भारी बारिश के बाद अब बिहार-झारखंड समेत पूरे भारत में पड़ेगी प्रचंड गर्मी, चलेगी लू
आईएमडी ने कहा कि 2023 में गर्मी के मौसम (अप्रैल से जून) के दौरान दक्षिण प्रायद्वीपीय भारत और उत्तर-पश्चिमी भारत के कुछ हिस्सों को छोड़कर देश के अधिकांश हिस्सों में अधिकतम तापमान सामान्य से अधिक रहने की संभावना है.
नई दिल्ली : भारी बारिश के बाद अब बिहार-झारखंड समेत भारत के अधिकांश हिस्सों में अप्रैल-जून के दौरान प्रचंड गर्मी पड़ने की आशंका जाहिर की जा रही है. इस दौरान लू चलने के भी आसार हैं. भारत मौसम विज्ञान विभाग (आईएमडी) ने शनिवार को कहा कि उत्तर पश्चिमी भारत के कुछ हिस्सों एवं प्रायद्वीपीय क्षेत्र को छोड़कर देश के अधिकांश हिस्सों में अप्रैल से जून तक अधिकतम तापमान सामान्य से अधिक रहने की संभावना है. उसने कहा कि इस दौरान मध्य, पूर्वी और उत्तर-पश्चिमी भारत के अधिकांश हिस्सों में सामान्य से अधिक गर्मी रहने का अनुमान है.
बिहार-झारखंड, उत्तर प्रदेश में प्रचंड गर्मी
आईएमडी ने कहा कि 2023 में गर्मी के मौसम (अप्रैल से जून) के दौरान दक्षिण प्रायद्वीपीय भारत और उत्तर-पश्चिमी भारत के कुछ हिस्सों को छोड़कर देश के अधिकांश हिस्सों में अधिकतम तापमान सामान्य से अधिक रहने की संभावना है. आईएमडी के महानिदेशक मृत्युंजय महापात्रा ने एक डिजिटल संवाददाता सम्मेलन में कहा कि बिहार, झारखंड, उत्तर प्रदेश, ओडिशा, पश्चिम बंगाल, छत्तीसगढ़, महाराष्ट्र, गुजरात, पंजाब और हरियाणा के कुछ हिस्सों में प्रचंड गर्मी (हीटवेव) पड़ने की आशंका है.
1901 के बाद फरवरी सबसे ज्यादा गर्म रही
बता दें कि प्रचंड गर्मी (हीटवेव) की घोषणा तब की जाती है, जब किसी स्टेशन का अधिकतम तापमान मैदानों में कम से कम 40 डिग्री सेल्सियस, तटीय इलाकों में कम से कम 37 डिग्री सेल्सियस और पर्वतीय क्षेत्रों में कम से कम 30 डिग्री सेल्सियस पहुंच जाता है. आईएमडी के अनुसार, भारत में 1901 के बाद से 2023 में फरवरी में सबसे ज्यादा गर्मी रही. हालांकि, सात पश्चिमी विक्षोभ के कारण सामान्य से अधिक बारिश होने के कारण मार्च में तापमान में गिरावट रही.
अप्रैल में बारिश रहेगी सामान्य
मौसम विभाग ने कहा कि पूर्वोत्तर और उत्तरपश्चिमी भारत तथा प्रायद्वीपीय क्षेत्र के दूरदराज हिस्सों को छोड़कर देश के ज्यादातर हिस्सों में न्यूनतम तापमान सामान्य या उससे अधिक रहने की संभावना है. मौसम ब्यूरो ने कहा कि भारत में अप्रैल में सामान्य बारिश की संभावना है. 1971 से 2020 तक एकत्रित आंकड़ों के अनुसार, अप्रैल में देश में औसतन 39.2 मिलीमीटर बारिश हुई. उसने कहा कि उत्तरपश्चिमी, मध्य और प्रायद्वीपीय क्षेत्र के अधिकांश हिस्सों में सामान्य या सामान्य से अधिक बारिश की संभावना है, जबकि पूर्वी और पूर्वोत्तर भारत में सामान्य से कम बारिश की संभावना है.
ना नीना हुई है कमजोर
आईएमडी के अनुसार, दक्षिण अमेरिका के समीप प्रशांत महासागर में पानी के ठंडा होने यानी कि ना नीना परिस्थितियां कमजोर हो गई है. महापात्रा ने कहा कि पूर्वानुमान से संकेत मिलता है कि अप्रैल से जून तक अल नीनो परिस्थितियां हो सकती है. अल नीनो में जुलाई-सितंबर तक बदलाव हो सकता है और बारिश के जरिए अल नीनो का प्रभाव बढ़ने की संभावना है.