भारतीय जनता पार्टी (BJP) 2024 लोकसभा चुनाव की तैयारी में अभी से जुट गयी है. बिहार में गठबंधन दल के अलग होने के बाद बीजेपी ने बुधवार यानी 17 अगस्त को 15 सदस्यीय नये संसदीय बोर्ड और चुनाव समिति का ऐलान किया गया है. मगर, इस समिति से केंद्रीय राजमार्ग, सड़क और परिवहन मंत्री नितिन गडकरी और मध्य प्रदेश के मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान को बाहर कर दिया गया. भाजपा के इस फैसले के बाद केंद्रीय मंत्री नितिन गडकरी के राजनीति से संन्यास की अटकलें तेज हो गयीं हैं.
गडकरी ने एक कार्यक्रम में कहा था- सियासत के अलावा और भी कई काम
क्योंकि, वह एक कार्यक्रम में सियासत से मन भरने की बात कह चुके हैं. उनका कहना था कि सियासत के अलावा और भी कई काम हैं. समाज के लिए करने को. नितिन गडकरी के इस बयान के बाद अब जब उन्हें संसदीय बोर्ड और चुनाव सिमित से बाहर कर दिया गया, तो उनके संन्यास लेने की अटकलें और तेज हो गयीं हैं. गडकरी पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष भी रह चुके हैं.
Also Read: नितिन गडकरी छोड़ देंगे राजनीति! जानिए क्यों केन्द्रीय मंत्री कर रहे हैं ऐसी बातशिवराज सिंह चौहान के भविष्य पर उठ रहे सवाल
मध्य प्रदेश में शिवराज सिंह चौहान के नेतृत्व को लेकर पहले से ही सवाल उठ रहे थे. यहां पर पार्टी के कैलाश विजयवर्गीय और कांग्रेस से आयीं ज्योतिरादित्य सिंधिया भी बागडोर संभालने को लाइन में लगे हैं. इसके साथ ही कई अन्य नेता भी मध्य प्रदेश की बागडोर सभालने की कोशिश में लगे हैं.
एक और मंत्री पद पर लटकी तलवार
भाजपा के एक विश्वसनीय सूत्र ने बताया कि नरेंद्र मोदी के पहले मंत्रिमंडल में 55 मंत्री प्रधानमंत्री से सीनियर थे. इसमें से 53 मंत्री बाहर हो चुके हैं. सुषमा स्वराज, गोपीनाथ मुंडे, मनोहर परिकर, अरुण जेटली समेत कई नेताओं का निधन हो गया. जबकि मुख्तार अब्बास नकवी कई दिग्गज नेता मंत्रीमंडल से बाहर हो गए. इसमें सिर्फ केंद्रीय रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह और सड़क परिवहन मंत्री नितिन गडकरी बचे हैं. अब भाजपा के वरिष्ठ नेता और केंद्रीय मंत्री नितिन गडकरी चुनाव समिति से बाहर हो गए हैं. जानकार इसके कुछ अलग मायने निकाल रहे हैं. जिसपर आने वाले दिनों में खुलासा हो जाएगा.
2024 में नहीं लड़ेंगे चुनाव
भाजपा की संसदीय बोर्ड कमेटी से नितिन गडकरी को बाहर करने के बाद उनके 2024 में चुनाव न लड़ने को लेकर भी अटकलें लगाई जाने लगी हैं.
बरेली से मुहम्मद साजिद की रिपोर्ट