नोटों और पैकेटबंद चीजों को भी किया जा सकता है इन्फेक्शन फ्री, जानिये कैसे…?

नोट हों या फिर ऑनलाइन मंगाई जाने वाली पैकेटबंद सामान, कोरोना वायरस संकट की घड़ी में सबको बड़ी आसानी से संक्रमणमुक्त किया जा सकता है.

By KumarVishwat Sen | April 17, 2020 10:07 PM

नयी दिल्ली : नोट हों या फिर ऑनलाइन मंगाई जाने वाली पैकेटबंद सामान, कोरोना वायरस संकट की घड़ी में सबको बड़ी आसानी से संक्रमणमुक्त किया जा सकता है. अनुसंधानकर्ताओं ने पराबैंगनी प्रकाश से युक्त एक ऐसा रैकेट तैयार किया है, जो लगभग प्रत्येक सतह, ई-कॉमर्स पैकेटों और मुद्रा नोटों जैसी हर वस्तु को संक्रमणमुक्त कर सकता है. इस रैकेट को कहीं भी ले जाया जा सकता है और संबंधित वस्तु के ऊपर इससे हाथ के पंखे की तरह हवा करनी होती है. यह रैकेट कोविड-19 महामारी से लड़ने में एक कारगर औजार साबित हो सकता है.

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80 सेंटीमीटर लंबा है रैकेट : इस रैकेट को विकसित करने वाले अनुसंधानकर्ताओं का कहना है कि 80 सेंटीमीटर लंबे इस रैकेट में एक तरफ स्थापित अंडाकार सिरे में यूवीसी ट्यूब-200 से 280 नैनोमीटर के बीच तरंगदैर्ध्य युक्त पराबैंगनी प्रकाश होता है. उन्होंने कहा कि उपकरण का दूसरी तरफ का हिस्सा धातु से बनी एक चादर से ढका होता है, ताकि इसे इस्तेमाल करने वाला व्यक्ति घातक पराबैंगनी किरणों की चपेट में न आ सके.

सामानों के इर्द-गिर्द रैकेट को लहराना जरूरी : पंजाब स्थित लवली प्रोफेशनल यूनिवर्सिटी के सहायक प्रोफेसर मनदीप सिंह ने कहा, ‘‘वर्तमान महामारी के दौर में हमें अपनी सुरक्षा के बारे में अधिक सतर्क रहने की आवश्यकता है और हमें उस हर चीज को संक्रमणमुक्त करना चाहिए, जिसे हम बाहर से अपने घर ले जाते हैं. सिंह ने कहा, ‘‘हमारा यूवी रैकेट इसे प्राप्त करने का पूर्ण समाधान है. चाहे यह बैग हो, बाहर से आयीं खाने-पीने की चीजें हों या ई-कॉमर्स के पैकेट हों, इनके ऊपर रैकेट को कुछ समय के लिए लहराना चाहिए, ताकि ये संक्रमणमुक्त हो जाएं.

पैकेट या सामान की पांच इंच की दूरी से रैकेट को लहराना पड़ता है : अनुसंधानकर्ताओं ने कहा कि इस रैकेट को संबंधित वस्तु के ऊपर चार-पांच इंच की दूरी से एक मिनट के लिए लहराना चाहिए. उन्होंने कहा कि कोई मानवीय हस्तक्षेप होने पर रैकेट संक्रमणमुक्ति की प्रक्रिया को बंद कर देता है, ताकि मानव त्वचा को कोई नुकसान न पहुंचे.

रैकेट में लगा है टाइमर : यूनिवसिर्टी के बीटेक छात्र अनंत कुमार राजपूत ने कहा कि रैकेट में टाइमर भी लगा है, जो एक मिनट के बाद बीप की आवाज देता है. इस रैकेट को अनंत ने ही सिंह और परियोजना अधिकारी राहुल अमीन चौधरी के दिशा-निर्देश में विकसित किया है. टीम ने इस रैकेट के पेटेंट के लिए आवेदन किया है और इसे बाजार में उतारने के लिए औद्योगिक साझेदारों की तलाश है. इसके बाद यह रैकेट एक हजार रुपये में उपलब्ध होगा.

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