Nobel Laureate Kailash Satyarthi संयुक्त राष्ट्र महासचिव ने 76वीं संयुक्त राष्ट्र महासभा की शुरुआत से पहले नोबेल शांति पुरस्कार विजेता कैलाश सत्यार्थी को नए सतत विकास लक्ष्यों (SDG) के एडवोकेट के रूप में नियुक्त किया है. नोबेल पुरस्कार विजेता कैलाश सत्यार्थी ने कहा कि दुर्भाग्यपूर्ण है कि हाशिये के बच्चों, उनके मुद्दों को वैश्विक राजनीतिक, सामाजिक और आर्थिक एजेंडे में प्राथमिकता में नहीं रखा गया है. उन्होंने कहा कि जरूरी है कि अंतर्राष्ट्रीय समुदाय समझे कि बच्चों को सुरक्षा नहीं दे सकते, शिक्षित नहीं कर सकते, तो सतत विकास लक्ष्य हासिल नहीं कर पाएंगे.
न्यूज एजेंसी एएनआई की रिपोर्ट के मुताबिक, नोबेल पुरस्कार विजेता कैलाश सत्यार्थी ने कहा कि हाशिये के बच्चों और खासकर कम आय वाले देशों के बच्चों को विकास और शिक्षा का पूरा अवसर दिया जाना चाहिए. इसके लिए मजबूत आवाज की जरूरत है. सिर्फ इस जनरल एसेंबली में ही नहीं, बल्कि भविष्य में भी मेरा मिशन है कि बच्चों को प्राथमिकता दी जाए.
Children have never been responsible for wars insurgencies, violence & poverty, yet they're the worst sufferers of problems we create. Afghanistan is one example. Afghani children are going to suffer the most if we don't take concrete action now: Nobel laureate Kailash Satyarthi pic.twitter.com/VrZnxMbDoP
— ANI (@ANI) September 19, 2021
नोबेल पुरस्कार विजेता कैलाश सत्यार्थी ने कहा कि बच्चे कभी भी युद्ध, विद्रोह, हिंसा और गरीबी के लिए जिम्मेदार नहीं रहे हैं. फिर भी वे हमारे द्वारा पैदा की गई समस्याओं के सबसे ज्यादा पीड़ित हैं. अफगानिस्तान इसका एक उदाहरण है. अब ठोस कार्रवाई नहीं की गई तो सबसे ज्यादा नुकसान अफगानी बच्चों को होगा.
इससे पहले संयुक्त राष्ट्र महासचिव एंटोनियो गुटेरेस ने कैलाश सत्यार्थी को एसडीजी एडवोकेट नियुक्त करते हुए कहा कि मैं दुनियाभर के बच्चों को आवाज देने के लिए कैलाश सत्यार्थी की अटूट प्रतिबद्धता की सराहना करता हूं. यह समय की जरूरत है कि हम एक साथ आएं, सहयोग करें, साझेदारी बनाएं और एसडीजी की दिशा में वैश्विक कार्रवाई को तेज करने में एक-दूसरे का समर्थन करें.
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