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उत्तर भारत की खतरनाक बीमारी HCV की खोज करने वाले तीन वैज्ञानिकों को मिला नोबेल पुरस्कार, कोरोना की तरह इसका भी नहीं बना vaccine

उत्तर भारत की खतरनाक बीमारी HCV की खोज करने वाले तीन वैज्ञानिकों को मिला Nobel Prize कोरोना की तरह इसका भी नहीं बना vaccine

By Prabhat Khabar Digital Desk | October 5, 2020 5:09 PM
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Nobel Prize 2020 : वर्ष 2020 का फिजियोलॉजी या मेडिसिन का नोबेल पुरस्कार हेपेटाइटिस सी वायरस की खोज के लिए तीन वैज्ञानिकों हार्वे जे अल्टर, माइकल ह्यूटन और चार्ल्स एम को संयुक्त रूप से दिया गया है. इन वैज्ञानिकों की खोज से अब हेपेटाइटिस सी का इलाज संभव है. इससे पहले इस बीमारी का इलाज संभव नहीं था.

वैज्ञानिकों के खोज से रक्त परीक्षण द्वारा इस बीमारी के कारणों का पता लगाया जाता है और हजारों लोगों का इलाज संभव हो पाया है. भारत में हेपेटाइटिस सी के बहुत रोगी मिलते हैं . जानकारी के अभाव में कई लोगों की इससे जान भी चली जाती है. हालांकि सही दवा लेने से इलाज संभव है.


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हेपेटाइटिस सी मानव स्वास्थ्य के लिए एक वैश्विक खतरा है. इससे लीवर में सूजन हो जाता है, जो वायरल संक्रमण के कारण होता है. हालांकि अत्यधिक शराब का सेवन भी इसका प्रमुख कारण है. 1940 में, यह स्पष्ट हो गया था कि संक्रामक हेपेटाइटिस के दो मुख्य प्रकार हैं- हेपेटाइटिस ए जो प्रदूषित पानी या भोजन से फैलता है और आमतौर पर रोगी पर इसका दीर्घकालिक प्रभाव नहीं होता है. दूसरे प्रकार का हेपेटाइटिस रक्त के माध्यम से होता है और बहुत अधिक गंभीर खतरे का प्रतिनिधित्व करता है. यह लीवर कैंसर का कारण भी बनता है. इसके कारण प्रतिवर्ष विश्व भर में एक लाख से अधिक लोगों की मौत होती है.

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