Nizamuddin Corona Case LIVE :देश के विभिन्न कोनों में कोरोना वायरस फैलाने का केंद्र बन गयी निजामुद्दीन औलिया की दरगाह

दक्षिण दिल्ली की वह इमारत जहां निजामुद्दीन मरकज के तहत कई देशों के लोग वहां पहुंचे थे. उसे केंद्र द्वारा कोरोनावायरस हॉटस्पॉट (जहां संक्रमित लोगों की संख्या ज्यादा है) घोषित किया गया है. कई पाबंदियों के बावजूद निजामुद्दीन में इतने बड़े स्तर पर तब्लीगी जमात का मरकज आयोजित हो गया. यह मरकज देश में कोरोना संक्रमण का सबसे बड़ा केंद्र साबित होने लगा है. इससे केंद्र और राज्यों सरकारों की चिंताएं बढ़ने लगी हैं. मरकज से घर लौटे लोग कोरोना का कैरियर बनकर लौटे हैं और सरकार को उन्हें ढूंढने में भी परेशानी आ रही है. तबलीगी जमात के मरकज को लेकर गृह मंत्रालय का बयान आया है. गृह मंत्रालय के मुताबिक, उसने 21 मार्च को ही राज्यों को अलर्ट किया था और देश में जमात कार्यकर्ताओं का विवरण भी साझा किया था. इस संबंध में गृह मंत्रालय द्वारा सभी राज्यों के मुख्य सचिवों और डीजीपी के साथ-साथ पुलिस कमिश्नर, दिल्ली को भी निर्देश जारी किए गए थे. तेलंगाना में कोरोना के पॉजिटिव मामलों के सामने आते ही गृह मंत्रालय ने ये कदम उठाया था. बता दें कि इस वक्त देश लॉकडाउन भी नहीं हुआ था. ऐसे में क्या तबलीगी जमात को लेकर राज्यों की पुलिस से चूक हुई, ये अब बड़ा सवाल है. वहीं, मंत्रालय ने आगे कहा कि उसने 28 मार्च को भी राज्यों के डीजीपी को पत्र लिखा था और कहा था जो भी विदेशी हैं जिन्होंने तबलीगी के गतिविधियों में हिस्सा लिया था, उनका पता लगाएं. गृह मंत्रालय के बयान के मुताबिक, अब तक जमात के 1339 कार्यकर्ताओं को नरेला, सुल्तानपुरी और बक्करवाला क्वारनटीन केंद्र और अन्य अस्पतालों में स्थानांतरित कर दिया गया है. सभी राज्य पुलिस इन सभी विदेशी जमात कार्यकर्ताओं के वीजा श्रेणियों की जांच द्वारा वीजा शर्तों के उल्लंघन के मामलों पर आगे की कार्रवाई करेंगी. इस मरकज में आने के बाद हजारों की संख्या में लोग अपने-अपने घर लौट चुके हैं और इनमें से ज्यादातर कोविड- 19 का कलस्टर बनकर लौटे हैं जो अपने संपर्क में आ चुके लोगों को संक्रमित करने का काम कर रहे हैं. पढ़ें लाइव अपडेट्स

By Utpal Kant | April 1, 2020 8:37 PM
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मुख्य बातें

दक्षिण दिल्ली की वह इमारत जहां निजामुद्दीन मरकज के तहत कई देशों के लोग वहां पहुंचे थे. उसे केंद्र द्वारा कोरोनावायरस हॉटस्पॉट (जहां संक्रमित लोगों की संख्या ज्यादा है) घोषित किया गया है. कई पाबंदियों के बावजूद निजामुद्दीन में इतने बड़े स्तर पर तब्लीगी जमात का मरकज आयोजित हो गया. यह मरकज देश में कोरोना संक्रमण का सबसे बड़ा केंद्र साबित होने लगा है. इससे केंद्र और राज्यों सरकारों की चिंताएं बढ़ने लगी हैं. मरकज से घर लौटे लोग कोरोना का कैरियर बनकर लौटे हैं और सरकार को उन्हें ढूंढने में भी परेशानी आ रही है. तबलीगी जमात के मरकज को लेकर गृह मंत्रालय का बयान आया है. गृह मंत्रालय के मुताबिक, उसने 21 मार्च को ही राज्यों को अलर्ट किया था और देश में जमात कार्यकर्ताओं का विवरण भी साझा किया था. इस संबंध में गृह मंत्रालय द्वारा सभी राज्यों के मुख्य सचिवों और डीजीपी के साथ-साथ पुलिस कमिश्नर, दिल्ली को भी निर्देश जारी किए गए थे. तेलंगाना में कोरोना के पॉजिटिव मामलों के सामने आते ही गृह मंत्रालय ने ये कदम उठाया था. बता दें कि इस वक्त देश लॉकडाउन भी नहीं हुआ था. ऐसे में क्या तबलीगी जमात को लेकर राज्यों की पुलिस से चूक हुई, ये अब बड़ा सवाल है. वहीं, मंत्रालय ने आगे कहा कि उसने 28 मार्च को भी राज्यों के डीजीपी को पत्र लिखा था और कहा था जो भी विदेशी हैं जिन्होंने तबलीगी के गतिविधियों में हिस्सा लिया था, उनका पता लगाएं. गृह मंत्रालय के बयान के मुताबिक, अब तक जमात के 1339 कार्यकर्ताओं को नरेला, सुल्तानपुरी और बक्करवाला क्वारनटीन केंद्र और अन्य अस्पतालों में स्थानांतरित कर दिया गया है. सभी राज्य पुलिस इन सभी विदेशी जमात कार्यकर्ताओं के वीजा श्रेणियों की जांच द्वारा वीजा शर्तों के उल्लंघन के मामलों पर आगे की कार्रवाई करेंगी. इस मरकज में आने के बाद हजारों की संख्या में लोग अपने-अपने घर लौट चुके हैं और इनमें से ज्यादातर कोविड- 19 का कलस्टर बनकर लौटे हैं जो अपने संपर्क में आ चुके लोगों को संक्रमित करने का काम कर रहे हैं. पढ़ें लाइव अपडेट्स

लाइव अपडेट

देश के विभिन्न कोनों में कोरोना वायरस फैलाने का केंद्र बन गयी निजामुद्दीन औलिया की दरगाह

दक्षिण दिल्ली में स्थित 14वीं शताब्दी के सूफी ख्वाजा निज़ामुद्दीन औलिया की दरगाह देश के विभिन्न भागों में कोरोना वायरस फैलने का एक केन्द्र बनकर उभरा है. इस क्षेत्र में एक मार्च से 15 मार्च तक तबलीगी जमात के एक कार्यक्रम में बड़ी संख्या में लोगों ने भाग लिया था. निजामुद्दीन पश्चिम में तबलीगी जमात में हिस्सा लेने वाले छह लोगों की तेलंगाना में और जम्मू कश्मीर में एक व्यक्ति की मौत हुई. अकेले दिल्ली में ही इस कार्यक्रम में शामिल हुए 53 लोग कोरोना वायरस से संक्रमित पाये गये है. इसके अलावा, कार्यक्रम में शामिल हुए 441 लोगों में इस महामारी के लक्षण दिखने के बाद उन्हें अस्पताल में भर्ती कराया गया.

निजामुद्दीन मरकज में शामिल कारोना वायरस संक्रमित व्यक्ति ने आत्महत्या की कोशिश, अस्पताल प्रशासन ने बचाया

दिल्ली के हजरत निजामुद्दीन के तबलीगी मरकज में शामिल कोरोना वायरस से संक्रमित एक व्यक्ति ने बुधवार को आत्महत्या करने की कोशिश की. वह दिल्ली के राजीव गांधी सुपर स्पेशलिटी अस्पताल के छठी मंजिल पर भर्ती है. अस्पताल प्रशासन ने तत्काल उसकी जान बचा ली. अस्पताल प्रशासन का कहना है कि मरकज निजामुद्दीन के लोगों को छठी मंजिल पर भर्ती कराया गया था, उनमें से एक ने आज आत्महत्या करने की कोशिश की. हमने सफलतापूर्वक उसे बचा लिया. हम सुरक्षा कड़ी करने का हर संभव उपाय कर रहे हैं, ताकि इस तरह की घटनाएं दोबारा न हों.

खाली कराने के बाद सैनिटाइज कराया गया निजामुद्दीन का मरकज हाउस

मंगलवार को राष्ट्रीय सुरक्षा सलाहकार अजीत डोभाल की मौजूदगी में दिल्ली के निजामुद्दीन स्थित मरकज हाउस को खाली कराने के बाद बुधवार को उसे सैनिटाइज किया गया. अभी हाल ही में लॉकडाउन के नियमों का उल्लंघन करते हुए बड़े जलसे का आयोजन किया गया था, जिसमें करीब 2100 विदेशी लोगों के शामिल होने की आशंका है. इस कार्यक्रम में शामिल होने आये लोगों में से कई लोग कोविड-19 से संक्रमित पाए गये हैं. इनमें से तेलंगानना के छह कोरोना संक्रमित लोगों की मौत भी हो चुकी है.

आंध्र प्रदेश के 43 लोगों में कोरोना की पुष्टि

निजामुद्दीन मरकज में शामिल आंध्र प्रदेश के 43 लोगों में कोरोना वायरस संक्रमण की पुष्टि हुई जिसके बाद राज्य में हड़कंप मच गया है. चिकित्सा एवं स्वास्थ्य विभाग ने अपने ताजा बुलेटिन में यह जानकारी दी. इसके साथ ही राज्य में कुल मामलों की संख्या बढ़कर 87 हो गई है.

निजामुद्दीन मरकज में बिहार से गए थे 81 जमाती

निजामुद्दीन मरकज में 81 जमाती बिहार से भी थे. बिहार के मुख्य सचिव संजय कुमार के मुताबिक, अभी तक पटना में 17 और बक्सर में 13 जमातियों को ट्रेस किया गया है. हम बाकी सभी लोगों को ट्रेस कर रहे हैं. कोरोना संक्रमण के मद्देनजर सभी जमातियों का कोरोना टेस्ट कराया जाएगा. बिहार में अब तक 20 से ज्यादा मामले सामने आ चुके हैं.

निजामुद्दीन मरकज पूरी तरह खाली कराया गया

100 से ज्यादा लोगों के कोरोनावायरस के टेस्ट में पॉजिटिव पाए जाने के बाद निeमुद्दीन मरक से सभी 2,100 लोगों को बाहर निकाला गया है. आज सुबह 4 बजे मरकज को खाली कराया गया. करीब 2100 लोग मरकज़ से निकाले गए. हालांकि, मरकज से जुड़े लोगों का दावा है कि अंदर महज 1000 लोग थे. तेलगांना के 6 समेत सात कोरोनावायरस संक्रमितों की मौत के बाद सोमवार को निजामुद्दीन मरकज में रुके लोगों को बाहर निकालने की कार्रवाई शुरू की गई थी. दिल्ली पुलिस ने मरकज़ प्रशासन के खिलाफ एफआईआर दर्ज की है. इस मामले की जांच क्राइम ब्रांच करेगी.

अजीत डोभाल ने की थी बात

निजामुद्दीन मरकज में हुए तबलीगी जमात पर अभी अभी बड़ा खुलासा हुआ है. बताया जा रहा है कि 28 मार्च को एनएसए अजीत डोभाल ने मरकज में जाकर मौलाना से जगह को खाली कराने के लिए बात की थी.

मस्जिद से 13 बांग्लादेशी गिरफ्तार

मुंबई: ठाणे की मस्जिद से 13 बांग्लादेशी गिरफ्तार, निजामुद्दीन मरकज का कर चुके हैं दौरा

अस्पताल में आफत

दिल्ली के निजामुद्दीन मरकज से सैकड़ों की तादाद में निकले कोरोना संदिग्धों ने इस वायरस से लड़ने की प्रदेश की पूरी तैयारियों को पलीता लगा दिया है. मरकज से निकाले गए 400 से अधिक संदिग्ध मरीजों को लोकनायक जयप्रकाश नारायण अस्पताल और राजीव गांधी सुपर स्पेशलिटी अस्पताल में भर्ती कराया गया है. अस्पतालों में अचानक उमड़ी कोविड-19 के संदिग्ध मरीजों की जमात ने डॉक्टरों समेत अन्य मेडिकल स्टाफ की मुश्किलें बढ़ा दीं. डॉक्टर और अन्य लोग 10 से 14 घंटें शिफ्टों में काम कर रहे हैं.

पुणे ने बढ़ायी टेंशन

निजामुद्दीन मरकज में महाराष्ट्र के पुणे शहर से 130 लोग आए थे. इसमें 60 लोगों की पहचान कर उन्हें कोरंटाइन कर दिया गया. बाकी लोग या तो पुणे में नहीं हैं या फिर वो पहुंच से बाहर हैं. उनकी तलाश जारी है. पुणे के डीएम ने ये जानकारी दी.

जमात के चलते देश में कोरोना संक्रमण का विस्फोट

निजामुद्दीन इलाके में तबलीगी जमात के एक कार्यक्रम के चलते देश में कोरोना वायरस के संक्रमण की विस्फोटक स्थिति पैदा हो गयी है. देशभर में 224 नये मामले सामने आए हैं, जो एक दिन में नए मामलों का सबसे बड़ा आंकड़ा है. इसके साथ ही संक्रमितों की संख्या 15 सौ को पार कर गई है. सबसे ज्यादा दक्षिण भारत के कुछ राज्यों में संक्रमितों के मामले हैं और इनमें से ज्यादातर वही हैं जो इस कार्यक्रम में शामिल हुए थे.

सरकार की बड़ी कार्रवाई

दिल्ली पुलिस ने तबलीगी मरकज प्रमुख मौलाना साद और प्रबंधन से जुड़े लोगों के खिलाफ महामारी रोग अधिनियम की विभिन्न धाराओं और आपराधिक साजिश रचने की धारा में मुकदमा दर्ज कर लिया है. आरोप है कि इन्होंने कोरोना वायरस के संक्रमण की रोकथाम, उपचार और सुरक्षा उपायों की पूरी तरह से अनदेखी की. जबकि दिल्ली में जनता कर्फ्यू से पहले ही पांच से अधिक लोगों के एक स्थान पर एकत्र होने की मनाही थी.

AAP विधायक आतिशी ने दिल्ली पुलिस पर उठाए सवाल

आम आदमी पार्टी (AAP) की विधायक आतिशी ने तीन दिन का इज्तिमा (मजहबी मकसद से एक खास जगह जमा होना) आयोजित करने के लिए निजामुद्दीन मरकज के अधिकारियों के खिलाफ सख्त कार्रवाई की मंगलवार को मांग की. साथ ही उन्होंने सरकार की ओर से इस तरह से लोगों के जुटने पर रोक लगाए जाने के बावजूद दिल्ली पुलिस द्वारा अपेक्षित कदम नहीं उठाने पर भी सवाल किया.

कोरोना चेन तोड़ना काफी मुश्किल

फरवरी के अंत और मार्च की शुरुआत में यहां आयोजित हुए मरकज में देश के कौने-कौने से लोग आए और इनमें से ज्यादातर लौटे लोग कोरोना वायरस का कैरियर बनकर लौटे हैं. सरकार की योजना है कि जल्दी से जल्दी उन लोगों को घूमने से रोक दिया जाए जिन्होंने यहां शिरकत की और जो इन लोगों के संपर्क में अब तक आ चुके हैं. इनके संपर्क में आए लोग इस वायरस को फैलाने वाले अगले कैरियर बन गए हैं. सरकार को कोरोना की इस चेन को तोड़ने के लिए काफी मशक्त करनी पड़ रही है.

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