Norovirus: केरल के स्वास्थ्य विभाग के अनुसार 24 जनवरी को मिले नोरोवायरस के मामले एर्नाकुलम जिले में कक्षा 1 के छात्रों के गैस्ट्रोएंटेराइटिस संक्रमण के दो मामलों से जुड़ा हुआ है. उन्हें दस्त, पेट में दर्द, उल्टी, मतली, उच्च तापमान जैसे लक्षणों के बाद 62 छात्रों और उनके माता-पिता की जांच की गई थी जिसमें दो सैंपल में नोरोवायरस के मामले मिले. कितना खतरनाक है नोरोवायरस, क्या हैं लक्षण और कैसे फैलता है, बचाव के उपाय क्या हैं जानें.
नोरोवायरस, जो लगभग 50 से अधिक वर्षों से मनुष्यों में है और माना जाता है कि गैस्ट्रोएंटेराइटिस के मुख्य कारणों में से एक है, यह हाल की बीमारी नहीं है. अनुमान के मुताबिक, वायरस दुनिया भर में सालाना 200,000 लोगों को मारता है, इनमें से अधिकांश मौतें पांच साल से कम उम्र के बच्चों और 65 साल से अधिक उम्र के वरिष्ठ नागरिकों में होती हैं.
हालांकि कई अन्य देशों की तुलना में नोरोवायरस के मामले भारत में कम होते हैं, केरल में हाल के मामले किसी भी तरह से असाधारण या एकबारगी नहीं हैं. इस संक्रमण की पहले रिपोर्ट साउथ इंडिया के केरल से मिली है.
क्रिश्चियन मेडिकल कॉलेज-वेल्लोर द्वारा 2016 के एक अध्ययन में डायरिया के 1,856 एपिसोड और उल्टी के 147 एपिसोड पाए गए, जिसने तीन वर्षों के दौरान 373 के बर्थ ग्रुप पर नजर रखी गई. अध्ययन के अनुसार, 20.4% उल्टी एपिसोड और 11.2% डायरिया एपिसोड में नोरोवायरस पाया गया. 2021 के हैदराबाद के एक अध्ययन के अनुसार, जिन बच्चों में तीव्र गैस्ट्रोएंटेराइटिस था, उनके 10.3% नमूनों में नोरोवायरस पाया गया था.
इंस्टीट्यूट ऑफ एडवांस वायरोलॉजी-केरल के निदेशक डॉ. ई श्रीकुमार के अनुसार, हाल ही में रिपोर्ट किए गए नोरोवायरस मामलों की संख्या में वृद्धि हुई है. इसका एक कारण यह भी हो सकता है कि हम पहले वायरस की तलाश नहीं कर रहे थे. अब हमारे पास न केवल इस वायरस बल्कि कई अन्य का पता लगाने के लिए सिस्टम है.
क्या नोरोवायरस व्यापक रूप से फैल सकता है और प्रकोप का कारण बन सकता है?
नहीं. भले ही नोरोवायरस के अधिक मामले पाए जा रहे हैं, विशेषज्ञों का मानना है कि इसके परिणामस्वरूप व्यापक प्रकोप नहीं होगा. नोरोवायरस के मामले छिटपुट हैं और स्कूलों या छात्रावासों में छोटे समूहों में पाए जाते हैं जहां लोग समान फूड का सेवन करते हैं. संक्रमण का प्रसार भी सीमित है. यह एक व्यक्तिगत समस्या है.
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दस्त, उल्टी, मतली और पेट दर्द नोरोवायरस के लक्षण हैं. डायरिया की बीमारी होने के कारण यह डिहाइड्रेशन का कारण बन सकता है, इसलिए बहुत सारे लिक्विड पीने की सलाह दी जाती है.
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वायरस दूषित भोजन, दूषित सतहों को छूने और फिर मुंह को छूने और संक्रमित व्यक्ति के सीधे संपर्क में आने से फैल सकता है, जैसे कि जब आप उनकी देखभाल कर रहे हों या उनके साथ भोजन और बर्तन साझा कर रहे हों.
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संक्रमण से बचने का सबसे अच्छा तरीका है हाथों की अच्छी तरह से साफ रखें. अपने हाथों को साबुन और पानी से 20 सेकेंड तक धोएं. ऐसा माना जाता है कि हैंड सैनिटाइजर नोरोवायरस का प्रभावी ढंग से मुकाबला नहीं करते हैं.
Disclaimer: हमारी खबरें जनसामान्य के लिए हितकारी हैं. लेकिन दवा या किसी मेडिकल सलाह को डॉक्टर से परामर्श के बाद ही लें.