PegasusSspyware News Today: पेगासस जासूसी (Pegasus Spyware Row) मामले में आखिरकार सरकार ने संसद में सफाई दी. रक्षा मंत्री ने लिखित जवाब में कहा है कि पेगासस स्पाईवेयर (Pegasus Spyware) बनाने वाले एनएसओ ग्रुप (NSO Group) के साथ भारत सरकार ने कोई लेन-देन नहीं किया है. 19 जुलाई को संसद के मानसून सत्र की शुरुआत के साथ ही पेगासस (Pegasus Spyware News Hindi) के मुद्दे पर संसद के दोनों सदनों में हंगामा शुरू हो गया था. सभी विपक्षी दल इस मुद्दे पर सरकार से जवाब मांग रहे थे.
माकपा (CPM) के राज्यसभा (Rajya Sabha) सांसद डॉ वी सिवसदन के प्रश्न का रक्षा राज्यमंत्री अजय भट्ट ने लिखित जवाब दिया. डॉ सिवसदन ने पूछा था कि क्या सरकार ने एनएसओ ग्रुप टेक्नोलॉजीज (NSO Group Technologies) से कोई लेन-देन किया है या नहीं. अगर किया है, तो इसकी विस्तृत जानकारी दी जाये. इसके जवाब में अजय भट्ट ने कहा है कि एनएसओ ग्रुप टेक्नोलॉजीज के साथ भारत सरकार का कोई लेन-देन नहीं हुआ है.
पेगासस जासूसी प्रकरण (Pegasus Spyware Row) पर मानसून सत्र (Monsoon Session of Parliament) हंगामे की भेंट चढ़ गया. 13 अगस्त को मानसून सत्र (Monsoon Session) का समापन होना है. इससे पहले सरकार की ओर से इस पर स्पष्टीकरण दिया गया है. ऐसा माना जा रहा है कि संसद में बने गतिरोध को दूर करने के उद्देश्य से यह बयान दिया गया है, क्योंकि सरकार को ओबीसी आरक्षण (OBC Reservation) से जुड़ा संविधान संशोधन विधेयक (Constitution (127th Amendment) Bill 2021) पारित कराना है. अगर विपक्ष सहयोग न करे, तो राज्यों को ओबीसी आरक्षण का अधिकार देने वाला यह बिल सदन में लटक सकता है.
कांग्रेस समेत कम से कम 14 विपक्षी दल पेगासस जासूसी मामले (Pegasus Snoopgate) पर चर्चा कराने पर अड़े हैं. दूसरी तरफ, केंद्र सरकार बार-बार कहती रही है कि केंद्रीय सूचना प्रौद्योगिकी मंत्री अश्विनी वैष्णव ने इस विषय पर बयान दे दिया है. इसलिए अब यह कोई मुद्दा ही नहीं रह गया है. सरकार ने विपक्ष पर मानसून सत्र को बर्बाद करने के आरोप लगाये और कहा कि वह वैश्विक महामारी कोरोना और किसानों के मुद्दे पर चर्चा नहीं कर रही.
पेगासस पर बहस के लिए सरकार पर बनायेंगे दबाव- विपक्ष
विपक्षी दलों ने कहा कि सरकार राष्ट्रीय सुरक्षा के मुद्दे पर बहस से भाग रही है. पेगासस जासूसी प्रकरण गंभीर मामला है और इस पर केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह या प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को सदन में आकर बयान देना चाहिए. बहरहाल, सोमवार सुबह भी विपक्षी दलों की बैठक हुई. इसमें कांग्रेस के पूर्व अध्यक्ष राहुल गांधी, मल्लिकार्जुन खड़गे, लोकसभा में कांग्रेस के नेता अधीर रंजन चौधरी, पार्टी के वरिष्ठ नेता आनंद शर्मा एवं जयराम रमेश, समाजवादी पार्टी के वरिष्ठ नेता रामगोपाल यादव, लोकसभा में डीएमके के नेता टीआर बालू, शिवसेना नेता संजय राउत और कई अन्य दलों के नेता मौजूद थे.
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बैठक में तय हुआ कि पेगासस जासूसी मामले पर चर्चा कराने की मांग वे लोग सदन में करेंगे और सरकार पर इसके लिए दबाव बनाना जारी रखेंगे. इतना ही नहीं, महंगाई और किसानों से जुड़े मुद्दों पर भी सरकार को घेरने की रणनीति पर चर्चा इस बैठक में हुई. अब तक सरकार कहती रही थी कि गैरकानूनी तरीके से किसी की जासूसी नहीं करायी गयी, लेकिन विपक्ष इससे संतुष्ट नहीं था.
सुप्रीम कोर्ट तक पहुंचा मामला
यह बहुचर्चित मामला सुप्रीम कोर्ट (Supreme Court) तक पहुंचा. याचिकाकर्ता ने शीर्ष अदालत से अपील की कि एनएसओ (NSO) से जुड़े इस मामले की जांच का जिम्मा किसी स्वतंत्र जांच एजेंसी को सौंपा जाये. विपक्ष का दावा है कि सरकार इसके लिए जवाबदेह है, क्योंकि एनएसओ (NSO Pegasus Spyware) ने कह दिया है कि वह सिर्फ सरकारों को अपना सॉफ्टवेयर बेचती है.
Posted By: Mithilesh Jha