कोवैक्सीन (COVAXIN) पर विश्व स्वास्थ्य संगठन (WHO) जल्द फैसला लेगा. नीति आयोग के सदस्य (स्वास्थ्य) वीके पॉल ने यह उम्मीद जतायी है. उन्होंने कहा है कि डाटा शेयरिंग से जुड़ी सकारात्मक बातों की जानकारी नीति आयोग को है. विश्व स्वास्थ्य संगठन को वैज्ञानिक तथ्यों के आधार पर फैसला लेना है. इसलिए उसे पूरा वक्त दिया जाना चाहिए. साथ ही श्री पॉल ने उम्मीद जतायी कि डब्ल्यूएचओ जल्द ही इस विषय पर अपना अंतिम निर्णय देगा.
नीति आयोग के सदस्य श्री पॉल ने कहा कि नये-नये डाटा सामने आते हैं और उनका मूल्यांकन करना पड़ता है. कई रिव्यू से गुजरना होता है. उसके बाद कोई फैसला हो पाता है. हमें पता है कि हम निर्णय के बेहद करीब हैं. इसलिए मुझे उम्मीद है कि इस महीने के अंत तक कोई सकारात्मक निर्णय हमारे पक्ष में आयेगा. यानी कोवैक्सीन को डब्ल्यूएचओ की मंजूरी मिल जायेगी. और भारत में विकसित इस पहले कोरोना वैक्सीन का इस्तेमाल पूरी दुनिया के लोग कर पायेंगे.
We know of positive developments-data sharing, data evaluation going on through multiple reviews&we know that we're close to decision point. We believe that positive decision could be coming in before month end: Dr VK Paul, Member-Health,Niti Aayog on WHO nod for Covaxin expected pic.twitter.com/b4a3ZYiyh4
— ANI (@ANI) September 14, 2021
डॉ वीके पॉल ने कहा कि एक बार कोवैक्सीन को डब्ल्यूएचओ की हरी झंडी मिल जाये, तो भारत के लोगों को दुनिया के अन्य देशों की यात्रा करने की परेशानियों से मुक्ति मिल जायेगी. साथ ही कोवैक्सीन के उत्पादकों को इसका निर्यात करने की अनुमति भी मिल जायेगी. इससे भारत समेत दुनिया के तमाम देशों में टीकाकरण की रफ्तार बढ़ जायेगी.
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उल्लेखनीय है कि सोमवार को समाचार एजेंसी एएनआई ने सूत्रों के हवाले से खबर दी थी कि इसी सप्ताह विश्व स्वास्थ्य संगठन भारत में विकसित पहले कोरोना वैक्सीन कोवैक्सीन को मंजूरी दे सकता है. इसके बाद से कोवैक्सीन बनाने वाली कंपनी के साथ-साथ भारत के लोगों को भी इस बात की प्रतीक्षा है कि कब डब्ल्यूएचओ इसके इस्तेमाल की मंजूरी देता है. अभी कोवैक्सीन की डोज लेने वाले लोगों को किसी दूसरे देश में जाने पर कोरोना टेस्ट कराना पड़ता है या अपने साथ कोरोना की निगेटिव रिपोर्ट लेकर यात्रा करनी पड़ती है.
कोरोना वैक्सीन को डब्ल्यूएचओ की ओर से मंजूरी मिल जाने के बाद इसकी डोज लेने वाले लोग बेरोकटोक किसी भी देश की यात्रा कर पायेंगे. साथ ही कोरोना वैक्सीन दुनिया के अन्य देशों में निर्यात किया जा सकेगा, जिससे टीकाकरण की रफ्तार और तेज होगी. भारत में जनवरी, 2021 में इस वैक्सीन के इमरजेंसी इस्तेमाल की अनुमति दी गयी थी. करोड़ों लोगों को अब तक यह टीका लगाया जा चुका है. कंपनी ने 13 सितंबर तक 75 करोड़ टीका के उत्पादन का दावा किया था.
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Posted By: Mithilesh Jha
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