Loading election data...

अब 12 साल से अधिक उम्र के बच्चों को भी लगेगा कोरोना का टीका, जायडस कैडिला ने इमरजेंसी यूज के लिए डीसीजीआई से मांगी मंजूरी

कंपनी ने कहा कि उसने भारत में अब तक 50 से अधिक केंद्रों में अपनी कोरोना वैक्सीन के लिए क्लीनिकल ट्रायल किया है. कंपनी ने डीसीजीआई के सामने वैक्सीन के तीसरे चरण के ट्रायल का डेटा प्रस्तुत किया है, जिसमें 28,000 से अधिक वॉलंटियरों ने भाग लिया था. मीडिया की खबर के अनुसार, अंतरिम डेटा में वैक्सीन सुरक्षा और प्रभावकारिता के मानकों पर खड़ी उतरी है.

By Prabhat Khabar Digital Desk | July 1, 2021 4:03 PM
an image

नई दिल्ली : कोरोना महामारी की तीसरी लहर से पहले सरकार और आम आदमी के लिए एक बहुत बड़ी खुशखबरी है. वह यह कि देश में अब 12 साल से अधिक उम्र के बच्चों को भी कोरोना रोधी टीका लगाया जा सकेगा. इसके लिए स्वदेशी कंपनी जायडस कैडिला ने गुरुवार को अपनी कोरोना वैक्सीन जायकोव-डी के इमरजेंसी यूज के लिए भारत के औषधि महानियंत्रक (डीसीजीआई) से मंजूरी मांगी है.

कंपनी ने कहा कि उसने भारत में अब तक 50 से अधिक केंद्रों में अपनी कोरोना वैक्सीन के लिए क्लीनिकल ट्रायल किया है. कंपनी ने डीसीजीआई के सामने वैक्सीन के तीसरे चरण के ट्रायल का डेटा प्रस्तुत किया है, जिसमें 28,000 से अधिक वॉलंटियरों ने भाग लिया था. मीडिया की खबर के अनुसार, अंतरिम डेटा में वैक्सीन सुरक्षा और प्रभावकारिता के मानकों पर खड़ी उतरी है.

जायडस कैडिला ने डीजीसीआई के सामने पेश आवेदन में अपनी डीएनए वैक्सीन जायकोव-डी के इमरजेंसी यूज की मंजूरी मांगी है. जायडस कैडिला की यह वैक्सीन 12 वर्ष की आयु और उससे ऊपर के लोगों के लिए तैयार की गई है. जायडस कैडिला ने जारी एक बयान में कहा कि कंपनी ने जायकोव-डी के लिए डीसीजीआई के कार्यालय में ईयूए के लिए आवेदन किया है. यह कोरोना के खिलाफ एक प्लास्मिड डीएनए वैक्सीन है.

गौरतलब है कि सीरम इंस्टीट्यूट को सरकार ने बड़ा झटका दिया है. केंद्रीय दवा प्राधिकरण की विशेषज्ञ समिति ने बच्चों पर होने वाले वैक्सीन ट्रायल के लिए इन्हें अनुमति नहीं दी. केंद्रीय दवा प्राधिकरण की विशेषज्ञ समिति ने बुधवार को सीरम इंस्टीट्यूट ऑफ इंडिया को 2-17 आयुवर्गके बच्चों पर कोविड-19 टीके ‘कोवावैक्स’ के दूसरे या तीसरे चरण के क्लीनिकल ट्रायल करने के खिलाफ सिफारिश की है.

इस संबंध में सीरम इंस्टीट्यूट ने सोमवार को भारत के औषधि महानियंत्रक (डीसीजीआई) के आवेदन करके 10 जगहों पर 920 बच्चों पर इस टीके के ट्रायल की इजाजत मांगी थी. इस आवेदन पर जब विचार-विमर्श के लिए विशेषज्ञों की टीम ने पाया कि इस वैक्सीन को किसी भी देश ने अब तक इजाजत नहीं दी है और इसमें प्रकार की कई कमियां मौजूद हैं.

Also Read: भारत में 12 साल से ऊपर के 80 फीसदी बच्चों को लगेगा कोरोना का टीका! वैक्सीन के लिए सरकार भारत बायोटेक से कर रही बात

Posted by : Vishwat Sen

Exit mobile version