नौ साल में केंद्र ने गिराई 9 सरकारें, सदन में भड़कीं सुप्रिया सुले, पूछा सवाल- क्यों मौन हैं पीएम मोदी!
No Confidence Motion: एनसीपी सांसद सुप्रिया सुले ने अविश्वास प्रस्ताव पर महंगाई के मुद्दे पर भी केंद्र की मोदी सरकार को घेरा. उन्होंने कहा कि मोदी सरकार महंगाई मिटाने के नाम पर ही सत्ता पर आयी थी, लेकिन आज वही सरकार लोगों पर महंगाई का बोझ डाल रही है. उन्होंने कहा कि महंगाई की मार से जनता त्रस्त है.
No Confidence Motion: लोकसभा में मंगलवार को विपक्ष के अविश्वास प्रस्ताव पर बोलते हुए राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी की सांसद सुप्रिया सुले ने केन्द्र सरकार पर जमकर हमला किया. सांसद सुप्रिया सुले ने साल 2014 के लोकसभा चुनाव से पहले बीजेपी के नारे और वादे याद दिलाते हुए केंद्र सरकार को मणिपुर में महिलाओं के साथ हुई घटना को लेकर भी घेरा. सुप्रिया सुले ने मोदी सरकार पर निशाना साधते हुए यह भी कहा कि बीजेपी ने बीते नौ सालों में कई राज्यों की सरकार गिराईं हैं. उनके शासन में महंगाई चरम पर पहुंच गई है. सुले ने कहा कि बीजेपी ने अरुणाचल, मणिपुर, मेघालय, उत्तराखंड, कर्नाटक, गोवा, पुडुचेरी, मध्य प्रदेश और महाराष्ट्र में सिर्फ सरकार गिराई हैं. इसी दौरान उन्होंने मणिपुर (Manipur Violence) के सीएम एन बीरेन को तत्काल प्रभाव से सीएम पद से हटाने की मांग की है.
आसमान छू रही है महंगाई
एनसीपी सांसद सुप्रिया सुले ने अविश्वास प्रस्ताव पर महंगाई के मुद्दे पर भी केंद्र की मोदी सरकार को घेरा. उन्होंने कहा कि मोदी सरकार महंगाई मिटाने के नाम पर ही सत्ता पर आयी थी, लेकिन आज वही सरकार लोगों पर महंगाई का बोझ डाल रही है. उन्होंने कहा कि महंगाई की मार से जनता त्रस्त है. आम आदमी बेहाल है और किसानों को सामान का सही मोल तक नहीं मिल रहा है. उन्होंने कहा कि मोदी सरकार जनता से विकास का झूठा वादा कर रही है, और आम आदमी इसमें पिस रहा है.
नौ साल के शासन काल में कई सरकारें इन्होंने गिराईं- सुप्रिया सुले
एनसीपी की नेता सुप्रिया सुले ने बीजेपी पर जोरदार हमला करते हुए कहा है कि केंद्र में अपने नौ वर्षों के कार्यकाल में नौ राज्यों की सरकार गिराई हैं. सुले ने कहा कि बीजेपी ने अरुणाचल, मणिपुर, मेघालय, उत्तराखंड, कर्नाटक, गोवा, पुडुचेरी, मध्य प्रदेश और महाराष्ट्र में सिर्फ सरकार गिराई हैं. अविश्वास प्रस्ताव पर बोलते हुए सुप्रिया सुले ने कहा कि वो गठबंधन ‘इंडिया’ के लिए बोलने को खड़ी हुई हैं. उन्होंने केंद्र सरकार को हर मोर्चे पर फेल बताया. सुप्रिया सुले ने बीजेपी सरकार के व्यवहार को अक्खड़ बताया है.
मणिपुर के सीएम से मांग इस्तीफा
एनसीपी नेता ने केन्द्र सरकार को मणिपुर मुद्दे को लेकर भी घेरा. उन्होंने कहा कि वहां मणिपुर में महिलाओं के साथ जिस तरह से बदसलूकी की गई है, वो कहीं से भी स्वाकरनीय नहीं हैं. उन्होंने कहा कि यह देश की बेटी का मुद्दा है, फिर चाहे वो किसी भी राज्य की क्यों न हो. सुले ने कहा कि प्रदेश में जो हालात है उसे देखते हुए मणिपुर के सीएम को इस्तीफा दे देना चाहिए.
No Confidence Motion discussion | NCP MP Supriya Sule says, "I demand that the (Manipur) CM must resign immediately…10,000 cases of rioting, murder and rape. Have we become so insensitive? This is the problem with this Govt…" pic.twitter.com/9UCFXjtWad
— ANI (@ANI) August 8, 2023
केन्द्र सरकार पर साधा निशाना
सदन में अविश्वास प्रस्ताव पर बोलते हुए एनसीपी नेता सुप्रिया सुले ने केन्द्र सरकार पर कटाक्ष करते हुए कहा कि इन नौ साल में सरकार की क्या उपलब्धि रही है इस पर कटाक्ष करते हुए सुले ने कहा कि इन नौ सालों में राज्य सरकारों को गिराया गया. उन्होंने एक स्लोगन की याद दिलाते हुए कहा कि जुमले के अलावा सरकार ने कोई काम नहीं किया. उन्होने तंज कसते हुए कहा कि… बहुत हो गई महंगाई की मार… अबकी बार… शायद यह सबको याद होगा. उन्होंने कहा कि कर्नाटक में बीजेपी को समझ आ गया होगा की एलपीजी के दाम बढ़ने का क्या प्रभाव होता है.
मणिपुर पर पीएम मोदी का ‘मौनव्रत’ तोड़ने के लिए लाए अविश्वास प्रस्ताव- कांग्रेस
इधर, लोकसभा में मंगलवार को कांग्रेस ने मणिपुर में हिंसा को लेकर कहा कि प्रदेश में डबल इंजन की सरकार पर पूरी तरह विफल रही है. कांग्रेस ने कहा कि हमने यह अविश्वास प्रस्ताव बहुत मजबूरी में लाये हैं. ताकि इस मामले पर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी का मौन व्रत तोड़ा जा सके. कांग्रेस का आरोप है कि एक तरफ मणिपुर जल रहा है तो दूसरी तरह पीएम मोदी ने की ओर से एक भी बयान नहीं आ रहा है. विपक्ष के बार-बार आग्रह के बाद भी उन्होंने सदन में कोई बयान नहीं दिया.
अविश्वास प्रस्ताव में केन्द्र पर भड़के गोगोई
इधर, सदन में पार्टी के उप नेता गौरव गोगोई ने अविश्वास प्रस्ताव को चर्चा के लिए रखते हुए यह सवाल किया कि प्रधानमंत्री ने मणिपुर का दौरा क्यों नहीं किया और मणिपुर के मुख्यमंत्री एन बीरेन सिंह को पद पर क्यों बनाए रखा. उन्होंने दावा भी किया कि प्रधानमंत्री मौन रहना चाहते हैं क्योंकि उन्हें सिर्फ अपनी छवि से लगाव है और वह अपनी सरकार, गृह मंत्रालय और राष्ट्रीय सुरक्षा सलाहकार विफलताओं को सामने नहीं आने देना चाहते.
कांग्रेस सांसद ने कहा, मैं इस अविश्वास प्रस्ताव का समर्थन करने के लिए ‘इंडिया’ गठबंधन के दलों को आभार प्रकट करते हैं.उनका कहना था, यह हमारी मजबूरी है कि हमें यह अविश्वास प्रस्ताव लाना पड़ा है. यह संख्या को लेकर नहीं है, बल्कि मणिपुर के इंसाफ के लिए है. उन्होंने दावा किया कि अगर आज मणिपुर जल रहा है तो भारत जल रहा है. उन्होंने कहा कि अगर मणिपुर में आग लगी है, मणिपुर विभाजित हुआ तो भारत में आग लगी है, भारत विभाजित हुआ है.
जब मणिपुर जल रहा था तो पीएम मोदी विदेश यात्रा पर थे- तृणमूल कांग्रेस
इधर, अविश्वास प्रस्ताव के दौरान बोलते हुए तृणमूल कांग्रेस ने केंद्र सरकार पर जनता से जुड़े मुद्दों को नजरअंदाज करने का आरोप लगाया. टीएमसी का कहना है कि जब मणिपुर जल रहा था तब पीएम मोदी उस राज्य का दौरा करने के बजाय विदेश यात्रा पर थे. तृणमूल कांग्रेस के सौगत राय ने कहा कि आज उन्हें प्रधानमंत्री के बारे में व्यक्तिगत रूप से कुछ नहीं कहना, उनकी शिक्षा के बारे में नहीं कहना, बीबीसी वृत्तचित्र के बारे में कुछ नहीं कहना और न ही गुजरात दंगों के बारे में कुछ कहना है. उन्होंने कहा कि हम चाहते हैं कि पीएम मोदी सदन में मणिपुर हिंसा मामले पर बोलें. उन्होंने आरोप लगाया कि केंद्र की वर्तमान सरकार संघीय ढांचे को नष्ट कर रही है और इसका नुकसान पश्चिम बंगाल झेल रहा है.
हम चाहते है कि पीएम मोदी बयान दें- कांग्रेस
इधर, कांग्रेस नेताओं का कहना है कि सदन में हमारी मांग थी कि पीएम मोदी सदन में बयान दें, ताकी दुख की घड़ी में मणिपुर के लोगों को लगे की पूरा देश उनके साथ है, लेकिन प्रधानमंत्री मोदी ने मौन व्रत लिए हुए हैं. ऐसे में विपक्ष के पास अविश्वास प्रस्ताव लाने के अलावा और कोई चारा नहीं था. कांग्रेस नेताओं ने कहा है कि प्रधानमंत्री मोदी को कबूल करना होगा कि मणिपुर में डबल इंजन की सरकार विफल हो चुकी है. कांग्रेस की ओर से यह भी दावा किया गया है कि अगर मणिपुर में वीडियो वायरल नहीं होता तो प्रधानमंत्री नहीं बोलते, चुप्पी साधे रहते.
भाषा इनपुट से साभार