नोएडा : निजी स्कूलों के फीस बढ़ाने पर प्रशासन ने लगायी रोक, पैरेंट्स वेलफेयर सोसायटी ने कहा- ”लॉलीपॉप क्यों दे रहे हैं?”
Noida, Delhi ncr, private schools, School fees : नोएडा : दिल्ली एनसीआर में आनेवाले उत्तर प्रदेश के गौतमबुद्ध नगर जिला प्रशासन ने सभी निजी स्कूलों में फीस बढ़ाने पर रोक लगा दी है. जिला प्रशासन ने निजी स्कूलों से पूर्व के फीस सर्कुलर को ही लागू करने की बात कही है.
नोएडा : दिल्ली एनसीआर में आनेवाले उत्तर प्रदेश के गौतमबुद्ध नगर जिला प्रशासन ने सभी निजी स्कूलों में फीस बढ़ाने पर रोक लगा दी है. जिला प्रशासन ने निजी स्कूलों से पूर्व के फीस सर्कुलर को ही लागू करने की बात कही है.
@dmgbnagar why you are giving these lollypops to Parents? DFRC is having court rights to decide school fee for every session after reviewing the balance sheet of school as UP Fee Regulatory Act, then why you are not reviewing the balance sheet and deciding the jistificable fee? pic.twitter.com/Zn0e7SzUNI
— GautamBuddha Nagar Parents Welfare Society (GPWS) (@GPWS_Official) March 16, 2021
वहीं, गौतमबुद्ध नगर पैरेंट्स वेलफेयर सोसायटी ने फैसले पर आपत्ति जतायी है. गौतमबुद्ध नगर पैरेंट्स वेलफेयर सोसायटी ने ट्वीट कर जिला प्रशासन से कहा है कि ”आप पैरेंट्स को ये लॉलीपॉप क्यों दे रहे हैं? DFRC (डिस्ट्रिक्ट फी रेगुलेशन कमेटी) के पास स्कूल की बैलेंस शीट की समीक्षा करने के बाद हर सत्र के लिए स्कूल शुल्क तय करने के लिए अदालती अधिकार हैं.”
मालूम हो कि कोरोना महामारी कारण उपजे हालात के मद्देनजर जिला प्रशासन ने निजी स्कूलों के फीस बढ़ाने पर रोक का आदेश दिया है. यह आदेश डिस्ट्रिक्ट फीस रेगुलेशन अथॉरिटी की 16 मार्च को हुई बैठक के बाद लिया गया है.
आदेश में कहा गया है कि शैक्षणिक सत्र 2021-22 के लिए निजी स्कूलों में फीस की बढ़ोतरी नहीं होगी. नये सत्र में भी फीस पिछले सत्र (2020-21) की ही ली जायेगी. यह फीस उससे पहले के सेशन (2019-20) से ज्यादा ना हो.
कोरोना संकट को लेकर दिये गये आदेश में कहा गया है कि अब भी नेशनल डिजास्टर मैनेजमेंट ऐक्ट-2005 लागू है. इसलिए सभी निजी स्कूलों को डिस्ट्रिक्ट फीस रेगुलेशन अथॉरिटी और डिस्ट्रिक्ट डिजास्टर मैनेजमेंट अथॉरिटी के निर्देशों को मानना होगा.
बैठक में सभी निजी स्कूलों को प्रति माह फीस लेने को कहा गया है. साथ ही किसी भी छात्र को तिमाही, छमाही या वार्षिक आधार पर फीस देने के लिए बाध्य नहीं किया जायेगा.