North East Delhi Riots: दिल्ली की कड़कड़डूमा कोर्ट ने फरवरी, 2020 के उत्तर-पूर्वी दिल्ली दंगों से जुड़े एक मामले में हत्या, आगजनी और चोरी समेत विभिन्न अपराधों के आठ आरोपियों के खिलाफ आरोप तय करने का आदेश दिया है. इन आठों पर 24 फरवरी, 2020 को यहां शिव विहार तिराहा के पास एक समुदाय विशेष के लोगों पर हमला करने और संपत्ति को नुकसान पहुंचाने वाली दंगाई भीड़ का हिस्सा होने का आरोप लगाया गया था. अभियोजन पक्ष के अनुसार, राहुल सोलंकी नाम के व्यक्ति की भीड़ द्वारा गोली मारे जाने से मौत हो गई जबकि संजीव कौशिक की दुकान में तोड़फोड़ कर आग लगा दी गई.
दोषियों पर हत्या, आगजनी और चोरी का आरोप
कोर्ट ने जिन 8 लोगों को दोषी करार दिया है, उनके खिलाफ हत्या, आगजनी और चोरी का आरोप है. जिन 8 लोगों को दोषी ठहराया गया है, उसमें सलमान, सोनू सैफी, मोहम्मद आरिफ, अनीश कुरैशी, सिराजुद्दीन, मोहम्मद फुरकान, मोहम्मद इरशाद और मोहम्मद मुस्तकीम शामिल हैं. अदालत ने सभी आरोपियों के खिलाफ धारा 302 (हत्या) समेत अन्य संबंधित धाराओं में भी आरोप तय करने के आदेश दिए1 इसने कहा कि रिकॉर्ड में मौजूद सबूतों से पता चलता है कि दंगाई भीड़ तोड़फोड़, आगजनी, गोलियां चलाने आदि में लिप्त थी.
संपत्ति को पहुंचाया गया नुकसान
कोर्ट ने याचिका पर सुनवाई करते हुए कहा, दंगा के दौरान हिंदूओं की संपत्ति को नुकसान पहुंचाया गया. सभी पर आईपीसी की धारा 149 और 188 के तहत आरोप तय किया गया है. सत्र न्यायाधीश पुलस्त्य प्रमाचला ने पिछले सप्ताह पारित एक आदेश में कहा, मुझे लगता है कि सलमान, सोनू सैफी, मोहम्मद आरिफ, अनीश कुरैशी, सिराजुद्दीन, मोहम्मद फुरकान, मोहम्मद इरशाद और मोहम्मद मुस्तकीम के खिलाफ धारा 147 (दंगा), 148 (घातक हथियार से लैस होकर दंगा करना), 153ए (धर्म, जाति, जन्म स्थान, निवास के आधार पर विभिन्न समूहों के बीच दुश्मनी को बढ़ावा देना) के तहत दंडनीय अपराधों के लिए मुकदमा चलाया जाना चाहिए.
दंगे में गयी थी 53 लोगों की जान
दिल्ली में फरवरी 2020 में हुए दंगा मामले में 53 लोगों की जान चली गयी थी. जबकि कई लोग घायल हुए थे. दंगा में संपत्तियों को भी भारी नुकसान हुआ था. दिल्ली दंगा मामले में 26 सौ से अधिक लोगों की गिरफ्तारी भी हुई थी. कई सरकारी बसों और इमारतों को भी आग के हवाले कर दिया गया था.
दिल्ली दंगा मामले में 4 आरोपी बरी
दिल्ली की कड़कड़डूमा कोर्ट ने फरवरी 2020 में गोकुलपुरी इलाके में दंगा, चोरी और दुकानों को जलाने के मामले में चार आरोपियों को बरी भी कर दिया था. कोर्ट ने कहा कि आरोपी संदेह के लाभ के हकदार हैं. अदालत ने अभियोजन पक्ष के गवाहों की गवाही को भी अविश्वसनीय पाया.