिकाऊ और समावेशी भारत के निर्माण की दिशा में केंद्र और राज्यों एवं केंद्रशासित प्रदेशों के बीच सहयोग और सहकार के एक नए युग की दिशा में तालमेल का रास्ता खोलेगी.
बयान के मुताबिक, इस बैठक में जी-20 मंच पर प्रगति को रेखांकित करने में राज्यों की भूमिका पर भी जोर दिया जाएगा. संचालन परिषद की बैठक की तैयारियों के क्रम में जून में मुख्य सचिवों का राष्ट्रीय सम्मेलन धर्मशाला में आयोजित किया गया था. इस सम्मेलन की अध्यक्षता प्रधानमंत्री ने की थी और इसमें सभी राज्यों तथा केंद्र शासित प्रदेशों के मुख्य सचिवों के साथ ही केंद्र और राज्य सरकारों के वरिष्ठ अधिकारियों ने भाग लिया था. आमतौर पर इस परिषद की बैठक हर साल होती है. पिछले साल यह बैठक 20 फरवरी को हुई थी. उस बार पश्चिम बंगाल, पंजाब, तेलंगाना और गुजरात के मु्ख्यमंत्री बैठक में शामिल नहीं हुए थे.
नीति आयोग ने रविवार को होने वाली अपनी संचालन परिषद की बैठक का बहिष्कार करने के तेलंगाना के मुख्यमंत्री के चंद्रशेखर राव के निर्णय को ‘दुर्भाग्यपूर्ण’ बताया है. आयोग ने राव की तरफ से इस आशय की घोषणा के बाद शनिवार को एक बयान में कहा कि तेलंगाना के मुख्यमंत्री की तरफ से लगाए गए आरोपों को वह खारिज करता है. आयोग ने कहा कि तेलंगाना के माननीय मुख्यमंत्री की तरफ से लगाया गया यह आरोप गलत है कि इस बैठक का एजेंडा तय करते समय राज्यों के साथ विमर्श नहीं किया गया है. राज्यों के साथ मिलकर काम करने के लिए पहले ही कई कदम उठाए गए हैं.