नयी दिल्ली: बंगाल की खाड़ी से उठा चक्रवाती तूफान निवार तमिलनाडु और पुदुचेरी के तटीय इलाकों में भारी तबाही मचाएगा. मौसम विभाग ने इसकी आशंका जताई है. तूफान की गति 100 से 120 किमी प्रति घंटा हो सकती है. 20 सेंटीमीटर तक मूसलाधार बारिश हो सकती है.
चक्रवाती तूफान को कोई नाम जरूर होता है
आपने गौर किया होगा कि प्रत्येक चक्रवाती तूफान का कोई ना कोई नाम जरूर होता है. जैसे कि निसर्ग, अंफान और गति. इस तूफान को निवार कहा जा रहा है. क्या आपको पता है कि किसी भी तूफान का नाम कैसे रखा जाता है. ये नाम कौन तय करता है. क्या आपने सोचा कि आखिर चक्रवाती तूफान का नाम रखने की जरूरत ही क्या है.
ईरान ने सुझाया नए चक्रवाती तूफान का नाम
निवार तूफान का नाम ईरान ने सुझाया है. निवार का मतलब होता है रोकथाम करना. जानकारी के मुताबिक 2020 में उत्तरी हिंद महासागर में उठने वाले चक्रवाती तूफानों के लिए जारी नामों की सूची में ये तीसरा नाम है. 3 दिन पहले 22 नवंबर को सोमालिया में एक चक्रवाती तूफान आया था. भारत ने उसका नाम रखा था. उस तूफान का नाम था गति.
इस पैनल के जरिए तय होता है चक्रवात का नाम
चलिए जानते हैं कि ये नाम कैसे तय किए जाते हैं. एशिया और प्रशांत क्षेत्र के लिए संयुक्त राष्ट्र की आर्थिक और सामाजिक आयोग तथा विश्व मौसम संगठन ने इसकी शुरुआत की. साल 2000 में. तय किया गया कि बंगाल की खाड़ी और अरब सागर में उठने वाले तमाम चक्रवाती तूफान का नाम रखा जाएगा. उस समय बांग्लादेश, भारत, मालदीव, म्यांमार, ओमान, पाकिस्तान, श्रीलंका औऱ थाईलैंड इस पैनल में शामिल थे.
साल 2018 में इस पैनल में ईरान, कतर, सऊदी अरब, संयुक्त अरब अमीरात और ओमान का नाम भी जुड़ गया.
चक्रवात का नाम रखने की पूरी प्रक्रिया समझें
इन देशों की ओर से सुझाया गया नाम उस देश के नाम की वर्णमाला के हिसाब से तैयार किया जाता है. सूची की शुरुआत बांग्लादेश से होती है. भारत, ईरान, मालदीव, ओमान और पाकिस्तान का नाम इसके बाद आता है. इस हिसाब से चक्रवाती तूफानों का नाम रखा जाता है. अप्रैल 2020 में इन नामों की सूची जारी की गई थी.
आपके मन में ये सवाल होगा कि चक्रवातों का नाम क्यों रखा जाता है. तो बता दूं चक्रवाती तूफान का नाम रखने से वैज्ञानिकों, आपदा प्रबंधकों, मीडिया तथा आमलोगों को इसे पहचानने में आसानी होती है. जागरूकता फैलाने में भी सहूलियत मिलती है.
नाम रखने में किन बातों को रखना है खयाल
चक्रवाती तूफान का नाम रखने में कुछ बातों का ध्यान रखना पड़ता है. नाम किसी भी राजनीतिक पार्टी, शख्सियत, धर्म, संस्कृति और लिंग के आधार पर नहीं होना चाहिए. किसी भी समूह या संगठन की भावना को आहत नहीं करना चाहिए. सुनने में क्रूर या रूखा नहीं लगना चाहिए. नाम में अंग्रेजी के न्यूनतम 8 अक्षरों का ही इस्तेमाल किया जा सकता है.
Posted By- Suraj Thakur