Nizamuddin Corona case: तबलीगी जमात के कार्यक्रम से 20 राज्यों पर खतरा, ऐसे सामने आया पूरा मामला
देश-दुनिया कोरोनावायरस से बेहाल है, हर ओर खौफ छाया हुआ है. इसी बीच, दिल्ली के निजामुद्दीन स्थित तबलीगी जमात का मरकज कोरोना वायरस संक्रमण का सबसे बड़ा केंद्र बनकर सामने आया है. मार्च में हुए तबलीगी जमात के कार्यक्रम के कारण अब देश के 20 राज्यों और केंद्र शासित प्रदेशों के लिए खतरा बढ़ गया है.
देश-दुनिया कोरोनावायरस से बेहाल है, हर ओर खौफ छाया हुआ है. इसी बीच, दिल्ली के निजामुद्दीन स्थित तबलीगी जमात का मरकज कोरोना वायरस संक्रमण का सबसे बड़ा केंद्र बनकर सामने आया है. मार्च में हुए तबलीगी जमात के कार्यक्रम के कारण अब देश के 20 राज्यों और केंद्र शासित प्रदेशों के लिए खतरा बढ़ गया है.100 से ज्यादा लोगों के कोरोनावायरस के टेस्ट में पॉजिटिव पाए जाने के बाद निजामुद्दीन मरकज से सभी 2,100 लोगों को बाहर निकाला गया है. आज सुबह 4 बजे मरकज को खाली कराया गया. तेलगांना के 6 समेत सात कोरोनावायरस संक्रमितों की मौत के बाद सोमवार को निजामुद्दीन मरकज में रुके लोगों को बाहर निकालने की कार्रवाई शुरू की गई थी.
दिल्ली पुलिस ने मरकज़ प्रशासन के खिलाफ एफआईआर दर्ज की है. इस मामले की जांच क्राइम ब्रांच करेगी. बता दें कि तबलीगी जमात के कार्यक्रम में देश-विदेश से करीब 4,000 लोग आए थे. सरकार और स्थानीय प्रशासन कार्यक्रम में शामिल सभी लोगों को तलाशने के काम में लगी हुई है ताकि सभी का कोरोना वायरस टेस्ट कराया जा सके. इस बीच तमिलनाडु सरकार ने कहा है कि राज्य में अब तक जो 57 लोग कोरोना पॉजिटिव पाए गए हैं उनमें से 50 तबलीगी जमात के कार्यक्रम में शामिल हुए थे. इससे पहले तेलंगाना ने कहा था कि राज्य में पांच मौतें हुई हैं और ये सभी वे लोग थे जो इस कार्यक्रम में शामिल हुए थे.
कार्यक्रम में शामिल होने आए जम्मू कश्मीर के 850 लोगों में से 25, दिल्ली के 4,000 लोगों में से 24, उत्तर प्रदेश के 157 लोगों में से 6, तेलंगाना के 386 लोगों में से 49, आंध्र प्रदेश के 711 लोगों में से 29, तमिलनाडु के 1,500 लोगों में से 124 और अंडमान निकोबार द्वीप समूह के 11 लोगों में से 9 अब तक कोरोना पॉजिटिव पाए गए हैं. बिहार से 80 लोग गए थे जिसमें से अब तक 30 लोगों की ही पहचान हो पायी है और उनके जांच जारी है. खबरों के मुताबिक, मरकज में 281 विदेशी भी शामिल हुए थे. इनमें इंडोनीशिया के 72, श्रीलंका के 34, म्यांमार के 33, किर्गिस्तान के 28, मलेशिया के 20, नेपाल और बांग्लादेश के 9-9, थाईलैंड के 7 और फिजी के 4 लोग थे.
मरकज में इन राज्यों से आए लोग
अंडमान से 21, असम से 216, बिहार से 80, हरियाणा से 22, हिमाचल से 15, हैदराबाद से 55, कर्नाटक से 45, महाराष्ट्र के 115, मेघालय में 5 और केरल से 15 लोग आए थे. इसके अलावा मध्य प्रदेश से 107, ओडिशा से 15, पंजाब से 9, राजस्थान से 19, झारखंड से 46, तमिलनाडु से 501, उत्तराखंड से 34, उत्तर प्रदेश से 156 और पश्चिम बंगाल से 73 लोग आए थे. निजामुद्दीन खुद कोरोनावायरस का हॉटस्पॉट बन गया है. बाकी बचे लोगों और उनके संपर्क में आए लोगों की तलाश शुरू हो गयी है. मरकज में शामिल होने के बाद कई विदेशी बिहार और झारखंड पहुंचे थे जहां उन्हें संदिग्ध मानकर हिरासत में लिया गया था.
कैसे सामने आया पूरा मामला
निजामुद्दीन पास स्थित मरकज में तबलीगी जमात तब घेरे में आया जब एक तेलंगाना में छह लोगों की मौत की खबर सामने आई. ये सभी दो हफ्ते पहले जमात के जलसे में शामिल हुए थे. इसके बाद ही मरकज के बारे में पता चला कि लॉकडाउन के बीच यहां 2000 से ज्यादा लोग जमा है. सोमवार रात से सभी को बहार निकाला जाने लगा. इस बिल्डिंग के आयोजन में शामिल 24 लोग कोरोना से संक्रमित पाए गए हैं.
देशभर में सर्च ऑपरेशन
पुलिस की ओर से दर्ज की गई एफआईआर में मौलाना साद, डॉक्टर जीशान, मुफ्ती शहजाद, मोहम्मद अशरफ, मुर्सलीन सैफ़ी, यूनिस मोहम्मद, सलमान के नाम हैं. मरकज से शुरू हुए सिलसिले ने कोरोना के खिलाफ बड़े सर्च ऑपरेशन को शुरू कर दिया है. ये तलाश उन जमातियों की है, जो दिल्ली के मरकज से होते हुए देश भर में फैल गए.