लद्दाख में गतिरोध पर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने सर्वदलीय बैठक में कहा कि न वहां कोई हमारी सीमा में घुसा हुआ है, न ही हमारी कोई पोस्ट किसी दूसरे (चीन) के कब्जे में है. लद्दाख में हमारे 20 जांबाज शहीद हुए, लेकिन जिन्होंने भारत माता की तरफ आंख उठाकर देखा था, उन्हें वो सबक सिखाकर गये. प्रधानमंत्री ने कहा कि हमारे जवानों को देश की रक्षा के लिए जो करना चाहिए, वो कर रहे हैं. चाहे जवानों को तैनात करना हो, कार्रवाई करना हो या जवाबी कार्रवाई करना हो.
नरेंद्र मोदी ने कहा कि नवनिर्मित बुनियादी संरचनाओं की वजह से, खासतौर पर एलएसी के आसपास हुए निर्माण से हमारी गश्त की क्षमता बढ़ी है. बीते पांच वर्षों में देश ने अपनी सीमाओं को सुरक्षित करने के लिए कई महत्वपूर्ण काम किये गये हैं. एलएसी पर पेट्रोलिंग बढ़ गयी है. पेट्रोलिंग बढ़ने से सीमा पर कोई भी गतिविधि पर हमारी नजर बनी हुई है. राष्ट्रहित, देशवासियों का हित हमेशा हम सभी की सर्वोच्च प्राथमिकता रही है. भारत ने कभी किसी बाहरी दबाव को स्वीकार नहीं किया है.
प्रधानमंत्री ने कहा कि राष्ट्रीय सुरक्षा के लिए जो भी जरूरी कदम हैं वो उठाये गये हैं. उन्होंने कहा कि मैं सभी देशवासियों और भारत की रातनीतिक दलों को आश्वस्त करना चाहता हूं कि भारतीय सेना को किसी भी कार्रवाई के लिए पूरी स्वतंत्रता दी गयी है. सभी दलों को सुझाव देने के लिए आभार देता हूं. आगे की रणनीति में आपके सुझाव महत्वपूर्ण होंगे. भारत शांति चाहता है, लेकिन अपने सौर्य की रक्षा करना हमे आता है.
उन्होंने कहा कि चीन के साथ कूटनीतिक बातचीत जारी है. चाहे ट्रेड हो, कनेक्टिविटी हो, काउंटर टेरेरिज्म हो, भारत ने कभी किसी बाहरी दबाव को स्वीकार नहीं किया है. राष्ट्रीय सुरक्षा के लिए जो भी जरूरी कार्य हैं, जो भी जरूरी इंफ्रास्ट्रक्चर का निर्माण है, उसे इसी तरह तेज गति से आगे भी किया जाता रहेगा. बेहतर हो रहे इंफ्रास्ट्रक्चर से एक मदद ये भी मिली है कि हमारे जवान, जो उस कठिन परिस्थिति में वहां तैनात रहते हैं, उन्हें साजो-सामान पहुंचाने में, आसानी हुई है. हमारी सभी चौकियां सुरक्षित हैं. हमारे जवान सीमाओं की सुरक्षा करने में पूरी तरह सक्षम हैं.
उल्लेखनीय है कि भारत-चीन सीमा पर स्थिति के संबंध में विचार करने के लिए प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी द्वारा शुक्रवार को बुलायी गयी सर्वदलीय बैठक में प्रमुख राजनीतिक दलों के नेताओं ने इस संवेदनशील मुद्दे पर अपने विचार सामने रखे. इस डिजिटल बैठक की शुरुआत में उन 20 भारतीय सैनिकों को श्रद्धांजलि दी गयी जो पिछले दिनों पूर्वी लद्दाख में चीनी सैनिकों के साथ हुई झड़प में शहीद हो गये थे.
प्रधानमंत्री मोदी, रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह, विदेश मंत्री एस जयशंकर ने शहीद जवानों के सम्मान में खड़े होकर कुछ देर मौन रखा. शुरुआत में सिंह और जयशंकर ने टकराव के बारे में बात की. बैठक में कांग्रेस अध्यक्ष सोनिया गांधी, राकांपा अध्यक्ष शरद पवार, टीआरएस नेता के चंद्रशेखर राव, जद (यू) नेता नीतीश कुमार, द्रमुक के एम के स्टालिन, वाईएसआर कांग्रेस पार्टी के वाईएस जगन मोहन रेड्डी और शिवसेना नेता उद्धव ठाकरे भी शामिल हुए.
सरकार ने प्रमुख राजनीतिक दलों के अध्यक्षों को बैठक के लिए आमंत्रित किया था. कांग्रेस सहित विभिन्न विपक्षी दलों ने सरकार से कहा है कि सीमा पर स्थिति के बारे में उसे पारदर्शी होना चाहिए. विपक्ष ने इस मुद्दे को लेकर सरकार की आलोचना भी की है. मोदी ने जोर दिया है कि भारतीय सैनिकों का बलिदान व्यर्थ नहीं जायेगा. रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह ने कहा था कि हमारे सैनिकों ने कर्तव्य के प्रति अनुकरणीय साहस और वीरता दिखाई और भारतीय सेना की सर्वोच्च परंपराओं को निभाते हुए अपने जीवन का बलिदान किया.
Posted By: Amlesh Nandan Sinha.