नई दिल्ली : माइक्रो ब्लॉगिंग साइट ट्विटर पर शनिवार को राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ (आरएसएस) के प्रमुख मोहन भागवत समेत कई नेताओं के अकाउंट से ब्लू टिक या ब्लू वेरिफिकेशन बैज हटाने के बाद संघ ने प्रतिक्रिया जाहिर किया है. संघ ने कहा है कि ब्लू टिक हटाने के बाद भागवत के अकाउंट से कोई ट्वीट पोस्ट नहीं किया गया है और न ही कंपनी ने अन्य आरएसएस नेताओं के खातों पर टिक को बहाल किया है. हालांकि, कई सोशल मीडिया यूजर्स ने उन खातों की ओर इशारा भी किया है, जो लंबे समय तक निष्क्रिय रहने के बावजूद उनसे अभी भी ब्लू टिक हटाया नहीं गया है.
बता दें कि शनिवार को ट्विटर ने संघ प्रमुख मोहन भागवत के पर्सनल ट्विटर अकाउंट से ब्लू टिक हटाने के पहले आरएसएस नेता सुरेश सोनी, अरुण कुमार, सुरेश जोशी, अनिरुद्ध देशपांडे और कृष्ण कुमार के अकाउंट से भी ब्लू टिक हटा दिए थे. भागवत का ट्विटर पर मई 2019 में अकाउंट बना था और इस पर उनके 20 लाख से अधिक फॉलोअर्स हैं.
हिंदुस्तान टाइम्स की खबर के अनुसार, संघ ने कहा कि इस बारे में उन्हें कोई स्पष्टीकरण नहीं दिया गया. उन्होंने कहा कि अगर ये सारे अकांउट निष्क्रिय थे, उन्हें इस बारे में हमें सूचित करना चाहिए था. माइक्रो ब्लॉगिंग साइट ट्विटर के नियमों के अनुसार, अगर कोई खाता निष्क्रिय हो जाता है, तो उससे ब्लू टिक हटा दिया जाता है.
संघ ने आगे कहा कि उपराष्ट्रपति वेंकैया नायडू के अकाउंट से भी जब ब्लू टिक हटाया गया, तो ट्विटर की ओर से जवाब दिया गया कि उनके ट्विटर हैंडल को पिछले छह महीने से लॉगइन नहीं किया गया था. ट्विटर ने कहा कि नायडू के अकाउंट से पिछली बार 23 जुलाई 2020 को आखिरी ट्वीट किया गया था.
संघ ने यह भी कहा कि ब्लू टिक हटाने के बाद भागवत के अकाउंट से कोई ट्वीट पोस्ट नहीं किया गया है और न ही कंपनी ने अन्य आरएसएस नेताओं के खातों पर टिक को बहाल किया है. हालांकि, कई सोशल मीडिया यूजर्स ने उन खातों की ओर इशारा भी किया है, जो लंबे समय तक निष्क्रिय रहने के बावजूद उनसे अभी भी ब्लू टिक हटाया नहीं गया है.
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Posted by : Vishwat Sen